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होली पर हिन्दू मुस्लिम एकता की मिसाल पेश

फ़िरोज़ाबाद ,| होली का पर्व व शबे बरात का त्यौहार पूरे शहर में बड़ी अमन के साथ आयोजित किया गया| होली के मौके पर मुस्लिम समुदाय की ओर से अमन की मिसाल देखने को मिली| होली पर हर वर्ष परम्परागत तरीके से श्री कृष्ण भगवान व श्री बलराम जी का डोला मुहल्ला दुली चौराहे से निर्धारित मार्गो से होता हुआ मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रो से होकर गुजरता है| जिसमें श्री कृष्ण भगवान व श्री बलराम जी स्वरूप कमैटी पदाधिकारियों के साथ शोभायात्रा के रूप मे निकाली जाती रही है| डोला मुस्लिम क्षेत्रो में चौकी गेट, छतरी वाला कुआ होता हुआ मुहल्ला इमामबाड़ा स्थित धार्मिक व प्राचीन  शाही बड़ा इमामबाड़ा व शहर काज़ी दफ्तर के सामने से होकर श्री राधाकृष्ण मन्दिर पहुचा जहाँ हिन्दु मुस्लिम एकता का अनूठा संगम देखने को मिला| जहाँ शहर के प्राचीन शाही बड़ा इमामबाड़ा के मुख्य द्वार पर शहर काजी सैय्यद शाहनियाज अली ने शाही बड़ा इमामबाड़ा मुहर्रम कमैटी के पदाधिकारियो के साथ डोले के साथ चल रहे पदाधिकारियों का भव्य स्वागत किया गया तथा जलपान कराया गया| शहर काजी सैय्यद शाहनियाज अली व शाही बड़ा इमामबाड़ा कमैटी पदाधिकारियो ने डोले के साथ चल रहे शोभायात्रा समीति के पदाधिकारियों, सुरेश यादव कानूनगो, पार्षद हरी ओम वर्मा, पार्षद मोहित अग्रवाल, के साथ ही सभी पदाधिकारीयो का फूल मालाओ व अल्फी पहनाकर भव्य स्वागत किया तथा जलपान कराया तथा शहर काज़ी उक्त डोले के साथ इमामबाड़ा चौराहे तक शोभायात्रा के साथ चले|

इस दौरान शहर काजी सैय्यद शाहनियाज अली ने बताया कि होली पर हर वर्ष परम्परागत तरीके से श्री कृष्ण भगवान व श्री बलराम जी का डोला निकाला जाता रहा है, जिसमें अमनो अमान व आपसी भाईचारा कायम करने के उद्देशय के साथ हमारे खानदान व मुहल्ला इमामबाड़ा के निवासियो द्वारा हमेशा इज़्ज़त बख्शी गई है, सम्मान किया है| इस काम को हमारे खानदान के बुजूर्गों व मुहल्लावासियों ने हमैशा अपनी जिम्मेदारी समझ कर अंजाम दिया है|

शहर काज़ी ने बताया कि मुझ से पहले सद्भावना के इस काम को मेरे दिवंगत बुजूर्गो जिसमें मेरे पिता जी शहर काज़ी सैय्यद अली शहबाज़, मेरे दादा शहर काज़ी अल्हाज हकीम सूफी सैय्यद हामिद अली शाह उर्फ हकीम बाबू, मेरे बड़े बाबा म्यूनिस्पिल कमीश्नर हकीम सैय्यद इसहाक अली उर्फ हकीम मुन्न, मेरे परदादा शहर काज़ी अल्हाज सूफी हकीम सैय्यद वाहिद अली शाह वारसी (म्यूनिस्पिल कमीश्नर व मुखिया परगना फीरोज़ाबाद) व इनसे पूर्व भी तमाम बुजूर्गों ने हमेशा शान्ति व सद्भावना के तौर पर उक्त डोला शोभायात्रा की इज़्ज़त करने हुए सम्मान दिया है और अब यह तमाम जिम्मेदारियाँ मेरे द्वारा बतौर शहर काज़ी निर्वाह कर रहा हूँ और करता रहूगाँ|

शहर काज़ी ने बताया कि हमारा खानदान लगभग 800 वर्षो से शहर काज़ी जैसे मज़हबी पदवी पर अपनी जिम्मेदारी को अंजाम देते आ रहे है और जो कि सनद याफ्ता (प्रमाणिक) हैं, इसके अलावा हमारे बुजूर्ग तमाम संवैधानिक व प्रशासनिक ओहदो पर रहते हुए भी हमैशा भाईचारा कायम करने का काम किया है और आगे भी करते रहेगें| ज्ञात हो कि शहर काजी सैय्यद शाहनियाज अली द्वारा हमैशा से श्री कृष्ण भगवान व श्री बलराम जी की शौभायात्रा के साथ ही श्री रामबरात का भी इस्तकबालिया (स्वागत) प्रोग्राम किया जाता रहा है| शहर काजी सैय्यद शाहनियाज अली द्वारा समय समय पर आपसी भाईचारा शान्ति व सद्भावना के लिये कार्य किये है़|
इस मौके पर शहर काज़ी के साथ के साथ शाही बड़ा इमामबाड़ा कमैटी के अध्यक्ष सैय्यद मुसर्रत अली, कमर आलम साबरी, सचिव अखलाक खान, मेहरोज़ अख्तर, प्रबन्धक सैय्यद मु.रजा अली, संयोजक दिलशाद अली राजू, गुलाम जिलानी, जावेद अली, जमशेद अली, नवेद अली, अकरम खान, शाहफराज अली, इमरान मुस्तफा, अनवर जिया, शाहरूख अली, मेहमूद वारसी आदि मौजूद रहे|
संवाद , दानिश उमरी