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फ़िरोज़ाबाद में शुरू हुआ पोलियो प्रतिरक्षण अभियान

मुख्य विकास अधिकारी ने बच्चो को पोलियो की खुराक पिलाकर किया अभियान का शुभारंभ

फिरोजाबाद। (डीवीएनए)पोलियो प्रतिरक्षण अभियान एक बार फिर से जनपद में रविवार से शुरू हो गया। छह दिन चलने वाले अभियान में पहले दिन सदर स्थित प्राइमरी स्कूल के बूथ पर मुख्य विकास अधिकारी डॉ चर्चित गौड़ और मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ दिनेश कुमार प्रेमी ने उपस्थित बच्चों को पोलियो की खुराक पिलाकर अभियान का शुभारंभ किया|

मुख्य विकास अधिकारी ने बताया कि कोरोना संक्रमण के कारण पोलियो प्रतिरक्षण अभियान प्रभावित था। इस वजह से पांच साल तक की आयु के बच्चों को पोलियो की दवा नहीं पिलाई जा सकी थी। अब कोरोना संक्रमण कम होने के बाद शासन के निर्देश पर जनपद में पोलियो अभियान शुरू हो गया है।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ दिनेश कुमार प्रेमी ने रविवार को अभियान के पहले दिन 99 बूथों पर पोलियो की दवाई पिलाई गई। उन्होंने बताया कि जिले भर में पोलियो प्रतिरक्षण अभियान में लगभग 4.79 लाख बच्चों को पोलियो की दवा पिलाई जाएगी। अभियान के आखिरी पांच दिन 48 टीमें घर-घर जाकर भ्रमण करेंगी और बच्चों को पोलियो की दवाई पिलाएंगी। पोलियो एक अत्यधिक संक्रामक वायरल रोग है जो पांच साल से कम आयु के बच्चों को प्रभावित करता है।

यह मल, मौखिम मार्ग, दूषित पानी, आहार आदि के माध्यम से फैलता है। यह आंत में पनपता है और वहां से तंत्रिका तंत्र में पहुंच कर पक्षाघात उत्पन्न करता है। पोलियो के प्रारंभिक लक्षणों में बुखार, थकान, सिरदर्द, उल्टी, गर्दन की अकड़न और अंगों में दर्द है। भारत सरकार के नेशनल हेल्थ पोर्टल पर 23 अक्टूबर 2018 को प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक दो सौ संक्रमणों में से एक संक्रमण अपरिवर्तनीय पक्षाघात (आमतौर पर पैरों में) में बदल जाता है।

निकाली गई जागरूकता रैली
इससे पूर्व प्रातः काल में जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. एके ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय से हरी झंडी दिखाकर पोलियो अभियान के जनजागरूकता हेतु माइकिंग लाउडस्पीकर के साथ रिक्शा रैली रवाना की। उन्होंने बताया कि पोलियो की दवा पाँच वर्ष से कम उम्र के सभी बच्चों के लिये आवश्यक है। यह दवा जन्म पर, छठे, दसवें व चौदहवें सप्ता्ह में फिर 16 से 24 माह की आयु में बूस्टर की खुराक दी जानी चाहिए। पाँच वर्ष तक की आयु के बच्चों को बार-बार खुराक पिलाने से इस बीमारी से लड़ने की क्षमता बढ़ती है।

संवाद:-दानिश उमरी