अन्य

रज़ा लाइब्रेरी में स्वतंत्रता सेनानियों से सम्बन्धित पुस्तकों की प्रदर्शनी का आयोजन

रामपुर,आजादी के अमृत महोत्सव के अन्तर्गत शहीद दिवस के अवसर पर रामपुर रज़ा लाइब्रेरी में देश की स्वतंत्रता में अपने प्राणों का बलिदान एवं योगदान करने वाले स्वतंत्रता सेनानियों से सम्बन्धित पुस्तकों की प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। प्रदर्शनी का उद्घाटन डॉ० सैयद मोहम्मद अरशद रिज़वी, एसोसिएट प्रोफेसर, उर्दू विभाग, राजकीय रज़ा स्नातकोत्तर महाविद्यालय, रामपुर एवं डॉ० अबुसाद इस्लाही, लाइब्रेरी एवं सूचना अधिकारी ने किया।
इस अवसर पर डॉ० सैयद मोहम्मद अरशद रिज़वी, एसोसिएट प्रोफेसर, उर्दू विभाग, राजकीय रज़ा स्नातकोत्तर महाविद्यालय, रामपुर ने शहीद दिवस पर प्रकाश डालते हुए कहा कि लगभग 200 वर्षों तक गुलामी की ज़जीरों के जकड़े रहने के पश्चात सन् 1947 में अंग्रेजी हुकूमत से देश को स्वतंत्रता मिली। यह स्वतंत्रता इतनी आसान न थी। आजादी की कीमत के रूप में भारत को एक नहीं दो नहीं बल्कि लाखों कुर्बानियाँ देनी पड़ी थी और इन शहीदों एवं वीरों को श्रद्धांजलि देने के लिए सम्पूर्ण भारत में शहीद दिवस मनाया जाता है। प्रत्येक वर्ष 23 मार्च के दिन लोग देश के लिए अपने जीवन का बलिदान करने वाले और वीरता के साथ लड़ने वाले ऐसे नौजवान सेनानियों एवं क्रान्तिकारियों की वीर गाथाओं के बारे में बात करते हैं और उनकी वीरता के किस्से सुनाते हैं। कहा कि 23 मार्च को तीन क्रान्तिकारियों एवं स्वतंत्रता सेनानियों भगत सिंह, राजगुरू और सुखदेव को अंग्रेजों ने फांसी पर चढ़ा दिया था। बहुत ही कम आयु में इन वीरों ने अपने देश की आजादी के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी और अनेकों युवा भारतीयों के लिए भगत सिंह, राजगुरू और सुखदेव प्रेरणा स्रोत बने हैं। उनकी कुर्बानियाँ आज भी देश के हर नागरिक के लिए प्रेरणा का स्रोत है और नौजवानों के दिलों में देश पर कुर्बान होने का जज़्बा भरती है। यही जज़्बा है जो भारत के दुश्मनों के दिल में आज भी दहशत भर देता है क्यूंकि आज हमार देश परमाणु शक्ति सम्पन्न देश है। कहा कि जब निहत्ते भारतीयों ने अंग्रेजों को मार भगाया तो शक्ति सम्पन्न होने के बाद भारत कितनी बड़ी शक्ति है ये बात हर भारत का दुश्मन जानता है।
इस अवसर पर डॉ० अबुसाद इस्लाही, लाइब्रेरी एवं सूचना अधिकारी ने कहा कि रामपुर रज़ा लाइब्रेरी अमृत महोत्सव के अन्तर्गत देश की आज़ादी से सम्बन्धित विभिन्न पहलुओं पर प्रदर्शनी एवं व्याख्यान कार्यक्रम करने के लिए प्रयासरत है। हमारी हर सम्भव कोशिश रहेगी कि आज़ादी में अपना योगदान करने वाले प्रत्येक क्रान्तिकारी, स्वतंत्रता सेनानी के विषय पर कार्यक्रम आयोजित कर आमजन को जानकारी प्रदान करें जिससे हर आमजन देश और देश की आज़ादी के प्रति सजग रहे और देश के प्रति अपने कर्तव्यों का पालन करें।
इस अवसर पर शहीद भगत सिंह, काला पानी(गुमनाम मुजाहिद्दीन ज़गे आज़ादी 1857), भगत सिंह और स्वतंत्रता संग्राम, गांधी एक असम्भव संभावना, नेता जी सुभाषचन्द्र बोस, कमयोगी लालबहादुर शास्त्री, महात्मा गांधी, गांधी और अम्बेडकर, रामप्रसाद बिस्मिल की आत्मकथा, महानायक मंगल पाण्डे, भारतीय मुस्लिम वीरांगनाएँ, रानी लक्ष्मीबाई इत्यादि बहुत सी पुस्तकों को प्रदर्शित किया गया है। प्रदर्शनी 23 मार्च से 02 अप्रैल 2022 तक प्रदर्शित रहेगी।
संवाद , इक़बाल हुसैन अब्बासी