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नवीनतम साहित्यिक कृतियाँ ‘काव्यामृत’ और ‘यादों के झरोखे से’ लोकार्पित..

जीवन के वक्र और कँकरीले मार्ग पर अनथक यात्री का सतत लेखन सराहनीय: प्रोफेसर बीना शर्मा

श्रीमती राज फौजदार का साहित्य सृजन है संदेश परक और प्रेरणादायक: डॉक्टर देवेंद्र तोमर

आगरा। सामाजिक संस्था यस वी कैन के बैनर तले बुधवार शाम सिकंदरा-बोदला रोड स्थित होटल वियून द्वारिका एवेन्यू में आगरा की वरिष्ठ महिला साहित्यकार श्रीमती राज फौजदार की दो साहित्यिक कृतियों- ‘राज का काव्यामृत’ और ‘यादों के झरोखे से’ का लोकार्पण किया गया।
कविता और संस्मरण विधा की इन दो कृतियों पर *अध्यक्षीय उद्बोधन में केंद्रीय हिंदी संस्थान की निदेशक प्रोफेसर बीना शर्मा* ने कहा कि यह पुस्तकें जीवन के वक्र और कँकरीले मार्ग पर अनथक यात्री के सतत लेखन का परिणाम हैं। गृहस्थी की व्यस्तताओं के बीच यह सृजनात्मक कर्मठता सराहनीय है।
लोकार्पित कृतियों के संपादक, विश्व साहित्य सेवा संस्थान के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष व समारोह के *मुख्य अतिथि डॉक्टर देवेंद्र तोमर (मुरैना)* ने कहा कि श्रीमती राज फौजदार के आलेख हों, संस्मरण हों या कविताएँ, उनका साहित्य सृजन समाज के लिए संदेशपरक और प्रेरणा प्रद है।
*विशिष्ट अतिथि पंडित गिरीश अश्क* ने कहा कि इन रचनाओं में समय और समाज की धड़कनें स्पंदित हैं। राज फौजदार की रचनाओं में उम्मीद की एक ऐसी किरण है जो जीवन के अंधकार को मिटा देने को आतुर है।
विशिष्ट अतिथि प्रमुख समाज सेविका श्रीमती बबीता चौहान, राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित सुप्रसिद्ध बाइकर श्रीमती पल्लवी फौजदार, वरिष्ठ पत्रकार डॉ. महेश चंद्र धाकड़ और यस वी कैन की संस्थापक श्रीमती प्रीति फौजदार* ने भी विचार व्यक्त किए।
अतिथियों का स्वागत अशोक फौजदार, विवेक फौजदार, श्रीमती सुनीता सिंह, आर एस वर्मा (फौजी भाई), एल एस वर्मा, सुजाता और चंद्रवीर सिंह वर्मा* ने किया।
समारोह का संचालन कवि कुमार ललित ने किया। कर्नल वैभव फौजदार ने सबका आभार व्यक्त किया।
संवाद , दानिश उमरी