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आगरा में 200 क्षय रोगी गोद लिए गए

 

• सभी सक्षम व्यक्ति प्रत्येक शहरों की को लें गोद मुख्य अतिथि मुख्य विकास अधिकारी आगरा और सीएमओ की मौजूदगी में हुआ आयोजन 

• मिशन 2025 के लिए स्वयंसेवी संस्थाएं भी आगे आईं  

आगरा, देश को वर्ष 2025 तक क्षय रोग यानि टीबी मुक्त बनाने के लिए हर दिन नए-नए प्रयास हो रहे हैं। इसी क्रम में गुरुवार को जनपद में तोता का ताल स्थित आईएमए भवन में 200 टीबी रोगियों को गोद लिया गया। टीबी दिवस पर यह पहल राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की प्रेरणा से शुरू हुई। इसी तरह लखनऊ समेत प्रदेश के सभी 75 जिलों में टीबी रोगियों को गोद लिया गया।इस अवसर पर टीबी चैंपियनों को भी सम्मानित किया गया।

आयोजन के दौरान मुख्य विकास अधिकारी ए मणिकंदन ने कहा कि राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की पहल पर हमारे जिले में क्षय रोगियों को गोद लेने की व्यवस्था प्रारंभ की गई है। यह एक अच्छी पहल है। इससे समाज में बहुत ही धनात्मक ऊर्जा का संचार होगा। उन्होंने कहा कि हम सभी का प्रयास है कि क्षय रोगी भी जल्द स्वस्थ हों और अन्य स्वस्थ लोगों की तरह मुख्य धारा में जीवन यापन कर सकें। उन्होंने निर्देश भी दिया कि जो लोग क्षय रोगियों को गोद ले रहे हैं वह सभी नियमित फोन कर मरीज या उसके परिजन से हालचाल लेते रहें। 

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ अरुण कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि क्षय रोग एक गंभीर समस्या है लेकिन अब इस इलाज उपलब्ध है। इससे अब डरने की जरूरत नहीं है। समय से उपचार हो जाने पर यह बीमारी पूरी तरह से ठीक हो जाती है। उन्होंने कहा कि जिला क्षय रोग अधिकारी सुनिश्चित करें कि टीबी मरीज के पते और संपर्क नंबर सही से दर्ज हो। इससे मरीज से आसानी से संपर्क किया जा सकेगा। सीएमओ ने कहा कि यदि आपमें या आसपास के किसी व्यक्ति में टीबी का कोई लक्षण नजर आता है तो तत्काल बलगम की जांच कराएं।

जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. संत कुमार ने विश्व क्षय रोग दिवस के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि भारत सरकार की ओर से 2025 तक देश को टीबी मुक्त करने की योजना है। जिला पी पी एम समन्वयक कमल सिंह ने बताया कि आज जनपद आगरा की सर्वकल्याण जन कल्याण, लाइंस क्लब यस कीर्ति, आगरा कैथोलिक डायोयोसिस आदि संस्थाओं ने पोषण आहार वितरण किया

क्षय रोग को तपेदिक या टीबी भी कहा जाता है। इसे प्रारंभिक अवस्था में ही नहीं रोका गया तो यह जानलेवा साबित हो जाता है। समय से इलाज शुरू नहीं होने पर यह बीमारी व्यक्ति को धीरे-धीरे मारती है। इसलिए लक्षण महसूस होते ही इलाज शुरू हो जाना चाहिए। गौरतलब है गत माह ही राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने प्रदेश के जिलाधिकारियों को टीबी ग्रस्त बच्चों को गोद लेने, संपूर्ण इलाज, जांच व फॉलोअप संबंधी आदेश दिया था। 

रोगी खोजों अभियान शुरू

विश्व क्षय रोग दिवस से ही क्षय रोगियों को खोजने के लिए विशेष अभियान शुरू हो गया है। स्वास्थ्य विभाग के नेतृत्व में यह अभियान 13 अप्रैल तक चलेगा। इसकी जिम्मेदारी मुख्य रूप से सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) संभालेंगे। अभियान के दौरान जिले में विभिन्न गतिविधियों के जरिए लोगों को क्षय रोग के प्रति जागरूक भी किया जाएगा। अभियान के दौरान टीबी के संभावित लोगों की एचआईवी और ब्लड शुगर की जांच होगी। नमूनों की माइक्रोस्कोपी सेंटर से जांच कर 24 घंटे में रिपोर्ट दी जाएगी। टीबी की पुष्टि होने पर रोगी को तत्काल ही सात दिन की दवा दे दी जाएगी। सीएचओ, आशा टीबी मरीज को हर माह दवाएं देंगी और लगातार मॉनिटरिंग करेंगी।


वर्ष 2021 में आगरा में टीबी उन्मूलन अभियान की स्थिति एक नजर में

कुल मरीजों की संख्या- 21176

पुरुष मरीज 10187

महिला मरीज- 7880

बच्चे- 3235

ठीक हुए मरीज- 12812

कुल टीबी रोगियों की मौत- 819

ठीक हुए मरीजों का प्रतिशत- 82

एमडीआर के कुल मरीज- 1015

नि:क्षय पोषण योजना में मरीजों 500 रुपए प्रतिमाह मिले- 65 प्रतिशत मरीजों को (12196)

जनपद में कुल टीबी जांच केंद्र- 52

कुल टीबी यूनिट – 26

इस अवसर पर आईएमए आगरा के वर्तमान और निर्वाचित अध्यक्ष, डी.टी.सी से अरविंद कुमार यादव शशिकांत पोरवाल पंकज सिंह अखिलेश शिरोमणि आदि उपस्थित रहे।

संवाद , दानिश उमरी