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ऐ मेरे वतन के लोगों जरा आंख में भर लो पानी, जो शहीद हुए हैं उनकी ज़रा याद करो कुर्बानी

कौमी एकता एवं सद्भावना समिति द्वारा कार्यक्रम आयोजित

कासगंज। वी के जैन महाविद्यालय में शहीद दिवस के पावन पर्व पर कौमी एकता एवं सद्भावना समिति द्वारा कार्यक्रम आयोजित किया गया। मुख्य अतिथि डॉ० इस्लाम अहमद फारूकी, प्रान्तीय अध्यक्ष डॉ० प्रेमपाल पथारिया ,प्रान्तीय महासचिव हाजी जहूर हुसैन, डॉ० आर०डी० यादव प्रान्तीय अध्यक्ष ग्राम पंचायत, डा० टी०सी०वर्मा सचिव कौमी एकता, विनय कुमार जैन प्रबन्ध निर्देशक, यश जैन उपसचिव, डॉ० प्रदीप कुमार गुप्ता प्राचार्य माँ शारदे तथा शहीदों के चित्रों पर दीप प्रज्जवलित एवं पुष्प अर्पित किय तथा शहीदों को नमन किया तथा उनको याद किया। कार्यक्रम का संचालन भानू प्रकाश ने किया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि डॉ० इस्लाम अहमद फारूखी जी ने कहा आज एकता एवं सदभावना की आवश्यकता है। स्वार्थ को छोड़कर प्रेम की दृष्टि आवश्यक है। भानूप्रकाश ने एक सुन्दर देशभक्ति पूर्ण कविता प्रस्तुत की। डॉ० आर०डी० यादव ने कहा सभी धर्मों का सम्मान करना चाहिए। तभी एकता में वृद्धि होगी। “सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्तां हमारा
कु० आँचल दीक्षित बी०एड० द्वितीय वर्ष ने देशभक्ति से ओत-प्रोत कविता प्रस्तुत की। “तन समर्पित मन समर्पित
अर्पित वार्ष्णेय- “आज तिरंगा फहराता है शान से हमें अजादी मिली शहीदों के बलिदान से”
श्री यश जैन ने कहा आज शहीदों के बलिदान पर उन्हें याद किया एवं नमन किया डा० प्रेमपाल पथारिया ने कहा मानव से
मानव की जोड़ कर एक नये भारत का निर्माण करें। विनय कुमार जैन ने कहा आपकी विवादों को भुलाकर एकता एवं सद्भावना के पथ पर चलना चाहिए।
डॉ० इस्लाम अहमद फारुखी जी ने कहा कौमी एकता एवं सद्भावना के द्वारा सभी धर्मों के लोग जुड़ सकते है। फूलों से लिपटी हुई तितली को गिराओं तो जाने”
डॉ० हाजी जहूर हुसैन जी ने कहा हमने आजादी बड़े संघर्षो के बाद प्राप्त की है। उसे संभालकर रखना है। “मेरा रंग दे
बसन्ती चोला माये रंग दे बसंती चोला” गीत के शहीदों को नमन किया गया।
कार्यक्रम राजेन्द्र कुमार मिश्रा, गौरव माहेश्वरी, ताराचन्द्र चक्रवर्ती, कोमल सिंह, सौरभ साहू, अरुणा जौहरी, हेमन्त शर्मा, राजकुमार सिंह, संजय सिंह, सहित बी०एड० प्रथम एवं द्वितीय वर्ष के छात्र-छात्राऐं उपस्थित रहें। मोहसिन खान ,मानू प्रकाश, श्रेया आँचल, अर्पित, संध्या उपाध्याय, चंचल, मीनाक्षी राजपूत शिवानी सिंह, डॉ० प्रदीप कुमार गुप्ता ने सभी मुख्य अतिथियों का आभार व्यक्त किया।
संवाद , नूरुल इस्लाम