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गांवों में आंगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से ‘‘सब पढ़े, सब बढ़े’’ की अलख जगायेगा आगरा विश्वविद्यालय

आगरा,डॉक्टर भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय की कुलाधिपति एवं माननीय राज्यपाल उत्तर प्रदेश , आदरणीय श्रीमती आनंदीबेन पटेल जी की पहल पर विश्वविद्यालय के सामाजिक उत्तरदायित्व को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से विश्वविद्यालय परिक्षेत्र में आने वाले आंगनवाड़ी केन्द्रों को अब डॉ0 भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय हाइटेक सुविधाओं से लैस करने जा रहा है।
28 महाविद्यालयों द्वारा 101 आंगनवाड़ी केंद्रों को सुविधा संपन्न बनाने हेतु आवश्यक वस्तुओं का वितरण किया जाएगा ।
यह कार्यक्रम आरबीएस कॉलेज के सभागार में डॉक्टर भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय और जिला प्रशासन , आगरा के संयुक्त तत्वावधान में 29 मार्च 2022 को शाम 3:00 बजे से प्रारंभ होगा ।
आंगनबाड़ी केन्द्रों के बच्चे माडर्न प्ले स्कूल के बच्चों की तरह ह्वाइट बोर्ड पर मार्कर के माध्यम से ड्राइंग करेंगे। एजूकेशनल मैप पर देश के एक छोर से दूसरे छोर तक की यात्रा भी करते दिखेंगे। घोड़े वाले झूलों पर झूलते हुए उल्लास में खिलखिलाएंगे तो पजल्स गेम का भी आनन्द उठाते दिखेंगे। डॉ. भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय, आगरा के प्रभारी यशस्वी कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक इसे हकीकत में बदलने में लगे हैं। अब यह सुविधा डॉ. भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय आगरा के माध्यम से वहां के दूर-दराज के गांवों में पहुंचने जा रही है। बहुत ही अल्प समय के कार्यकाल में कुलपति जी ने इसे साकार रूप देने का कार्य किया है।
29 मार्च दिन मंगलवार को कुलपति जी के दिशा निर्देशन में आगरा जनपद के 101 आंगनवाड़ी केन्द्रों को इन सुविधाओं से लैस कर दिया जायेगा। गौरतलब है कि कुलपति जी ने इससे पहले ए.के.टी. यूनिवर्सिटी और सी.एस.जे.एम. यूनिवर्सिटी में इस अभियान को आगे बढ़ा चुके हैं और सतत रूप से यह आगे की उन्मुख भी है। इन क्षेत्रों के करीब 200 से अधिक आंगनबाड़ी केन्द्रों में राज्यपाल महोदया आनंदी बेन पटेल की प्रेरणा और कुलपति जी के अथक प्रयासों से यह सुविधाएं पहुंच चुकी है। यही नहीं कुलपति जी का प्रयास है कि इस तरह की सुविधा सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों तक पहुंचे। क्योंकि उनका विजन इस मामले में स्पष्ट है कि बगैर शिक्षा के अच्छे और विकसित समाज की नींव नहीं रखी जा सकती है। कुलपति जी ‘‘सब पढ़े, सब बढ़े’’ के लक्ष्य को लेकर आगे बढ़ रहें है। उनका मानना है कि अच्छे और शिक्षित समाज के लिए बुनियाद का मजबूत होना अतिआवश्यक है। उसी प्रयास की एक कड़ी के रूप में आंगनबाड़ी केन्द्रोें के बच्चों की शिक्षा व्यवस्था का सुदृढ़ीकरण भी है। वह खुद विश्वविद्यालय में डिजिटल तकनीकी और आर्टीफिशियल इंटेलीजेंस व ह्यूमन वैल्यू जैसे पाठ्यक्रमों को आगे बढ़ाने का कार्य कर रहे हैं। आंगनबाड़ी केन्द्रों को अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित करने के पीछे का मुख्य उद्देश्य गांवों में जहां अत्याधुनिक और शिक्षा से जुड़ी सुविधाओं का अभाव है, वहां के गरीब और सुविधाहीन बच्चों की तकनीकी और उपकरणों के माध्यम से उन्नत शिक्षा प्रदान करना है।
इस योजना के अन्तर्गत विश्वविद्यालय द्वारा जिला प्रशासन की मदद से आगरा जिले 101 आंगनबाड़ी केन्द्रों का चयन कर वहां पढ़ाई, पोषण और खेल से संबंधित तमाम सुविधाओं से संबंधित किट पहंुचाया जायेगा। विश्वविद्यालय न सिर्फ केवल सुविधाओं को पहुंचाने का कार्य करेगा, बल्कि इससे बच्चे कैसे लाभान्वित होंगे, इसका भी आंगनबाड़ी स्टाफ को बाकायदा प्रशिक्षित करेगा। वहां के बच्चों की शिक्षा-दीक्षा तथा उपकरणों की किसी तरह की दिक्कत के लिए विश्वविद्यालय में एक नोडल अधिकारी भी नियुक्त किया जायेगा, जो हमेशा आंगनबाड़ी केन्द्रों से संपर्क में रहकर उन्हें सहायता प्रदान करने के लिए तत्पर रहेगा।
विश्वविद्यालय से दी जाने वाली सुविधाओं में दो ट्राईसाइकिल, तीन झूले वाले घोड़े, पांच-पांच नम्बर्स, अंग्रेजी और हिन्दी अल्फाबेट, फल, एनीमल्स, ब्लॉक्स, पजेल्स, बाल, क्ले (गोलियां बनाने के लिए), रिंग्स, रस्सी, प्ले बुक, स्टोरी बुक (पंचतंत्र की कहानियां), एजूकेशनल मैप, स्टैण्डर्ड ह्वाइट बोर्ड, मार्कर, डस्टर, स्टील के 5 किलोग्राम के स्टोरेज, वजन मशीन, फर्स्ट एड बाक्स, 24 बर्तन के सेट जिसमें थाली, कटोरे, ग्लास और चम्मच शामिल है, एक ह्वाइट गेज, हैण्ड वॉश, चार टेबल और 24 कुर्सियां शामिल हैं। कुलपति प्रोफेसर विनय कुमार पाठक जी का प्रयास है कि यह योजना आने वाले समय में भी निरंतर चलती रहेगी और गरीब व कुपोषित बच्चों को अच्छे स्वास्थ्य और शिक्षा व खेल के बुनियादी जरूरतों को मुहैया कराया जाता रहेगा।
संवाद , दानिश उमरी