अन्य

सामाजिक – सांस्कृतिक पर्यटन में है असीम सम्भावनाये—‐कुलपति

आगरा ,डा 0 भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के पर्यटन एवं होटल प्रबंधन संस्थान द्वारा उत्तर प्रदेश सरकार की सहायता से सामाजिक -सांस्कृतिक पर्यटन: मुद्दे एवं चुनौतीया विषय पर राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया।
विश्वविद्यालय के सिविल लाइन्स परिसर स्थित संस्थान मे आयोजित इस सेमीनार मे विचार व्यक्त करते हुए प्रोफेसर विनय पाठक , कुलपति ने कहा कि सामाजिक एवं सास्कृतिक दृष्टि से भारत एक बहुत ही धनी देश है। यहा का वैभवशाली अतीत पर्यटन के लिये अच्छा संसाधन उप्लब्ध कराता है। हाल के वर्षो मे तमाम चुनौतियां भी पर्यटन उद्योग के सामने खडी हुई है। कोविड महामारी हो या रुस-उक्रेन युद्ध पर्यटन उद्योग इन सभी चीजो से प्रभावित होता है। वैश्विक स्तर पर पर्यटन व्यवसाय के लिये विभिन्न स्तरो पर एक ओर जहाँ तमाम चुनौतीया है वही अपार सम्भावनायें भी है। भारत जैसे देश मे सामाजिक सांस्कृतिक पर्यटन से आर्थिक प्रगति की जा सकती है और बड़े पैमाने पर रोजगार भी उपलब्ध कराया जा सकता है।
सेमिनार मे जाने माने अर्थ शास्त्री व लखनऊ विश्विद्यालय के प्रोफेसर मनोज कुमार अग्रवाल ने कहा की भारत दुनिया का एक मात्र ऐसा देश है जहाँ पर सामाजिक व संस्कृतिक विविधता के कारण पर्यटको को अपनी तरफ आकर्षित करने की क्षमता है। साथ ही यह देश की जी डी पी मे भी सहायक है।
दयाल बाग़ विश्वविद्यालय में प्रबंधन के प्रोफेसर शिव कुमार शर्मा ने सांस्कृतिक धरोहरो को सहेजने और सजोने के साथ ही उनकी मार्केटिँग की भी आवश्यकता है।
कार्यक्रम के संयोजक प्रो लवकुश मिश्र ने कहा कि कुछ लोग संस्कृतिक संसाधनो को सम्प्रदायिक कह कर देश का बहुत बड़ा नुक्सान कर रहे है।
प्रो0 मिश्र ने कुम्भ मेला 2019 का उदाहरण देते हुए कहा की लगभग 4 हजार करोड़ लगाकर 1 लाख बीस हजार करोड़ की अर्थ व्यव्स्था खड़ी कर दी। यह पर्यटन के मध्यम से ही सम्भव हो पाया।
कार्यक्रम मे प्रति कुलपति प्रो0 अजय कुमार तनेजा , प्रो0 संजय चौधरी, प्रो0 यु सी शर्मा, प्रो 0 प्रदीप श्रीधर, प्रो0 शरद चन्द उपाध्याय ,प्रो0 सन्तोष बिहारी शर्मा, प्रो0 यू एन 0 शुक्ला व डॉ0 बी डी शुक्ला, डा 0 सुनील उपाध्याय, डा 0 कोशल राना व डा0 प्रवीण यादव, डा 0 देवाशीष गागुली आदि उपाथित रहे,


संवाद , दानिश उमरी