आगरा। (डीवीएनए) बुधवार को आईएमए की एक जनरल बॉडी मीटिंग आईएमए भवन पर आयोजित की गई। इस मीटिंग का मुख्य एजेंडा दोसा में महिला रोग विशेषज्ञ डॉ अर्चना शर्मा के द्वारा आत्महत्या का विरोध प्रदर्शन था। डॉ शर्मा बहुत ही काबिल और समाजसेवी कोमल हृदय चिकित्सक थी जो कि एक छोटी सी जगह पर मरीजों का तन मन धन से सेवा कर रही थी ।एक प्रसूता की पोस्टपार्टम हैम्रेज के कारण मृत्यु हो गई जिसके विरोध में पुलिस ने उनके ऊपर बहुत ही संगीन धाराओं में मुकदमे दर्ज कर दिए इस एवज में भया क्रांत हो महिला चिकित्सक ने खुदकुशी कर ली ।
इस घटना के विरोध में आज लगभग 300 चिकित्सक आईएमए भवन पर मौजूद हुए ।सभी चिकित्सकों मे गुस्सा एव्म सिस्टम के प्रति असंतोष दिख रहा था।
अध्यक्षता डॉ राजीव उपाध्याय ने की। बैठक में सभी ने अपने विचार रखे विचारों की तदोपरांत यह निर्णय लिया गया कि कल प्रातः 6:00 बजे से लेकर परसों सुबह् 6:00 बजे तक सभी अस्पताल अस्पताल क्लीनिक पूर्णतया बंद रहेंगे ना ही कोई नया मरीज भर्ती किए जाएगा और ना ही कोई इमरजेंसी देखी जाएगी संपूर्ण बंद का ऐलान ।
शाम 5 बजे से एक शांति मार्च निकाली जायेगी शहीद स्मारक तक जिसमें एम्बुलेंस भी शामिल होंगी।
अध्यक्ष राजीव उपाध्याय ने बताया सुप्रीम कोर्ट का एक आदेश है जिसके तहत किसी भी चिकित्सक के ऊपर कोई भी केस दर्ज तब तक नहीं किया जा सकता जब तक मेडिकल बोर्ड द्वारा उस पर केस की जांच ना हो जाए। उसके बावजूद भी ऐसा बहुत बार देखा गया है कि पुलिस अपना तानाशाही रवैया अपनाते हुए चिकित्सकों के ऊपर केस दर्ज कर देती है ।
आज सभी इस चीज का विरोध दर्ज कर रहे हैं और चाहते हैं कि आगरा का शासन प्रशासन इस बात को अपने संज्ञान में ले कि ऐसा किसी चिकित्सक के साथ ना हो।
डॉ प्रदीप सिंह ने महिला चिकित्सक के परिवार के लिए सबसे बड़ा संकट का समय बताते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की ।उन्होंने कहा कि दोषियों को पकड़ा जाना चाहिए एवं उन्हें कड़ी से कड़ी सजा दी जानी चाहिए तथा इस तरह की पुनरावृत्ति ना हो ।
डॉ पंकज नगायच ने कहा कि इससे ज्यादा विभत्स एवं लोमहर्षक घटना हो नहीं सकती ,इसलिए आज हर चिकित्सक का रोम-रोम उबाल खा रहा है और अत्यंत मजबूरी में चिकित्सकीय कार्य को ठप करने का निर्णय आई एम ए ले रहा है। डॉ गौरव खण्डेलवाल ने कहा कि दोशियों को सजा दी जाए और चिकित्सकों को भी अपने स्तर पर ऐसी घटनाओं से लड़ने के लिए तैयार रहना चाहिए।
डॉ एम पी सिंह ने कहा कि ऐसी की घटनाओं से निपटने के लिए रणनीति बनानी होंगी।
डॉ अंजना अरोड़ा ने कहा कि पुलिस और मीडिया को हमारे फेवर में रहना होगा क्योंकि तुरंत हमें जो झेलना पड़ता है किसी भी इस तरह की एक्टिविटी में जब असामाजिक तत्व होते हैं तो वह चिकित्सक के लिए बहुत पीड़ा दाई होता है।
aogs आगरा के अध्यक्ष डॉ आरती ने कहा कि हम सभी लोग काम बंद करने के लिए मजबूर हैं जब तक कि हमारी सुरक्षा सुनिश्चित ना हो और जब तक कि इस पीड़िता को न्याय ना मिल जाए।
डॉक्टर डॉ राजीव कृषक ने अपने यहां का ही एक उदाहरण देकर यह समझाया कि कानून का ज्ञाता हम सभी लोगों को होना चाहिए और समझना चाहिए। डॉ रजनीश ने बात रखी और यह भी कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो चिकित्सक सड़कों पर भी उतरेंगे l
अध्यक्ष निर्वाचित डॉ. ओ पी यादव ने सर्वप्रथम श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए इस बात को रखा ऐसी घटनाओं की चिकित्सक समुदाय में पुनरावृत्ति नहीं होनी चाहिए और इसके लिए सभी चिकित्सकों को एक होकर अपनी लड़ाई को लड़ना होगा ।
यह् किसी एक चिकित्सक की नहीं संपूर्ण ima की लड़ाई होनी चाहिए. डॉ संजय चतुर्वेदी ने बताया कि आई एम ए संगठन बहुत शक्तिशाली है। सदस्य अपने संगठन पर भरोसा रखें और कोई भी बात जो सदस्यों को हानि पहुंचाने वाली हो उसको सबसे पहले अपने संगठन के साथ शेयर करें। डॉक्टर अरेंजय जैन, डॉक्टर मुकेश भारद्वाज ने भी पुरजोर तरीके से ऐसी घटनाओं का विरोध करते हुए संपूर्ण स्ट्राइक पर जाने की बात कही।डॉ अंकुर बंसल ने बताया कि आजकल कुछ् मरीज़् भि बहुत ज्यादा होशियार होने लगे हैं और कई बार वह हम लोगों को भी अपने बिछाए जाल में फंसा कर हमारा अहित करने पर उतारू हो जाते हैं।
डॉ अरविंद यादव ने भी इस बात पर बल दिया कि शासन प्रशासन अपने तरीके से समस्याओं से लड़ता पड़ता है ,हम लोगों को उस तंत्र के साथ ऐसा समन्वय बनाकर चलना चाहिए कि हमारा तो जितना हो सके प्रशासन भला करें। डॉ मोहन भटनागर ने भी ऐसी घटनाओं को शर्मनाक बताया जिसकी वजह से चिकित्सक का को यह कदम उठाना पड़ाl डॉ शरद गुप्ता ने कहा कि हमको नियम कायदे पढ़ने चाहिए ।और ima एक लीगल सेल बनाएं ।
डॉ रवि पचौरी ने इस बात को रखा स्ट्राइक होनी चाहिए, एक होकर के लड़ाई लड़नी चाहिए एसएसपी को हम सभी और डीएम को या मैसेज भेजें कि हमारे साथ क्या हो रहा है और वे लोग भी हमारी इस दुख दर्द में शामिल हो । डॉक्टर भूपेंद्र ने भी कुछ कानूनी धाराओं के ऊपर प्रकाश डाला ।
डॉ पवन गुप्ता ने यह कहा कि जो कानून सुप्रीम कोर्ट के द्वारा बनाया जा चुका है उसकी प्रति सभी थानों में पहुंचने चाहिए एवं हजारों की संख्या में चिकित्सक सड़क पर उतरे ।
डॉ सलिल भारद्वाज ने भी नियम और कानून के शासन प्रशासन की जान की जानकारी के बारे में बताया कि ऐसा नहीं चलेगा चिकित्सकों को किसी भी कानून के बांध दिया जाए।
डॉ अनूप दीक्षित और डॉ पंकज नगायच ने सभा का संचालन किया एव्म राष्ट्र गान के साथ सभा समाप्त हुई।
कार्यक्रम में डॉ.एस.के.कालरा,डॉ राकेश भाटिया,डॉ सीमा सिंग,डॉ. निधि दीक्षित, डॉ अर्चना सिंघल, डॉ आरके गुप्ता, डॉ सचिन मल्होत्रा, डॉ भारती, डॉ अंजू शर्मा, डॉ संगीता चतुर्वेदी, डॉ सविता त्यागी, डॉ रश्मी खंडेलवाल, डॉ संध्या जैन, डॉ अनुपम गुप्ता, डॉ। अरुण जैन, डॉ सुरेंद्र पाठक, डॉ मनोज शर्मा, डॉ संजय सक्सेना, डॉ गार्गी कृषक मौजूद रहे।
संवाद:-दानिश उमरी