आई एम ए का अभूतपूर्व बंद सभी चिकित्सक हुई एकजुट
आगरा। (डीवीएनए)दोसा की चिकित्सा डॉ अंजना शर्मा की खुदकुशी के मामले में आई एम ए आगरा का आज अभूतपूर्व बंद रहा। ज्ञात हो कि चिकित्सका डॉ अंजना शर्मा के ऊपर लगाए गए पुलिस के द्वारा संगीन धाराओं एवं आरोपों से पीड़ित होकर दो रोज पूर्व डॉ अंजना शर्मा युवा गाइनेकोलॉजिस्ट ने आत्महत्या कर ली थी। प्रसूता की डिलीवरी के कॉम्प्लिकेशन पोस्टपार्टम हैम्रेज के दौरान हुई मृत्यु के बाद चिकित्सका के अस्पताल के पास शव को रखकर अवैध वसूली की बात परिवार और उसके साथ पहुंचे कुछ छोटे स्तर के नेता एवं दलालों ने की। जिसके दबाव में पुलिस ने ऐसी कार्यवाही की और अंजाम ऐसा दुखद हुआ ।
इस घटना के विरोध में आई एम ए आगरा लामबंद हुआ। आई एम ए आगरा का प्रत्येक सदस्य आज गुस्से और असंतोष से भरा हुआ था। सुबह से ही आइ एम् ए के सभागार पर लोगों का एकत्रित होना शुरू हो गया और 2:00 बजे तक लगभग 550 चिकित्सक वहां मौजूद थे। सभी ने जनरल बॉडी मीटिंग में एक स्वर में दोषियों को गिरफ्तार करके उन पर मुकदमे चलाए जाने की बात रखी एवं ऐसा पत्र राजस्थान सरकार को भी भेजेंगे ऐसा निश्चय हुआ ।आगरा में आज सभी चिकित्सालय छोटे-बड़े क्लीनिक डायग्नोस्टिक सेंटर बंद रहे एवं कोई भी मेडिकल इमरजेंसी का ट्रीटमेंट नहीं हुआ
सभा की अध्यक्षता डॉ राजीव उपाध्याय ने की और उन्होंने इस बात को रखा जैकब मैथ्यू बनाम पंजाब के केस में सुप्रीम कोर्ट ने यह बिल्कुल क्लियर किया हुआ है कि किसी भी चिकित्सक के ऊपर कोई भी मुकदमा या एफ आई आर दर्ज नहीं हो सकती जब तक किसी मेडिकल बोर्ड के द्वारा उस घटना की जांच ना हो जाए, उसके बावजूद भी पुलिस आए दिन चिकित्सकों को दोषी बना कर रख देती है ।
बैठक का संचालन डॉ पंकज नगाइच द्वारा किया गया और उन्होंने बीच-बीच में इस बात को रखा कि दशकों लग जाते हैं चिकित्सक को बनाने में और लाखों रुपए खर्च होता है सरकार का, एक चिकित्सक का निर्माण करने मै और एक झटके में ऐसे किसी चिकित्सक का चला जाना समाज एवं राष्ट्र की अपूरणीय क्षति है। सब को यह समझना होगा कि ऐसी घटना दोबारा ना हो जिससे कि चिकित्सक भयमुक्त वातावरण में कार्य कर सकें.।
अध्यक्ष निर्वाचित डॉक्टर ओपी यादव ने यह् कहा कि इस घटना की जितनी निंदा की जाए वह कम है और प्रशासन से मांग की की थानों से दरोगा गिरी ,जो अंग्रेजों की देन है उसे बंद किया जाए और प्रत्येक थाने में शहर का कप्तान यह बात लिखित रूप में भेजें कि चिकित्सक के ऊपर किसी भी धाराओं के तहत मुकदमे दर्ज ना करें ,जब तक कि मेडिकल बोर्ड उनकी संस्तुति ना कर दें।
सचिव डॉ अनूप दीक्षित ने आज बंद का ब्यौरा दिया और कहा कि आई एम ए का हर चिकित्सक इस बात से परेशान है कि वह काम छोड़ कर के यहां बैठा है क्योंकि चिकित्सा चिकित्सक की रग रग में है। बहुत ही मजबूर होने वाली स्थिति होगी कि आज आइ एम् ए मैं आगरा के चिकित्सकों ने इतना कठोर कदम उठाया है। कोई भी चिकित्सक अपने किसी भी मरीज को अपने हाथों से कभी नहीं मारता इस बात को समाज को समझना होगा तभी भयमुक्त वातावरण में इलाज किया जा सकेगा।
डॉ रवि पचौरी ने कानूनी विधियों को बताते हुए समझाया कि कानून का ज्ञान चिकित्सकों को भी है और होना भी चाहिए तभी ऐसे जटिल समस्याओं से निपटा जा सकता है एवं उन्होंने प्रशासन से गुहार लगाई कि कानून के दायरे में रहकर ही सभी पुलिसवाले एवं प्रशासनिक अधिकारी कार्य करें अन्यथा सड़कों पर ऐसे बार-बार चिकित्सकों को करना पड़ेगा ।
डॉ जे एन टंडन ने बताया कि संगठन में शक्ति है और संगठित रहकर ही हम सभी इन चीजों से लड़ सकेंगे ।उन्होंने बताया कि सरकारें बदल जाती हैं, प्रशासनिक अधिकारी बदल जाते हैं लेकिन समस्याएं वही की वही रहती हैं। एक ठोस रणनीति बननी चाहिए और पलटवार की रणनीति बननी चाहिए तभी हम लोग जाकर सुरक्षित हो पाएंगे।
डॉ मुनीश्वर ने बताया यह बहुत ही ज्यादा द्रवित कर देने वाला है कि कोई इतनी छोटी उम्र में इतना बड़ा घातक कदम उठा ले ।उनके द्वारा लिखा हुआ सुसाइड नोट में dont harass doctors वाला शब्द जब उन्होंने पढ़ा तो सारा सदन भावुक हो गया।।
इतना सशक्त बैलेंस वाले दिमाग वाला चिकित्सका कोई आत्महत्या कर ले यह संभव नहीं ।वह किस हद तक प्रताडित् की गई होगी, यह समाज को समझना होगा। उन्होंने भी यह बात को कहा अगर चिकित्सक सुरक्षित नहीं होगा तो वह चिकित्सा नहीं कर पाएगा.
डॉ संजय कुलश्रेष्ठ ने बताया कि ऐसा विरोध भूतपूर्व है आगरा में ।इस तरह के विरोध को राष्ट्रीय पटल पर पहुंचाया है।
पुलिस वालों पर यह बात भी होनी चाहिए उन्हें भी कोई गलत कार्य करने से पहले डर लगना चाहिए कि चिकित्सक के खिलाफ गलत रिपोर्ट लिखने से पहले उन्हें इस बात का ज्ञान होना चाहिए कि इसके दूरगामी परिणाम बहुत खराब होंगे।डॉ मनोज शर्मा उपाध्यक्ष ने यहां बताया कि किसी भी बीमारी के कॉम्प्लिकेशंस अनप्रिडिक्टेबल होते हैं उन्हें पहले से बताया नहीं जा सकता अपने मार्मिक शब्दों में उन्होंने श्रद्धांजलि अर्पित की एवं यह जो पैसा मांगने की प्रवृत्ति बढ़ती जा रही है लाशों के ऊपर ,इस व्यवसाय को बंद करने के लिए डॉ मनोज शर्मा ने गुहार लगाई ।
डॉक्टर पवन गुप्ता ने इस बात को रखा कि हम लोगों को यह समझना होगा कि चिकित्सक खास हैं और खास् बनने के लिए स्वयं को प्रेरित करें ।अपने आप को इन चीजों से बचने का तरीका है कि संगठित रहें।डॉ वी के शर्मा ने कहा कि डॉ अंजना शर्मा ने आत्महत्या नहीं की उन्होंने जोहर को अंगीकार किया है ।उनकी प्रतिमाएं लगने चाहिए जिससे कि यह बात समाज के मन में बैठी रहे यह ठीक नहीं हुआ ।
डॉ हरेंद्र गुप्ता ने बताया कि चिकित्सक सबसे ज्यादा बुद्धिमान और सबसे ज्यादा बुद्धू भी है वह हर विषम से विषम परिस्थिति से लड़ सकता है लेकिन जब स्वयं उसके ऊपर कुठाराघात होता है वह इनसे नहीं लड़ पाता ।डॉ एलके गुप्ता ने हमें अपनी ताकत दिखाना होगा जवाब देना होगा तभी समाज में रह पाएंगे ।
डॉ दीपक गोयल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना हुई है इसलिए कंटेंप्ट ऑफ कोर्ट भी उन पर बनना चाहिए जिन अधिकारियों की वजह से ऐसा हुआ ।
डॉ अश्विनी यादव,डॉक्टर अतुल सिंघल ,डॉक्टर मोहन भटनागर ने भी अपने विचार व्यक्त किए .
डॉ सुषमा ने कहा जब भी कोई हम ऑपरेशन करते हैं तो उसके साथ कॉम्प्लिकेशंस का डर होता है जब भी हम कोई इमरजेंसी लेते हैं तो उसके साथ कॉम्प्लिकेशंस का डर होता है ऐसे में हम लोगों को मिलकर के लड़ना होगा।fogsi जो संस्था है वह समय-समय पर चिकित्सकों के क्वालिटी एश्योरेंस की बात करती रहती है और ट्रेनिंग भी देती रहती है। वरिष्ठ सदस्य डॉ वेद गोयल ने कहा कि कैसे किसी के ऊपर 302 धारा लग सकती है। कोई चिकित्सक को भगवान ना माने उसे इंसान ही माने और जिन लोगों ने यह किया है उन को कठोर से कठोर सजा मिलनी चाहिए ।
फतेहाबाद से आए युवा चिकित्सा डॉक्टर एकता ने कहा कि हम लोगों को अपने डिसीजन स्वयं लेने होते हैं जब हम पेरिफेरल लेवल पर बैठते हैं और कम संसाधनों में भी कार्य करके देना होता है सारे रिस्क हम लोगों को उठाने पड़ते हैं यह बात समाज को और मरीज को समझनी चाहिए कि कितना अपने ऊपर उठा कर भी हम लोगों की मदद करते रहते हैं ।डॉ रंजु शर्मा ने कहा कि इस घटना के विरोध में ज्ञापन हमें ऊपर के स्तर तक पहुंचाने चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उन पर कार्रवाई हो.
उभरती हुई युवा चिकित्सक का डॉक्टर जोली गोयल ने कहा कि हम लोगों को भी समूह का जवाब समूह बनाकर ही देना होगा इसलिए एकता जरूरी है ।
डॉक्टर नीतू चौधरी ने इस बात को रखा कि संगठन में शक्ति है और इस शक्ति को हमें पहचानना होगा और इसी के अनुसार कार्य करना होगा ।
डॉ गायत्री गुप्ता ने विभिन्न परिस्थितियों में उत्पन्न हुई परेशानियों को एवं उनके निराकार को निराकरण को बहुत ही साइंटिफिक तरीके से समझाया। अध्यक्ष डॉ आरती ने चेतावनी तक दे डाली कि अगर महिला चिकित्सकों का उत्पीड़न ऐसे ही चलता रहा तो सभी शहर की डिलीवरी बंद करा दी जाएंगी एवं यह तब तक रखा जाएगा जब तक की सुरक्षा मोहिया ना कराई जाए।
बैठक के बाद सभी चिकित्सक धरना देने शाम के 6:00 बजे शहीद स्मारक पहुंचे जहां पर चिकित्सकों ने अपनी बात सभी मीडिया बंधुओं के सम्मुख रखी एवं यह भी कहा कि इस बात को ऊपर तक पहुंचाई जाए एवं चिकित्सकों की सुरक्षा की जिम्मेदारी शासन प्रशासन की है अगर चिकित्सक भय के वातावरण में कार्य करेगा तो वह कार्य नहीं कर सकेगा एवं इसका नुकसान समाज व मरीजों को होगा समाज के सभी तबकों को यह समझना होगा कि चिकित्सक कोई भगवान नहीं है वह अपना कार्य कर सकता है इलाज कर सकता है और सही इलाज के बाद मरीज बचेगा ऐसा भी नहीं है ।
अगर हर मरीज को चिकित्सक बचा पाता तो चिकित्सक स्वयं कभी मरता ही नहीं ।
इस बात को भी समझना होगा कि हर ट्रीटमेंट हर मेडिकल कंडीशन के अपने कॉम्प्लिकेशंस होते हैं उन कॉम्प्लिकेशंस को कंट्रोल करने के लिए मेडिकल चिकित्सा हैं जिनकी इनका की चिकित्सक इस्तेमाल करके कॉम्प्लिकेशन को रोकता है। जरूरी नहीं कि हर कॉन्प्लिकेशन को रोका ही जा सके। एक स्वर में वहां पर पहुंचे सैकड़ों महिला चिकित्सकों ने इस बात की गुहार लगाई कि समाज उन पर दया करें उन्हें इंसानों की तरह समझे और उन्हें सेवा कार्य करने दे।
सभागार एवं शहीद स्मारक पर यह चिकित्सक मौजूद रहे डॉ एके खन्ना , डॉ अनिल सारस्वत डॉ रामनिवास गुप्ता,डॉ अशोक शर्मा,डॉ वीरेंद्र खण्डेलवाल,डॉ वी एन कौशल,डॉ एस् के चन्द्र, डॉ प्रखर गुप्ता ,दीपक गोयल्, डॉ जॉली डॉ अनिता शर्मा, संगीता चतुर्वेदी, डॉ. दर्शा, वर्षा गौतम, डॉ. अलका ,डॉ अरुण जैन,डॉ चन्दन,डॉ शिवानी शिखा,डॉ राकेश त्यागी,डॉ नीलम रावत,डॉ विनय अग्रवाल ,डॉ श्रद्धा,डॉ मिनल जैन,डॉ अमित,डॉ विनेश ,डॉ प्रवेग गोयल आदि चिकित्सक मौजूद रहे।
संवाद:- दानिश उमरी