शबे इंतजार आखिर कभी होगी मयस्सर भी
मेरे साथ बुझ रहे हैं ये चराग जलते जलते
आगरा। दर्दीले अभिनय की जीवंत अभिनेत्री अमर शायरा सिने ट्रेजडी क्वीन स्व मीना कुमारी स्मृति दिवस पर जागरूक साहित्य सामा संस्था हम लोग के तत्वाधान में उमा प्लाजा सभागार साकेत शाहगंज पर मीना कुमारी स्मृति गीतांजलि व भावांजलि समारोह का विधिवत उद्घाटन संस्था अध्यक्ष अनिल अरोड़ा संघर्ष समाजसेवी पवन श्रीवास्तव संगीत साहित्य प्रेमी पिंकी विप्रा नरगिस तथा अवधेश उपाध्याय ने संयुक्त रूप से करते हुवे उन्हें अपने समय की मशहूर अदाकारा दर्दीले अभिनय की जीवंत अभिनेत्री बताते हुये उनके छुए व अनछुये पहलुओं पर प्रकाश डाला उन पर फिल्माए यादगारे नगमों कि प्रस्तुति में चौधरी रिजवान चेतना चीपा उषा शर्मा कार्यक्रम संचालक संस्था अध्यक्ष अनिल अरोड़ा संघर्ष अवधेश उपाध्याय नरगिस पिंकी विप्रा रितिका अग्रवाल राजकुमार सिंह राजपूत पवन श्रीवास्तव इत्यादि ने रुक जा रात ठहर जा रे चंदा तोरा मन दर्पण कहलाए यूंही कोई मिल गया था सरी राह चलते चलते इन लोगों ने ले लीना दुपट्टा मेरा की शानदार प्रस्तुति दे पाकीजा की पाकीजा को भरे मन से याद किया रितिका अग्रवाल चेतना चीपा ने उनकी अभिनय के डायलॉग एक्टिंग की प्रस्तुति दे चहेती अदाकारा को श्रद्धांजलि अर्पित की आभार व्यक्त समाजसेवी पवन श्रीवास्तव उषा शर्मा ने किया
संवाद। क़ासिद अहमद