अन्य

मौलाना कल्बे जवाद को क़ौम की नज़र में बुरा बना रहा है मोहम्मद नक़वी

लखनऊ,संवाददाता। लखनऊ के आलमनगर स्थित वक़्फ़ सज्जादिया कालोनी में पिछले कई दिनों से गरीबों को पूर्व में अलॉट किए गए प्लाटों को मौलाना कल्बे जवाद को गुमराह करके कैंसिल करवाने का सिलसिला लगातार जारी है। इस मामले में अब मौलवी हसन जाफर और मोहम्मद नकवी की मिलीभगत धीरे धीरे उजागर होने लगी है तथा इनके कारनामों की परतें एक एक कर खुलना शुरू हो गई है।

सूत्र बताते हैं कि लगभग 2 वर्ष पूर्व जब से मोहम्मद नकवी ने सज्जादिया कॉलोनी आलमनगर में आना शुरू किया तभी से मौलवी हसन जाफर ने उससे दोस्ती गांठ ली तथा मोहम्मद नकवी के उठने बैठने खाने-पीने तथा आराम करने के लिए अपने घर में पूरी व्यवस्था करदी ।मौलवी हसन जाफर यह अच्छी तरह जानता था कि मोहम्मद नकवी मौलाना कल्बे जवाद नक्वी का रिश्तेदार है तो उसने उसकी आओ भगत में कोई कोर कसर नही छोड़ी, मौलवी हसन जाफर इस ख़ातिर तवाज़ो की आड़ में अपने मंसूबे को सच करने का सपना देख रहा था।

याद रहे मौलवी हसन जाफर सज्जादिया कॉलोनी आलमनगर में ख़ुद को इमामे जुमा बनाए जाने के लिए काफी समय से लगा हुआ था इस काम के लिए हसन जाफर कॉलोनी के अपने ख़ास शादाब, रब्बानी, इरफान, शब्बन, फहीम, ज़ीशान, इमरान आदि लोगों को मौलाना कल्बे जवाद के घर और ऑफिस में अक्सर भेज कर सिफारिश करवाता रहता था, उसे सज्जादिया कॉलोनी आलमनगर मस्जिद का इमामे जुमा मुंतखब कर दिया जाए,

लेकिन मौलाना कल्बे जवाद ने इस मौलवी को सज्जादिया कॉलोनी में इमामे जुमा नहीं बनाया जिससे नाराज़ होकर मौलवी हसन जाफर अपने साथियों के साथ उस समय शिया वक़्फ़ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी से जा मिला था और वसीम रिजवी से सज्जादिया कॉलोनी मे ख़ुद को इमामे जुमा बनाए जाने के लिये 1 लेटर भी लिखवा लाया था, (जिसकी एक कॉपी शिया वक़्फ़ बोर्ड में मौजूद है) लेकिन उससे पहले मौलाना कल्बे जवाद ने मौलाना रज़ा हुसैन को सज्जादिया कॉलोनी में इमामे जुमा मुंतखब कर दिया इस बात से नाराज़ मौलवी हसन जफर ने मस्जिद में आना और नमाज़ पढ़ना तक छोड़ दिया था तथा मौलाना कल्बे जवाद को उल्टा सीधा कहता फिरता था,

बाद में मौलवी हसन जाफर ने अपने ख़ास लोगों के साथ जाकर यासूब अब्बास की बैयत कर ली थी तथा मौलाना कल्बे जवाद नकवी जो क़ौम की बे लौस खिदमत करते आ रहे हैं उनको बुरा भला कहने और उनके खिलाफ लोगों को भड़काने लगा, हसन जाफ़र ने ही सज्जादिया कालोनी के लोगों पर (वसीम मुर्तद की हिमायत में) अपने अपने प्लाट का किराया ना जमा करने के लिये दबाव बनाया था।

इसी बीच मोहम्मद नकवी ने सज्जादिया कॉलोनी आकर उसके टूटे हुए सपने को फिर से साकार करने का रास्ता हमवार करने का काम किया । मोहम्मद नकवी ने मौलवी हसन जाफर को मौलाना कल्बे जवाद से सिफारिश करके सज्जादिया कॉलोनी का इमाम ए जुमा बनवा दिया, मौलवी हसन जाफर इस एहसान के बदले मोहम्मद नकवी के लिए कुछ भी सही और गलत करने को हमेशा तैयार रहने लगा। इसी सिलसिले में उसने कॉलोनी के तमाम उन वफादार साथियों को मोहम्मद नकवी से जोड़ दिया जो उसके लिए मौलाना कल्बे जवाद के पास इमामे जुमा बनाने के लिए सिफारिश करने जाते थे।

अब इसमें गौर करने वाली बात यह है कि जब से हसन जाफर ने अपने खास लोगों की टीम को मोहम्मद नकवी से मिलवाया तभी से जो प्लाट खाली पड़े थे उनको कैंसिल करवा कर सिर्फ और सिर्फ एक ही खानदान और अपने ख़ास लोगों को प्लाट दिलवाने और कल्बे जवाद को गुमराह करके खुद की तिजोरियां भरने का प्लान तैयार किया गया।

हसन जाफर और मोहम्मद नकवी की साजिश का खुलासा इसी बात से होता है कि अब तक जितने भी प्लॉट कैंसिल करवाए गये है उसमें ज़्यादातर शादाब के रिश्तेदारों को दिलवाए गये हैं।

जिसमें (1) फहीम S/O कब्बन, (शादाब का भतीजा) (2-3) ज़ीशान,और सलमान S/O अंसार, (शादाब के रिश्तेदार) ज़ीशान और सलमान के दो मकान इमदाद हुसैन कर्बला में पहले से बने हुए हैं तथा कर्बला इमदाद हुसैन में ही 3 दुकानों पर इनका कब्ज़ा है जिसमे बड़ा भाई कैंटीन किए हुए हैं। ये सब इमदाद हुसैन के पूर्व मुतवल्ली असद के खास लोग हैं।
(4) शब्बन (रिश्तेदार शादाब) (5) सूफिया (शादाब की भतीजी) सूफिया को जो प्लाट दिए गए हैं वह प्लॉट नंबर 256 और 286 1000 स्क्वायर फिट है, सूत्र बताते हैं कि सूफिया से 1000000 रुपए की रकम ली गई है लेकिन उसको जो रसीद दी गई है वह सिर्फ ₹1,20,000 की है यह प्लाट भी 4 अप्रैल 2022 को मोहम्मद द्वारा ट्रांसफर करवा दिया गया,

यहां यह बात भी गौरतलब है कि सूफिया पहले से ही अपने 500 स्क्वायर फीट के बेहतरीन मकान में आलमनगर में ही रह रही थी लेकिन अभी कुछ दिन पहले ही उसने अपना वह मकान 15,00000 रुपए का बेच दिया जिसको मोहम्मद नक़वी ने ट्रांसफर भी करवा दिया,

बताते हैं कि सूफिया को जो प्लाट दिए गए हैं उन पर मुकदमा चल रहा है और यह बात इस समय के मौजूदा चेयरमैन के संज्ञान में भी है लेकिन (इस सौदे की जानकारी मौजूदा चेयरमैन को नही है) मोहम्मद नक़वी ने दो और प्लाट कैंसिल करवा कर एक प्लाट रब्बानी को और दूसरा प्लाट इरफान की बहन हिना को दिलवा दिया, इरफान और रब्बानी दोनों सज्जादिया कॉलोनी के रहने वाले हैं और हसन जाफर मोहम्मद नक़वी के बहुत खास है यह लोग इन दोनों के लिए कुछ भी करने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं इसलिए मोहम्मद नक़वी अपने इन चेलों लिए किसी भी हद तक जाकर प्लाट दिलवाने के लिए कमर कसे हुए है और तमाम तरह के हथकंडे अपना रहा है, कॉलोनी निवासियों का कहना है कि मौलाना कल्बे जवाद नक्वी हमारे रहबर है वह हमारे दिलों में बसते हैं मौलाना के लिए हम अपनी जान तक दे सकते हैं हमें पूरा यकीन है कि मौलाना ने यह कदम जो हम लोगों को बेघर कर रहा है खुद नहीं उठाया है उनको गुमराह करने का काम मोहम्मद नक़वी ने किया है।

कॉलोनी वासियों का यह कहना है कि मौलवी हसन जाफर और मोहम्मद नकवी रब्बानी, फहीम, शादाब, इरफान, सलमान, इमरान, जीशान, और शब्बन आदि के अलावा कोई नही चाहता कि किसी का कोई प्लाट कैन्सिल हो, लोगों का कहना है कि हम गरीबों ने किस मुश्किल से अपने ज़ेवर वगैरह बेच के बड़ी मेहनत मशक्कत करके प्लाट लिया था, जिसको मोहम्मद हमसे छीन लेना चाहता है, हमे मौलाना कल्बे जवाद से पूरी उम्मीद है कि वो हम लोगों के साथ नाइंसाफी नही होने देंगे।

मोहम्मद नकवी और हसन जाफर जो काम कर रहे हैं वह अपने जाती फायदे के लिए कर रहे हैं इसमें ना तो कोई औकाफ़ के फायदे की बात है और ना ही मौलाना कल्बे जवाद से मोहब्बत।
जारी….