अजमेर शरीफ स्थित उस्मानी चिल्ले पर बड़ी ही अकीदत के साथ मनाया जा रहा है उर्स के पहले दिन बाद नमाज असर संदल व चादर पोशी की रस्म दरगाह के सज्जादा नशीन हजरत इमाम हसन गुड अली शाह बाबा पंजीम अजमेरी द्वारा की गई। उर्स ए मुबारक के मौके पर उस्मानी चिल्ला पर रोजा इफ्तार का भी आयोजन किया गया
अपने खिताब में सज्जादानशीन हज़रत इनाम मियां ने कहा कि बुजुर्गों की खिदमत करना ही इंसान का धर्म होना चाहिए क्योंकि बुजुर्गों की खिदमत से ही दुनिया और आखिरत अल्लाह तबारक ताला इंसान को अता फरमा ता है आज हमें भी इनके बताए रास्ते पर चलना चाहिए कि जैसे इन्होंने अपनी जिंदगी रसूले पाक और अल्लाह के नाम पर वह कर दी हम लोगों को पंजतन ए पाक की मोहब्बत भी मोहब्बत भी अपने दिलों में कायम रखनी चाहिए जिससे कि मरने के बाद हमको जन्नत के सरदार छोटे व बड़े इमाम अपनी गारंटी पर और अपना महबूब मोहब्बत करने वाला गुलाम बनाकर जन्नत में लेकर जाएं। उर्स के दूसरे दिन सुबह 10:00 बजे कुल शरीफ की रस्म अदा की गई तथा महफिले रंग की भी अदायगी हुई बाद नमाज असर गुलपोशी के साथ ही दूसरे दिन भी रफ्तार तथा लंगर का आयोजन किया गया । उर्स में आगरा से भी एक जत्था शामिल हुआ। इस जत्थे का नेतृत्व ख्वाजा मोहम्मद अमीन द्वारा किया गया आगरा से उर्स में शामिल होने के लिए हाजी मोहम्मद तौफीक सैयद मुबारक अली ,मोहम्मद जमील गुदड़ी शाही अमजद अमजद अली राजू भाई लाला दीनदयाल शरीफ खान शहजाद भाई आदि लोग शामिल रहे
संवाद। फैज़ान उद्दीन नियाज़ी