आगरा, आस्ताना हज़रत मैकश ख़ानक़ाह क़ादरिया नियाज़िया मेवा कटरा आगरा पर हज़रत सैय्यद अजमल अली शाह क़ादरी की सरपरस्ती में हज़रत सैय्यद असगर अली शाह क़ादरी चिश्ती नियाज़ी का उर्स मुबारक़ व फातिहा ग्याहवी शरीफ का आयोजन किया गया, नमाज़ ज़ुहर के बाद क़ुरआन की तिलावत, नमाज़ असर के बाद महफ़िल समां क़व्वाली हुई, इस के बाद रोज़ा इफ्तार और लंगर का आयोजन किया गया,
गौरतलब हो कि हज़रत सैय्यद असगर अली शाह क़ादरी चिश्ती नियाज़ी का उर्स 119 सालो से मनाया जा रहा है, आपकी जन्म 1865 ईस्वी में हुआ था, आपके पिता हज़रत सैय्यद मुज़फ्फर अली शाह अकबराबादी भारत के मशहूर सूफ़ी थे, अजमेर शरीफ से आपको चिश्त के दूल्हा का खिताब मिला, आगरा और आगरा वाले किताब में
हज़रत सैय्यद मुहम्मद अली शाह मैकश अकबराबादी लिखते है कि मेरे वालिद अपने खानदान में औलाद अकबर और बुज़ुर्गो के सही जानशीन थे,
हज़रत सैय्यद असगर अली शाह क़ादरी चिश्ती नियाज़ी का उर्स मुबारक़ हर साल रमज़ान के ग्याहवे रोज़े को होता है,
महफ़िल में खास तौर पर सैय्यद शब्बर अली शाह, सैय्यद शमीम अहमद शाह, सैय्यद रिज़वान अहमद शाह , सैय्यद ग़ालिब अली शाह , सैय्यद मोहतशिम अली शाह, सैय्यद फैज़ अली शाह, सैय्यद फ़ाएज़ अली शाह , सैय्यद नक़ी अली शाह , मेराज उद्दीन , सैय्यद अशफ़ाक़ अहमद इरफ़ानी, सैय्यद मसूद अहमद , सैय्यद अली, इरफ़ान सलीम, सैय्यद खावर हाशमी, अज़हर उमरी ,इंतिखाब अली, सैय्यद जुनेद , मुबारक अली, सैय्यद ज़ाहिद, मुंशी रियाज़ , दानिश शारिक, बरकत अली कुरैशी, फारुख बेग, शादाब कुरैशी, जमाल अहमद नियाज़ी ,चाँद असगर अली, चौधरी फैज़ान, अफ़ज़ाल नियाज़ी आदि मौजूद रहे,
व्यवस्था हाजी इम्तियाज़ अहमद, अख़्तर वारसी, ज़ाहिद हुसैन कुरैशी, हाजी अफ़ज़ाल अहमद, चाँद जमील उद्दीन नियाज़ी, निसार अहमद साबरी, लईक ओवैसी नियाज़ी, नायाब नियाज़ी, शादाब नियाज़ी, आमिर नियाज़ी, हाजी तौफ़ीक़ आदि ने संभाली,
संवाद , फैज़ान उद्दीन नियाज़ी