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संविधान जीवन का माध्यम है , वकीलों का पुलिंदा नहीं है,राजेश खुराना

आगरा ,भारत रत्न बाबा साहब डॉ. भीमराव आंबेडकर जी की 131 वीं जयंती के अवसर पर डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय, आगरा में बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा पर प्रति कुलपति प्रोफेसर अजय तनेजा, कुलसचिव  संजीव कुमार सिंह, प्रोफेसर संजय चौधरी , हिंदू जागरण मंच के  राजेश खुराना, सहायक कुलसचिव  अजय कुमार गौतम और पवन कुमार , डॉक्टर आनंद टाइटलर, अरविंद गुप्ता, निरंजन सिंह, शिव सिंह, संजय चौहान, सुमित चौधरी, सहित बहुत से कर्मचारियों ने बाबा साहब की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया।
इसके बाद जुबली हॉल में एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया । इस कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रति कुलपति प्रो.अजय तनेजा ने की।‌ विशिष्ट अतिथि हिंदू जागरण मंच ब्रज प्रांत के प्रांतीय संयोजक राजेश खुराना थे।
आरंभ में बाबा साहब के तैल चित्र और सरस्वती माता की प्रतिमा पर प्रतिकुलपति और कुलसचिव जी द्वारा माल्यार्पण किया गया। इसके पश्चात समस्त मंचासीन अतिथियों का माल्यार्पण, शाल और स्मृति चिन्ह देकर स्वागत किया गया।
विशिष्ट अतिथि ने बाबा साहब के जीवन पर प्रकाश डालते हुए उनके जीवन से जुड़े हुए कई प्रसंग सुनाए।उन्होंने कहा कि संविधान जीवन का माध्यम है , वकीलों का पुलिंदा नहीं है। देश के विकास के लिए हम सब भारतीय हैं और हमें मिलजुल कर देश को बढ़ाने के लिए प्रयास करना चाहिए।

प्रति कुलपति प्रोफेसर अजय तनेजा ने कहा कि बाबा साहब भीमराव अंबेडकर बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। उन्होंने अपने विचारों से लोगों को सशक्त बनाया। उन्होंने कहा कि बुद्धि का विकास मानव के लिए सशक्त अस्त्र होना चाहिए। देश के विकास से पहले अपनी बुद्धि के विकास की आवश्यकता है। उन्होंने पुरुष के साथ महिलाओं के भी विकास की आवश्यकता पर भी दिया। उन्होंने बताया एससी-एसटी और ओबीसी 29 छात्र छात्राओं को ₹5000 महीना पीएचडी के लिए छात्रवृत्ति दी गई है। हमें आज अंबेडकर के विचारों की बहुत आवश्यकता है।
कुलसचिव  संजीव कुमार सिंह ने कहा अंबेडकर जी की जो सोच थी , वह सबके प्रति समान थी ।उनके संविधान में सभी को समानता प्रदान की गई है। अंबेडकर जी ने विश्व के अच्छे से अच्छे विचारों को अपने संविधान में रखा। उन्होंने कहा कि अंबेडकर बुद्ध से प्रेरित थे। वे मानते थे कि आज समाज में एकता तभी आ सकती है जब सभी के प्रति प्रेम और बंधुत्व का भाव रखा जाए और सहायता की जाए। अंबेडकर के विचारों के अनुरूप हम लोग समाज सेवा का व्रत लें और विश्वविद्यालय परिवार को अंबेडकर की सोच के अनुरूप बनाएं।
प्रोफेसर संजय चौधरी ने कहा कि बाबा साहब का पढ़ाई के प्रति बहुत रुझान था। वे सभी को पढ़ने के लिए सदैव प्रेरित करते थे। हम सब भी उनके विचारों को अपनाकर बाबा साहब की तरह बड़े बन सकते हैं।
दिल्ली विश्वविद्यालय डॉ कपिल ने कहा कि मानव जाति के सभी लोग तर्क कर सकते हैं प्रश्न कर सकते हैं ।बाबा साहब में संविधान और प्रकृति में समानता बतायी।
दयालबाग शिक्षण संस्थान के संजीव कुमार ने कहा आज सकारात्मकता का समय है ।आज हमें सकारात्मकता के साथ आगे बढ़ना चाहिए ।आज आप सब की जिम्मेदारी है कि हम एक दूसरे की मदद करें।
इस अवसर पर डॉक्टर अरविंद टाइटलर ने अपने विचारों को सबके सामने रखा और बाबा साहब के जीवन पर प्रकाश डाला।
इस अवसर पर शिव सिंह, सुमित चौधरी, अरविंद गुप्ता, अनिल श्रीवास्तव, डॉ रंजीत भारती, डॉ प्रदीप वर्मा, डॉ कपिल हरित श्रीमती मनोज कुमार, रजत चौधरी, खेम बाबू, अजय कुमार गौतम संतोष यादव मलखान सिंह मदनलाल विनोद निराला राजेंद्र ब्रजेश सिंह, हिमांशु निगम सहित बहुत बड़ी संख्या में अनुसूचित जाति संघ के पदाधिकारी एवं अन्य कर्मचारी उपस्थित रहे ।


संवाद , दानिश उमरी