भगवान महावीर के अहिंसा परमो धर्म व जियो और जीनों दो का खुला चीरहरण किया जा रहा है, सत्ता के संरक्षण में – जमील उद्दीन
आगरा – शहर कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष देवेन्द्र कुमार चिल्लू की अध्यक्षता में संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अम्बेडकर जी व भगवान महावीर की जयंती के अवसर पर एमजी रोड स्थित कैम्प कार्यालय पर विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया।
विचार गोष्ठी में मुख्य अतिथि प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता हाजी जमील उद्दीन कुरैशी थे व संचालन नंदलाल भारती ने किया।
गोष्ठी में कांग्रेस जनों ने बाबा साहेब के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की,
इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए अध्यक्ष देवेन्द्र कुमार चिल्लू ने कहा कि आरएसएस और भाजपा दोनों ही पूरे देश में बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर जी के विचार, सिद्धांत और उनके द्वारा दिए गए संविधान के विरुद्ध देश में कट्टरता, धर्मांधता व नफरत का जहर घोलकर समाज के लोगों को मानसिक रूप से गुलाम बनाने की कोशिश कर रहे हैं।
चिल्लू ने कहा कि बाबा साहेब ने आजादी से लेकर अन्त तक हमेशा धर्मांधता, कट्टरता और सांप्रदायिकता का विरोध किया था और संविधान में इसलिए उन्होंने व्यवस्था की थी कि देश का स्वरूप धर्मनिपेक्षता पर आधारित होगा, क्योंकि देश में विभिन्न जातियों, धर्मों के लोग रहते हैं, लेकिन आरएसएस भाजपा ने आज बाबा साहेब के संविधान को तहस नहस करके लोकतंत्र के चारों स्तंभों को मजबूर और कमजोर सिर्फ हम दो हमारे दो योजना के तहत कर दिया है।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता हाजी जमील उद्दीन कुरैशी ने कहा कि आज देश काफी गम्भीर संकट से गुजर रहा है, बाबा साहेब डॉ. अंबेडकर और भगवान महावीर जिनके की सिद्धांतों, विचारों को पूरा विश्व मानता है, लेकिन अपने ही देश में आज हिंसा का नया दौर नफरत फैलाकर शुरू किया गया है और सत्ता में बैठे लोक मूक दर्शक बने हुए हैं।
कुरैशी ने कहा कि भगवान महावीर ने देश की जनता को जियो और जीने दो व अहिंसा परमो धर्म का सिद्धांत दिया था, लेकिन आज भगवान महावीर के सिद्धांतों के विपरीत देश में नफरत, हिंसा व धार्मिक उन्माद को बढ़ावा दिया जा रहा है।*
विचार गोष्ठी में डॉ. मधुरिमा शर्मा, पूर्व पार्षद अशोक शर्मा, नंदलाल भारती, अश्वनी कुमार बिट्टू, जलालउद्दीन एडवोकेट, संतोष चंद्रा, शाहिद खान, याकूब शेख,अनुज शर्मा, नगीना चौधरी, हिशामुद्दीन कुरैशी, इरफान मेव, आई डी श्रीवास्तव आदि ने विचार व्यक्त किए।
संवाद , दानिश उमरी