बेहतर स्वास्थ्य के लिए नियमित टीकाकरण कराना जरूरी
मना करने वाले 16 परिवारों को टीके की महत्ता समझाकर लगाया टीका
आगरा, स्वस्थ समाज के लिए निरोगी रहना आवश्यक है। इसी के मद्देनजर गंभीर बीमारियों को बढ़ने से रोकने के लिए बचपन से नियमित टीकाकरण किया जाता है। हाल ही में शाहगंज प्रथम प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र क्षेत्र में 16 ऐसे परिवारों को टीकाकरण के फायदे के बारे में बताकर उनके बच्चों का टीकाकरण किया। जो टीकाकरण विश्वास ही नहीं करते थे। इस कार्य में आशा प्रियंका, एएनएम सुदामा और यूनिसेफ की बीएमसी शाइना परवीन का विशेष प्रयास रहा है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अरूण श्रीवास्तव ने बताया कि सभी लोगों तक स्वस्थ्य सेवाएं पहुंचे इसके लिए विभाग द्वारा कार्य किया जाता है। जो लोग टीकाकरण करने मना करते हैं। विभाग द्वारा उनका फॉलोअप करके उनको टीकाकरण करने के लिए मनाया जाता है।
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. संजीव वर्मन ने बताया कि विभाग द्वारा 280 वैक्सीन अवॉयड बिहेवियर(वीएबी) यानि टीकाकरण कराने से मना करने वाले लोगों को मनाकर टीकाकरण किया गया है। डीआईओ ने बताया कि वीएबी को दूर करने में यूनिसेफ के रीजनल कोऑर्डिनेटर अरविंद कुमार शर्मा और डीएमसी राहुल कुलश्रेष्ठ और उनकी टीम का भी सहयोग रहा है।
एएनएम प्रियंका ने बताया कि हम अपने क्षेत्र में नियमित टीकाकरण कर रहे हैं। लेकिन ढोलीबस्ती में 16 परिवार टीकाकरण कराने से मना कर रहे थे। हमने लगातार उनके पास जाकर टीकाकरण के फायदे बताए। उन्हें टीकाकरण की महत्ता समझाई, जब वे टीकाकरण कराने के लिए मान गए तो उनके बच्चों को टीके लगाए गए।
आशा प्रियंका ने बताया कि हमारी ड्यूटी लोगों तक विभाग द्वारा दी जा रही स्वास्थ्य सेवाओं को लोगों तक पहुंचाना है। हम क्षेत्र में विभाग दवारा दी जा रही स्वास्थ्य सेवाएं लोगों तक पहुंचाने के लिए हर वक्त काम करते हैं। हम लोगों के घर जाते हैं उन्हें विभाग द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं की जानकारी देते हैं और उन्हें सेवाएं उपलब्ध कराते हैं।
डीआईओ ने बताया कि नियमित टीकाकरण 11 प्रकार की बीमारियों से सुरक्षा प्रदान करता है। टीबी, पोलियो, हेपेटाइटिस बी, डिप्थीरिया, टीटनेस, मिजिल्स, परट्यूटिस (काली खांसी), रूबेला, निमोनिया, वायरल डायरिया और हीमोफिलस इंफ्लूएंजा से बचाने में टीकों की भूमिका अहम है। जहां निजी अस्पतालों में इन बीमारियों से बचाव के लिए महंगे दामों पर टीके लगवाने पड़ते हैं वहीं सरकारी अस्पतालों में यह टीके पूरी तरह से निःशुल्क हैं ।
यह निःशुल्क टीके हैं आवश्यक
• बच्चे के जन्म पर बीसीजी, हेपेटाइटिस बी एवं पोलियो की जीरो डोज लगेगा
• • बच्चे के डेढ़ महीने का होने पर पेंटावैलेट एक, ओपीवी एक, एफआईवीपी एक, रोटा एक एवं पीसीवी एक लगेगा
• बच्चे के ढाई महीने का होने पर पेंटावेलेट दो, ओपीवी दो और रोटा दो लगेगा
• • बच्चे के साढ़े तीन महीने का होने पर पेंटावेलेट तीन, ओपीवी तीन, एफआईपीवी दो, रोटा तीन एवं पीसीवी दो लगेगा
• बच्चे को नौ से बारह महीने की उम्र में एमआर एवं पीसीवी और विटामिन ए देंगे।
• • 16 से 24 माह की उम्र में बच्चे को एमआर, डीपीटी, ओपीवी और विटामिन ए हर 6 माह पर 5 साल तक देंगे।
• बच्चे को पांच से छह साल की उम्र में डीपीटी लगेगा
• • बच्चे को 10 साल की उम्र में टीडी का टीका लगेगा
• बच्चे को 16 साल की उम्र में टीडी
• • गर्भवती को टीडी का टीका लगता है ।
संवाद। दानिश उमरी