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ख़्वाजा साहब की दरगाह में गायक कुणाल पंडित ने ज़ियारत की

अज़मेर ।विश्व प्रशिद्ध महान सूफ़ी संत हजऱत ख़्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह शरीफ में युवा गायक, गीतकार, संगीत निर्माता और कलाकार ‘कुणाल पंडित’ ने अपने साथियों के साथ मखमली चादर व अक़ीदत के फूल पेश किए ।
सभी को दरगाह शरीफ के ख़ादिम सैयद अज़हर चिश्ती ने ज़ियारत कराई औऱ दस्तारबंदी करने के बाद दरगाह शरीफ का तबरूक दिया ।

मुंबई के रहने वाले, कुणाल पंडित एक संगीत परिवार में पले-बढ़े, उनके दादा प्रसिद्ध जोड़ी और भाइयों शंकर शंभू से एक कव्वाल थे। कुणाल ने 5 साल की उम्र में अपने पिता और गुरु प्रदीप पंडित से संगीत सीखना शुरू कर दिया था, जो खुद भारत के बेहतरीन प्रसिद्ध संगीतकारों और गायकों में से एक हैं। उनके चाचा, दीपक पंडित एक महान संगीत निर्देशक और वादक हैं। कुणाल एक प्रशिक्षित शास्त्रीय गायक हैं। सारेगामापा (2012) के माध्यम से उन्हें किकस्टार्ट मिला। संगीत निर्माण में रुचि होने के कारण, उन्होंने अपना संगीत स्वयं बनाना शुरू किया। उन्होंने कुछ एल्बम किए, बॉलीवुड में कुछ प्रसिद्ध संगीतकारों के लिए भी गाया।
कुणाल राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई कलाकारों से प्रेरित हैं। शास्त्रीय पृष्ठभूमि से होने के कारण, वह गुलाम अली, हरिहरन, एआर रहमान और मेहंदी हासन जैसे संगीतकारों को सुनते हुए बड़े हुए हैं। गायन के अलावा, वह एक अच्छे नर्तक भी हैं, वह ब्रूनो मार्स और माइकल जैक्सन जैसे गायकों से प्रेरित हैं।

संवाद। मोहम्मद नज़ीर क़ादरी