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नवप्रवर्तन पारिस्थितिकी तंत्र का विकास समय की आवश्यकता: प्रो. ख़ान

नई दिल्ली, 22 अप्रैल, 2022: आयुष मंत्रालय, उसके अधीनस्थ अनुसंधान परिषद, राज्य विभाग और अन्य आयुष हितधारक आयुष क्षेत्र में विकास, निवेश, रोजगार और व्यवसाय करने में आसानी को बढ़ावा देने वाला वातावरण बनाने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं, यह बात प्रो. आसिम अली ख़ान, महानिदेशक, केंद्रीय यूनानी चिकित्सा अनुसंधान परिषद (के.यू.चि.अ.प.) ने आयुष मंत्रालय, भारत सरकार और गुजरात सरकार के द्वारा 20-22 अप्रैल 2022 के दौरान महात्मा मंदिर, गांधीनगर, गुजरात में आयोजित वैश्विक आयुष निवेश और नवाचार शिखर सम्मेलन के विस्तृत सत्र-2 में “आयुष क्षेत्र में प्रौद्योगिकी और नवाचार” पर अपने प्रारंभिक भाषण में कही।

प्रो. ख़ान ने आगे कहा कि आयुष मंत्रालय के साथ-साथ आयुष से संबंधित अन्य संगठन इस क्षेत्र में प्रौद्योगिकी और डिजिटलीकरण को बढ़ावा देने और उपयोग करने के लिए लगातार कदम उठा रहे हैं। आयुष क्षेत्र के प्रति भारतीय नीति दृष्टिकोण हमेशा इस क्षेत्र में अनुसंधान और नवाचार को प्रोत्साहित करने पर केंद्रित रहा है और अनुसंधान परिषदें नवीन दवाओं का विकास करती रही हैं।

उन्होंने आगे कहा कि भारत आयुष प्रणालियों में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोग को प्रोत्साहित करता रहा है और बताया कि पिछले कुछ महीनों में कोविड-19 महामारी के कारण कई नवाचार शुरू किए गए हैं। उन्होंने नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने और आयुष सिद्धांतों के विश्लेषण के दौरान वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाने और अनुसंधान, शिक्षा और अभ्यास के बीच ताल-मेल बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया।

सत्र की अध्यक्षता डॉ. मुंजपारा महेंद्रभाई कालूभाई, माननीय राज्य मंत्री, आयुष मंत्रालय और महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, भारत सरकार ने की।

संवाद। अज़हर उमरी