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पुस्तकें ही हैं प्रगति का आधार

आगरा ,बैकुण्ठी देवी कन्या महाविद्यालय, आगरा के शिक्षक शिक्षा विभाग में विश्व पुस्तक दिवस के उपलक्ष्य में भगवन्त विश्वविद्यालय, अजमेर के प्रोफेसर आलोचक व साहित्यकार सन्दीप अवस्थी का व्याख्यान आयोजित किया गया। प्रोफेसर अवस्थी ने महिलाओं की सकारात्मक व प्रगतिशील सोच की उन्होंने प्रशंसा की।
उन्होंने कहा कि माता-पिता व परिवार का प्रोत्साहन भी बालिकाओं के भविष्य का मार्ग प्रशस्त करता है।पुस्तकें समाज व व्यक्ति की समस्याओं के समाधान भी प्रतिबिंबित करती हैं। समस्याओं को हल, प्रतिक्रियाओं को नियंत्रित करना, विभिन्नताओं की अभिव्यक्ति साहित्य सिखाता है। कोर्स से परे अध्ययन व्यक्तित्व को सुसंस्कृत करता है। चुनौतियाँ ही जीवन को रोचक एवं सामंजस्यपूर्ण बनाती हैं। भारतीय संस्कृति की सम्पन्नता का आधार भारतीय साहित्य है। समय प्रबंधन का गुण सफल व्यक्तियों को अन्य व्यक्तियों से भिन्न करता है। हमारे समय का उचित उपयोग हमारे व्यक्तित्व को क्षण-प्रतिक्षण परिमार्जित करता है। यही सफलता की सीढ़ी है। उच्च शिक्षा का कार्य व्यक्तित्व का उन्नयन है। आपने आव्हान किया कि हर बालिका/महिला घर में पुस्तकों का स्थान बनायें। यह हम सभी का कर्तव्य है।
इस अवसर पर महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ. पूनम सिंह ने छात्राओं को पुस्तकों का महत्व बताया। उन्हें आर्शीवचन दिया कि वे भारतीय साहित्य की शाश्वत धरोहरों व लेखकों के योगदान की कड़ी को आगे ले जाने की परम्परा को अक्षुण्ण रखें। कार्यक्रम संचालन विभागाध्यक्षा डॉ. लता चन्दोला ने किया। धन्यवाद ज्ञापन डॉ. सुनीता चौहान ने किया।
इस अवसर पर शिक्षा विभाग की अध्यक्षा डॉ. शशिप्रभा वार्ष्णेय, डॉ. प्रीति शर्मा व सुश्री अनीता नेमा, श्रीमती राजवाला एवं डॉ. अनीता शर्मा की उपस्थिति सराहनीय रही।


संवाद , रहबर मुईन