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प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा बिना किसी सूचना या नोटिस के लाउड स्पीकर उतारने से लोगों में रोष

कासगंज।जनपद में कल प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा बिना किसी सूचना या नोटिस के लाउड स्पीकर उतार दिए गए हैं इससे समाज में गलत मैसेज पहुंचा है इस संबंध में आज एक मुस्लिम समाज का प्रतिनिधि मंडल जिलाधिकारी हर्षिता माथुर से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा जिसमे शहर काजी इमाम इकराम अहमद ने कहा कि हाई कोर्ट के फैसले के क्रम में पूरी डिटेल से गाइडलाइन जारी की थी और सन 2018 में यह निर्धारित कर दिया गया था की कहां किस क्षेत्र में आवाज के क्या मानक रहेंगे इसी क्रम में धार्मिक स्थलों पर लाउड स्पीकर या लोक संबोधन प्रणाली या ध्वनि उत्पन्न करने वाले उपकरण या वाद्य उपकरण के प्रयोग हेतु अनुज्ञा पत्र जारी किए गए थे, जिस के अंतर्गत लग भाग सभी मस्जिदों जिम्मेदारान द्वारा अनुमति प्राप्त कर ली गई थी, जिस के नियमों को आज दिनांक तक हर मस्जिद में पालन किया जाता रहा है, धार्मिक स्थलों पर लाउडस्पीकर का प्रयोग गाइड लाइन और मानकों के अनुरूप करते आ रहे हैं उन को धार्मिक स्थलों से उतरवा देने सम्बन्धी कोई भी शासन से आदेश पारित नहीं हुआ है परंतु जनपद में जिस तरह से प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा बिना किसी सूचना या नोटिस के कार्यवाही करते हुए लाउड स्पीकर उतार दिए गए हैं इस से समाज में गलत मैसेज पहुंचा है और अजान को लेकर भी जनपद में भ्रम फैला है जब की विधिक ये है कि कोई भी सार्वजनिक कार्यवाही की जाती है तो समाज के सम्भ्रांत एवम धर्म गुरुओं के साथ संवाद किया जाना और समाज को विश्वास में लेना जरूरी होता है परंतु ऐसा नहीं हुआ है और अचानक ही बिना कोई नोटिस या मस्जिद की इंतजामिया कमेटियों और धर्म गुरुआ को बिना संज्ञान में दिए ही कार्यवाही करते हुए लाउड स्पीकर उतार दिए गए है जिस से समाज में अत्याधिक रोष व्याप्त है।हाजी तनवीर अहमद मदनी ने कहा कि एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार और उत्तर प्रदेश पुलिस के मुताबिक बुधवार दोपहर तक प्रदेशभर में धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर को हटा दिया गया है हमारे जनपद में भी मस्जिदों के लाउड स्पीकर जहां आवाज मानक के अनुरूप है वहा प्रयोग की अनुमति दी जाए। धार्मिक स्थलों मस्जिदों की पूर्व में ली गई अनुमति का नवीन कारण के लिए 15 दिन का अवसर दिया जाए। कासगंज शहर की जामा मस्जिद और जहां लाउड स्पीकर की आवाज मानक के अनुसार पहले से थी मगर गलत फहमी के चलते उत्तर वाए गए वहां फिर से स्थापित कराने की अनुमति दी जाए।ज्ञापन देने वालों में
शहर काजी इकराम अहमद,हाजी तनवीर अहमद मदनी, चौधरी सुलतान अहमद, सगीर अहमद सभासद, राजू कुरैशी सभासद, परवेज़ सभासद मोजूद रहे।

संवाद। नूरुल इस्लाम