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रमज़ान के बाद शव्वाल में छे रोज़े रखें, तो पूरे साल रोज़े रखने का सवाब मिलता है , हाजी मुहम्मद इक़बाल


आगरा , सिकन्दरा स्थित मस्जिद नहर वाली के खतीब हाजी मुहम्मद इक़बाल ने ख़ुत्बा जुमा में उपस्थित नमाज़ियों से बताया कि अगर आप चाहते हैं कि आपका नाम उस लिस्ट में आए जो लोग पूरे साल रोज़े रखते हैं, तो आपको आने वाली स्कीम का फायदा उठाना चाहिए और वह स्कीम यह है कि जिन लोगों ने रमज़ान के रोज़े रखे फिर शव्वाल के छे रोज़े रखे तो जैसे पूरे साल रोज़े रखे यह मस्नत अहमद की हदीस है जिसका नंबर 3964 है, दूसरी हदीस में भी मुख्तलिफ अल्फाज़  के साथ इसी तरह के अल्फाज़ मौजूद है अगर रमज़ान के बाद हम शव्वाल में छे रोज़े रखते हैं तो पूरे साल रोज़े रखने का सवाब मिलता है इतनी शानदार स्कीम है कि हर शख्स को इसका फायदा उठाना चाहिए कम मेहनत में बहुत बड़ा इनाम अल्लाह ताला की तरफ से मिल रहा है लेकिन आपको इसमें यह ध्यान रखना पड़ेगा कि रमज़ान के छूट गए रोज़े बीमारी की वजह से हो या सफर की वजह से हो या किसी और वजह से हो वह रोज़े पहले रखने हैं उसके बाद शव्वाल के छे रोज़े रखने हैं और वहां पर भी आपको रियायत दी गई है, आप रोज़े एक साथ रख सकते हैं या दो दो करके भी रखे जा सकते हैं यानी पूरे शव्वाल के महीने में वह छे रोज़े पूरे करने हैं इंतहा आसान स्कीम है इसके बावजूद भी अगर हम फायदा ना उठाएं तो यह बहुत बड़ी बदनसीबी होगी और रमज़ान के बाद की जिंदगी अब शुरू होने वाली है जिसमें पहले नंबर पर यह स्कीम हमें मिल रही है, तो जाहिर बात है इसमें मुकम्मल फायदा हमारा है रमज़ान में जो हमने ट्रेनिंग हासिल की है रोज़े रखने की सदका खैरात करने की भूख प्यास बर्दाश्त करने की लोगों की मदद करने की क़ुरआने करीम की तिलावत करने की नमाज़ पाबंदी से पढ़ने की तो हमको चाहिए कि अब इन चीज़ो का भरपूर ख्याल रखें और जो रमज़ान में ट्रेनिंग हासिल की है उसको अमलीजामा पहनाने का वक़्त आ रहा है ,हमको अब अमल करके बताना है कि हम अल्लाह के फ़ज़ल से बदल गए हैं और यह रमज़ान हम को सही रास्ते पर लगाकर गया है, लिहाज़ा आप सब से दरखास्त है कि रमज़ान के बाद की जिंदगी में जो शुरू होने वाली है इसमें इन तमाम चीज़ो का खासतौर  से ख्याल रखें अल्लाह से दुआ है कि अल्लाह ताला हमें ज़्यादा से ज़्यादा नेक अमल करने की तौफीक अता फरमाए और रमज़ान का जो वक़्त बाकी रह गया है, उसकी कदर करने की तौफीक अता फरमाए कुछ नहीं मालूम आइंदा साल रमज़ान किस को मिलता है और किसको नहीं मिलता इसलिए जो भी  वक़्त बाकी है ग़नीमत जान कर उसकी भरपूर कदर करें अल्लाह आप सबको सेहत आफियत से रखे आमीन।