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आयुष्मान से मिली नई जिंदगी

  • 15 साल से झेल रही थी तकलीफ, आयुष्मान योजना के तहत हुआ मुफ्त उपचार
  • – 11 साल के शिवा की रीढ़ की हड्डी का भी हुआ निजी अस्पताल में मुफ्त ऑपरेशन

आगरा, 43 वर्षीय अनवारी बीते 15 साल से अप्राकृतिक तरीके से मल त्याग रही थीं। लगातार तकलीफ झेलने के बाद उन्हें आयुष्मान योजना का सहारा मिला और उनका निजी अस्पताल में मुफ्त ऑपरेशन हो सका। अब अनवारी अन्य लोगों की तरह प्राकृतिक तरीके से मल त्याग कर पा रही हैं और अब वे पूरी तरह से स्वस्थ हैं।
खंदौली के बगलभूसा गांव की निवासी अनवारी ने बताया कि उनकी 15 साल पहले तबीयत खराब होने पर पेट का ऑपरेशन हुआ था, तभी से वह पेट के रास्ते से मल त्याग रही थीं। इसके चलते उन्हें कई समस्याओं भी होने लगी थीं। आयुष्मान कार्ड के तहत विम्स अस्पताल में डॉ. भुवनेश्वर ने उनका उपचार किया और अब वह पूरी तरह स्वस्थ हैं। उन्होंने कहा कि आयुष्मान योजना ने उन्हें एक नई जिंदगी दी है। अनवारी के बेटे अमन अली ने कहा कि न तो उनके पास ढाई से तीन लाख रुपए हो पाते और न वह अपनी मां का इतना बड़ा ऑपरेशन करा पाते।
किरावली स्थित नगला भैरावती निवासी सुभाष चंद्र ने बताया कि उनके 11 वर्षीय भतीजे शिवा को जन्म से ही रीढ़ की हड्डी में एक फोड़ा था। जिसका आयुष्मान योजना के तहत निजी अस्पताल में मुफ्त उपचार हो गया। अन्यथा इस ऑपरेशन के लिए लगभग डेढ़ लाख रुपए खर्च होते। उन्होंने कहा कि गरीब धन के अभाव में उपचार कराने से वंचित रह जाता है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना एवं मुख्यमंत्री जन आरोग्य अभियान से आच्छादित परिवारों को प्रति वर्ष प्रति परिवार पांच लाख रुपए तक के नि:शुल्क उपचार की सुविधा दी जाती है। इसके लिए आयुष्मान कार्ड होना आवश्यक है।
योजना के नोडल अधिकारी डॉ. सुखेश गुप्ता ने बताया कि जनपद में 8.92 लाख आयुष्मान योजना के लाभार्थी हैं। इनमें से 2.15 लाख लोगों के आयुष्मान कार्ड बन चुके हैं और लगभग 20 हजार लाभार्थी योजना के तहत अपना मुफ्त उपचार करा चुके हैं। उन्होंने बताया कि जनपद में 23 सरकारी और 48 निजी अस्पताल आयुष्मान योजना से संबद्ध हैं, यहां पर लाभार्थी आयुष्मान कार्ड दिखाकर अपना मुफ्त उपचार करा सकते हैं।

संवाद। दानिश उमरी