जीएसटी की दरों को तर्कसंगत बनाने का किया अनुरोध
आगरा। (डीवीएनए)लघु उद्योग भारती की कार्यकारिणी की एक बैठक सुल्तानगंज चौराहे स्थित कार्यालय में शनिवार को संपन्न हुई। बैठक में सदस्यों ने रिजर्व बैंक द्वारा रेपो रेट और कैश रिजर्व रेशो बढ़ाए जाने पर चिंता प्रकट की। अध्यक्ष भुवेश अग्रवाल ने मत व्यक्त किया कि कैश रिजर्व रेशों बढ़ा कर सरकार द्वारा बाजार में लगभग एक लाख करोड़ की पूँजी तरलता कम कर दी गई। इससे डिमांड पर भारी असर पड़ेगा। उत्पादित उत्पादों की माँग कम हो जाएगी जो कि किसी भी प्रकार से उद्यमियों के हित में नहीं है । रेपो रेट में की गई वृद्धि से कर्ज महंगा हो जाएगा। इससे आम जनों की क्रय शक्ति में कमी आएगी।
वित्त समिति के चेयरमैन सीए नितेश गुप्ता ने कहा कि पिछले कुछ महीने और विशेष तौर पर अप्रैल माह में रिकॉर्ड जीएसटी कलेक्शन हुआ है। अतः यह उचित समय है कि सरकार जीएसटी की दरों को तर्कसंगत बनाए जिससे कि बाजार में उत्पादित वस्तुओं की कीमतें कम होने से डिमांड बढे। महासचिव विजय गुप्ता ने एमएसएमई क्षेत्र के उद्यमियों के लिए बैंक द्वारा एमएसएमई सेक्टर को दिए जा रहे बैंक लोन पर ब्याज दरों को कम करने का अनुरोध किया।
कोषाध्यक्ष जतिन अग्रवाल ने कहा कि कच्चे मालों की बढ़ी हुई कीमतों को बड़ी बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ तो आसानी से अपने उत्पादों की कीमत बढ़ाकर वसूल कर लेती हैं।
परंतु एमएसएमई सेक्टर मे जबरदस्त स्पर्धा होने की वजह से कच्चे मालों की बढ़ी हुई कीमतें होने पर भी उद्यमी के उत्पादों की विक्रय कीमत नहीं बढ़ पाती है जिससे उद्यमियों को बहुत ज्यादा परेशानी हो रही है ।सरकार को लघु उद्यमियों की इस चिंता का और इस समस्या का तुरंत निवारण करने की आवश्यकता है।
बैठक में मुख्य रूप से उपाध्यक्ष शैलेश अग्रवाल , सह कोषाध्यक्ष अरविंद शुक्ला, दिनेश गुप्ता, राजीव बंसल, संजीव जैन, शशीकांत जैन, संजीव अग्रवाल आदि उपस्थित थे।
संवाद:- दानिश उमरी