- मुख्य विकास अधिकारी आगरा की अध्यक्षता में विकास भवन परिसर में आयोजित किया गया कार्यक्रम।
- जिले में चल रहा है 8829 सक्रिय टीबी रोगियों का इलाज
आगरा। (डीवीएनए) राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत क्षय रोगियों की मदद के लिए लाइंस क्लब आस्था आगरा द्वारा गोद लिए गए 21 क्षय रोगियों को विकास भवन परिसर में पोषण सामग्री, सैनेट्री पैड और मास्क का वितरण किया गया।
मुख्य विकास अधिकारी ए मणिकंदन ने बताया की जिले में इस साल कुल 23000 क्षय रोगियों को विभिन्न सामाजिक संगठनों , अधिकारियों द्वारा गोद लिया जाएगा। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ अरूण कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि ऐसे टीबी रोगी जो आर्थिक रूप से पिछड़े है, उनके लिए समाज के प्रत्येक वर्ग को आगे आना चाहिए ताकि टीबी की दवाई के साथ साथ उन्हें पोषण सामिग्री भी समय पर मिल सके, और वह सब शारीरिक और मानसिक रूप से भी स्वस्थ हो सकें।
जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. संत कुमार ने उपस्थित समस्त मरीजों और उनके परिजनों को बताया कि पोषण हेतु मिलने वाली सामग्री का सेवन केवल मरीज व्यक्तिगत रूप से करें। इसके अलावा किसी अन्य स्वास्थ्य संबंधी परेशानी के लिए स्वास्थ्य विभाग को सूचित करें । सामाजिक संस्थाओं द्वारा किये जा रहे यह प्रयास सराहनीय है। इनमें लाइंस क्लब आस्था आगरा संस्था भी शामिल है ।
जिला समन्वयक कमल सिंह ने बताया कि हेल्थ विजिटर की निगरानी में दवाओं के साथ साथ निःशुल्क उपचार से पिछले पांच वर्षों में करीब 55682 से अधिक क्षय रोगी स्वस्थ्य हो चुके हैं। इसमें वर्ष 2021 के 3051एवं 2022 के 5778 सक्रिय टीबी मरीजों का इलाज वर्तमान में चल रहा है। उन्होंने कहा- टीबी एक संक्रामक बीमारी है, जो एक दूसरे से फैलती है। पूरा इलाज करने से यह पूरी तरह ठीक हो जाती है।
पोषण सामग्री वितरण पर लाइंस क्लब आस्था की अध्यक्ष दिनेश सिंह का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि क्षय रोगियो की मदद के लिए ऐसे लोगों को आगे आना होगा जिससे वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त भारत बनाने के लक्ष्य को पूरा कर सकें। इसके अतिरिक्त अन्य क्षय रोगियों को गोद लेने के लिए भी समुदाय को प्रोत्साहित किया जा रहा है और जल्दी ही और भी टीबी मरीजों को विभिन्न संस्थाओं द्वारा गोद लिया जाएगा।
जिले में जियो टैगिंग के माध्यम से ली जा रही स्वास्थ्य की जानकारी, जांच में टीबी पाए जाने के उपरांत हेल्थ विजिटर द्वारा मरीज को दवा व कार्ड मुहैया कराया जा रहा है। ऐसे मरीज के मोबाइल नंबर से संपर्क कर, उन्हें दवा व जांच के लिए समय पर आने की सूचना भी दी जा रही है। मरीज का दो महीने के बाद फॉलोअप भी शुरू किया जा रहा है, जिसकी जियो टैगिंग की जा रही है।कार्यक्रम में जिला टीबी/एचआईवी समन्वयक शशिकांत पोरवाल, पंकज सिंह, अरविन्द कुमार यादव, अखिलेश शिरोमणि टीबी यूनिट आगरा सेंट्रल से टीबीएचवी घनश्याम, रजनीश कुमार आदि लोग उपस्थित रहे।