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परिवार को पीछे छोड़ ड्यूटी को दी प्राथमिकता

  • स्टाफ नर्स अनीता ने बेटे की मृत्यु के अगले दिन ही की कोविड टीकाकरण में ड्यूटी की
  • दो साल मे नहीं लिया साप्ताहिक अवकाश
    आगरा, उपचार चिकित्सक करते हैं लेकिन इसमें स्टाफ नर्स की भी बड़ी भूमिका होती है। वो मरीज की उपचार के साथ देखभाल भी करती हैं। कोविडकाल में स्टाफ नर्स की भूमिका और ज्यादा बढ़ गई और उन्होंने अपने घर को पीछे छोड़कर अपनी ड्यूटी प्राथमिकता दी।
    राम नगर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर तैनात अनीता यादव ने बताया कि उनके 18 साल के पुत्र की 11 जनवरी 2021 को मृत्यु हो गई और उसके कुछ दिन बाद ही 16 जनवरी को कोविड टीकाकरण में ड्यूटी करने के लिए गई थीं। तब से अब तक वे लगातार कोविड वैक्सीनेशन में अपनी भूमिका निभा रही हैं। उन्होंने बताया कि जब 2020 में कोविड-19 संक्रमण आया तो उन्होंने खंदौली सीएचसी में बने कोविड हॉस्पिटल में अपनी ड्यूटी भी की। इसके बाद उन्होंने कोविड टीकाकरण में लगातार ड्यूटी की। अब वे टीकारथ के जरिए भी विभिन्न स्थानों पर जाकर लोगों को कोविड का टीका लगा रही हैं। उन्होंने बताया कि कोविड में ड्यूटी के कारण उन्हें परिवार से दूरी बनानी पड़ी। उनके दो बेटे, पति, सास-ससुर से वे दू रहीं। उन्होंने कहा कि वे संतुष्ट हैं कि वे कोविड संक्रमण को रोकने में विभाग के साथ अपनी भी भूमिका निभा पाईं हैं।

अब तक एक लाख को लगा चुकी हैं टीका
कोविड-19 से बचाव के लिए सरकार द्वारा कोविड टीकाकरण किया जा रहा है। इसमें स्वास्थ्य विभाग के हजारों कर्मचारी अपनी भूमिका निभा रहे हैं। नगला पदी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर तैनात स्टाफ नर्स गीता अब तक एक लाख बीस हजार लोगों को कोविड टीका लगा चुकी हैं। उन्होंने बताया कि वे जून 2021 से लगातार कोविड टीकाकरण कर रही हैं। वे रोजाना लगभग 500 लोगों को टीका लगाती हैं। उन्होंने बताया कि जब कोविड संक्रमण आया था तब उन्होंने लॉकडाउन में घर-घर जाकर सर्वे भी किया था। इसके साथ ही रूटीन इम्युनाइजेशन से लेकर गर्भवतियों को परीक्षण तक सभी कार्य करती हैं। उन्होंने कहा कि कोविड काल में उनके परिवार ने उनका काफी साथ दिया। उनकी एक बेटी और दो बेटों का ध्यान भी इस दौरान उनके पति ने ही ध्यान रखा। बेटी के इस बीच बोर्ड की परीक्षाएं भी हुईं।

संवाद। दानिश उमरी