आगरा ,डॉ भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय की परीक्षाओं की शुचिता सुनिश्चित करने के लिए कुलपति प्रोफेसर विनय कुमार जी की अध्यक्षता में एक आवश्यक बैठक विश्वविद्यालय के खंदारी परिसर स्थित अतिथि गृह में संपन्न हुई , जिसमें प्रति कुलपति , कुलसचिव , परीक्षा नियंत्रक , डीन अकादमिक , अधिष्ठाता कला संकाय , जनसंपर्क अधिकारी , आई.ई.टी. के निदेशक , प्रोफेसर मनु प्रताप सिंह , निदेशक कॉलेज विकास परिषद , क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी और सभी सहायक कुलसचिव उपस्थित रहे ।
कुलपति की अध्यक्षता में सर्वसम्मति से निम्न निर्णय लिए गए –
1, अग्रिम आदेशों तक तत्काल प्रभाव से कुलसचिव श्री संजीव कुमार सिंह को परीक्षा नियंत्रक का अतिरिक्त प्रभार दिया जाता है । आज के बाद संपन्न होने वाली सभी परीक्षाएं कुलसचिव की निगरानी में संपन्न होंगी ।
2,तत्काल प्रभाव से सभी नोडल केंद्रों पर विश्वविद्यालय द्वारा एक एक पर्यवेक्षक नियुक्त किया जाएगा ।
यह पर्यवेक्षक अनुदानित महाविद्यालयों के वरिष्ठ शिक्षक होंगे और प्रातः 5:00 बजे से लेकर अपराह्न 3:00 बजे तक नोडल केंद्रों पर उपलब्ध रहेंगे ।
सभी पर्यवेक्षकों द्वारा यह सुनिश्चित किया जाएगा कि नोडल केंद्रों से निकलने वाले प्रश्न पत्रों के सभी पैकेट सीलबंद रूप में परीक्षा केंद्रों पर रवाना किए जाएं और किसी भी परीक्षा केंद्र पर प्रश्न पत्र 30 मिनट से पहले नहीं पहुंचें ।
3,विश्वविद्यालय द्वारा चार वरिष्ठ आचार्यों ( प्रोफेसर उमेश चंद्र शर्मा , प्रोफेसर प्रदीप श्रीधर , प्रोफेसर बिंदुशेखर शर्मा , प्रोफेसर भूपेंद्र स्वरूप शर्मा ) की एक एक टीम बनाई जाएगी , जिसमें उनके साथ एक-एक सहायक कुलसचिव और अन्य शिक्षक होंगे ।
यह टीम सभी जिलों में लगातार निगरानी करेगी और यह सुनिश्चित करेगी कि किसी भी परीक्षा केंद्रों पर प्रश्न पत्र 30 मिनट से पहले ना पहुंचे । इसके साथ यह भी सुनिश्चित करेगी कि सभी परीक्षा केंद्र विश्वविद्यालय के नियंत्रण कक्ष से सीसीटीवी से जुड़े हुए हैं अथवा नहीं ।
4,प्रोफेसर वी.के. सारस्वत और प्रोफेसर मनु प्रताप सिंह भी लगातार नियंत्रण कक्षों से नोडल केंद्रों पर खुलने वाले प्रश्न पत्रों की निगरानी करेंगे ।
5,सभी नोडल केंद्रों पर अत्याधुनिक तकनीक से युक्त RFID ( रेडियो फ्रिकवेंसी आईडेंटिफिकेशन डिवाइस ) लॉक लगाए जाएंगे ।
आरएफआईडी की डिजिटल तकनीक में नोडल केंद्र के स्ट्रांग रूम में और बाहर दो दो वीडियो कैमरे लगाए जाते हैं ।
स्ट्रांग रूम से बाहर लगने वाले इस लॉक पर एक इलेक्ट्रॉनिक चिप लगी होगी , जिसका कंट्रोल रूम विश्वविद्यालय में होगा ।
जब विश्वविद्यालय से कमांड दिया जाएगा तभी स्ट्रांग रूम का ताला खुलेगा ।
इस डिजिटल लॉक की सुविधा होने से विश्वविद्यालय का सभी नोडल केंद्रों पर नियंत्रण सुनिश्चित हो जाएगा ।
6,विश्वविद्यालय द्वारा प्रयास किया जा रहा है कि आज के बाद से सभी नोडल केंद्रों से भेजी जाने वाली टैक्सियों में जीपीएस की सुविधा उपलब्ध रहे , जिसकी निगरानी विश्वविद्यालय के दोनों नियंत्रण कक्षों द्वारा की जाएगी ।
7,यह भी निर्णय लिया गया कि आगामी परीक्षाओं में केवल नोडल केंद्र अध्यक्षों के पास ही मोबाइल की सुविधा उपलब्ध होगी , इसके अतिरिक्त नोडल केंद्र पर किसी भी अन्य शिक्षक अथवा कर्मचारी के पास मोबाइल प्रतिबंधित रहेगा ।
संवाद , दानिश उमरी