आम आदमी पार्टी अजमेर संभाग द्वारा एक महत्वपूर्ण प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित हुई जिसे कीर्ति पाठक ने संबोधित किया। उन्होंने कहा कि स्थानीय युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करते हुए प्रदेश सरकार उनकी सालों की तैयारी पर पानी फेर रही है। कांग्रेस सरकार में अपना रसूख रखने वाले लोग , अधिकारियों व नेताओं की सांठगांठ के चलते आज हर दूसरा पेपर लीक हो रहा है। अभ्यर्थी सालो साल मेहनत करके तैयारी करते हैं , उनके अभिभावक कोचिंग सेंटरों की मोटी फीस का खर्च उठाते हैं । मगर जब परीक्षा का समय आता है तो ऐन वक्त पर पेपर लीक करके मलाई मारी जाती है। और जब ज़िम्मेदार प्रशासन को कुछ समझ नहीं आता तो परीक्षा ही रद्द करवा दी जाती है। कुल मिला कर इस वर्तमान सरकार को आज की युवा पीढ़ी की इस समस्या से कतई सरोकार नहीं दिखता है।
कीर्ति पाठक ने ये भी कहा कि यदि सरकार को कुछ लेना देना है तो इनके वोट से मतलब है बाकी इनके भविष्य की चिंता बिल्कुल नहीं है।
परीक्षा परिणामों को मनचाहे ढंग से संशोधित करना, चंद पैसों के लालच में पेपर लीक करवाना और फिर आरोपियों को लगातार संरक्षण व शह देना इस सरकार के लिए एक आम बात है ।
जनवरी 2020 में आयोजित लाइब्रेरियन परीक्षा, 2021 में रीट, सहायक निरीक्षक परीक्षा, वेटेनरी डॉक्टर भर्ती, फ़ूड सिक्योरिटी अफसर भर्ती, मेडिकल सुविधा भर्ती, ,स्पेशल टीचर, पटवारी परीक्षा और फरवरी में आयोजित रीट लेवल 2 की परीक्षा में जो पेपर लीक होने की सूचना आई ,वो तो एक बानगी मात्र हैं । ऐसे न जाने कितने ही पेपर लीक हो जाते है, न जाने कितने घोटाले होते हैं, जिसके कारण होनहार अभ्यर्थी वंचित रह जाते हैं और सरकारी पदों पर ऐसे अयोग्य और नाकारा लोगो को चयनित कर लिया जाता है जो रुपयों की थैली हाथ मे रखते है। कई बार परीक्षाएं रद्द करने की मांग भी उठती आई हैजैसे में कांग्रेस इन नकलखोरो पर लगाम लगाने कर बजाय इनके साथ खड़ी हुई नजर आती है।रीट और सबइंस्पेक्टर की भर्ती के समय निर्लज्जता से खुले आम पैसों की मांग की गई, जिस पर किसी भी प्रकार की जांच नहीं की गई।
सबसे बड़ी बात तो ये है कि ये घोटाले और भर्तियों में अनियमितताएं भाजपा सरकार में भी उजागर होते आये हैं, परंतु तब भी कोई प्रभावशाली कदम नहीं उठाया गया। यानि कांग्रेस ओट भाजपा दोनो ने ही अपने अपने सत्ता काल मे नकलखोरो को संरक्षण देने का पूरा मानस बना रखा है, और समय समय पर भरपूर सहयोग भी किया है।
गुपचुप तरीके से नियम ही बदल दिए जाते हैं , कर सहायक के 304 फैल अभ्यर्थियों का चयन भी हो जाता है। परीक्षा 139 अभ्यर्थी ही पास हुए तो नियम बदल दिए गये और फेल अभ्यर्थियों को ही चुन लिया गया,आरपीएससी के निर्णय की प्रतीक्षा तक नहीं की।
राजस्थान सरकार ने PTI भर्ती के लिए घोषणा कर दी है 5500 पदों पर थर्ड ग्रेड और 461 पदों पर सेकंड ग्रेड… थर्ड ग्रेड भर्ती राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड RSMSSB करायेगा और सेकंड ग्रेड राजस्थान लोक सेवा आयोग RPSC करायेगा इन दोनों विभागों का यही नियम है कि परीक्षा के दिनाँक से पहले आपकी डिग्री यानी शैक्षणिक योग्यता पूरी हो जानी चाहिए… अब मान लीजिए आपकी डिग्री जून जुलाई 2023 मे पूरी होगी और RPSC या RSMSSB अपना पेपर जनवरी 2023 में करवा देती है तो आप इस भर्ती परीक्षा से बाहर हो । और अगली भर्तियां 5 साल बाद होंगी, यानि अभ्यर्थियों के पांच साल बर्बाद होंगे।
अभी जेईएन भर्ती परीक्षा में प्रश्नपत्र के लिफाफे को खुला देख कर विरोध करने पर छात्रों से कहा गया कि वो लिख कर दे दें कि उन्हें परीक्ष नहीं देनी।
मतलब हर विभाग की भारतीयों में तुगलकी फरमान और बेतुके से नियम लागू किये जा रहे हैं।
इन सब बातों को देखते हुए लगता है कि कांग्रेस सरकार को इस विषय पर संज्ञान लेने की जरूरत है कि छात्रों के भविष्य के साथ खेलने के बजाय अपनी आंखें खोलें और सार्वजनिक रूप से अपनी गलतियों के स्वीकार करे और एक योग्य निष्पक्ष लोगों की कमिटी बनाए तथा अपने तंत्र में छुपे हर विभीषणों के चेहरे उजागर करें।
यदि वर्तमान कांग्रेस सरकार ऐसा नहीं करती तो ये बात तय मानी जा सकती है कि सरकार के मुखिया से ले कर कई प्रभावशाली लोग इन प्रकरणों में लिप्त हैं। ये ये बात स्पष्ट हो जाएगी कि सरकार ये चाहती है नहीं कि योग्य उम्मीदवारों का निष्पक्ष चयन जो ,बल्कि ये बात सामने आएगी कि कांग्रेस सरकार में पैसे के बल पर पद खरीदे जा सकते हैं।