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स्वाभिमान चल के प्लांट का उद्घाटन

स्वच्छ पेयजल से मानव स्वस्थ एवं निरोगी रहता है – राठौड़

सुरसुरा /अजमेर !  राजस्थान पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष राज्यमंत्री धर्मेंद्र राठौड़ ने कहा कि शुद्ध एवं स्वच्छ पेयजल के पीने से व्यक्ति स्वस्थ एवं निरोगी रहता है !

निगम के अध्यक्ष राठौड़ सुरसुरा ग्राम में जवाहर फाउंडेशन द्वारा संचालित स्वाभिमान जल के प्लांट के उद्घाटन पर मुख्य अतिथि की हैसियत से बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि  आज पूरा विश्व में सबसे बड़ी समस्या के रूप में उभर कर आ रही है स्वच्छ एवं शुद्ध पेयजल की उपलब्धता आमतौर पर शहरी और ग्रामीण इलाके में जल की उपलब्धता और उसकी गुणवंता को बनाए रखना हम सभी के लिए चुनौती का विषय है। 

जवाहर फाउंडेशन की प्रभारी इन्दु मेहता ने बताया कि समाज सेवा में अग्रणी संस्था जवाहर फाउंडेशन के अध्यक्ष रिजु झुनझुनवाला के निर्देशानुसार स्वच्छ पेयजल के उपलब्ध कराने के लिए जल संरक्षण एवं संवर्धन की दिशा में कार्य करते हुए स्वाभिमान जल कार्यक्रम के अंतर्गत अजमेर जिले के रुपनगढ़ के सुरसुरा ग्राम में हनुमानगढ़ किशनगढ़ मेगा हाईवे पर एक अत्याधुनिक स्मार्ट कार्ड द्वारा संचालित वाटर एटीएम लगाया है !

फाउंडेशन द्वारा विश्व स्तरीय मानकों पर स्थापित वॉटर एटीएम में ग्रामीण एवं आगंतुक व्यक्ति को स्वच्छ जल प्राप्त करने के लिए स्मार्ट कार्ड का प्रयोग करना पड़ेगा। आज जब सभी जगह इस अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी को बढ़ावा मिल रहा है उसी दिशा में स्मार्ट कार्ड के माध्यम से टच करके आप अपने लिए जितनी मात्रा में जल चाहे प्राप्त कर सकते हैं !स्मार्ट कार्ड में मेट्रो की तर्ज पर पैसे लोड किए जा सकते हैं और न्यूनतम दर पर एक एक व्यक्ति को एक बार में 20 लीटर पानी उपलब्ध कराई जाएगी।

 जवाहर फाउंडेशन के द्वारा ग्रामीण इलाके के लिए कैंपर की भी व्यवस्था जल्द की जाएगी और जल वितरण प्रणाली के तहत रियायती दर पर घर-घर जल पहुंचाने का कार्य भी यहां से किया जाएगा ं!

उद्घाटन समारोह में जवाहर फाउंडेशन के प्रभारी रजनीश कुमार नरेंद्र मुद्गल अजमेर शहर जिला को कांग्रेस कमेटी के निवर्तमान महासचिव शिव बंसल ,महेश चौहान, , सुनील मारू, जगदीश ञींगर संजय पुरोहित सरपंच चंदी देवी हेमंत जोधा हिम्मत सिंह उपमा राम जाजड़ा हनुमान सिंह गिरधारी लाल हरदेव गुर्जर दोयम के पी रंजन रामजी भानु सम्राट उटडा मुकेश सबलानियां एवं सुरसुरा ग्राम के गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे !

संवाद। मो नज़ीर क़ादरी