बुजुर्गों की फातिहा ख्वानी में रूहानी फरिश्ते हाजिर हो कर दिली मुरादों को अल्लाह की बारगाह से पूरा करा के मांगने वालों के दामन में डाल देते हैं ।
आगरा ,मॉल रोड स्थित दरगाह हज़रत रूदल शाह चिश्ती साबरी रहमतुल्लाह अलैह के दरबार ए मुकद्दस में 21 वीं शरीफ माहना फातिहा ख्वानी के प्रोग्राम में दरगाह शरीफ पर चादर पोशी इत्र और गुलपोशी करके फातिहा ख्वानी दुआ का अहतमाम हुआ,
पीरजादा विजय कुमार जैन उर्फ जैनुल आबेदीन शाह रमजानवी ने दरबार में हाजिर लोगों की फलाहियत और मुल्क के अमन चैन की खास दुआ करते हुए कहा कि बुजुर्गों की फातिहा ख्वानी में रूहानी फरिश्ते हाजिर हो कर मांगने वालों की दिली दुआओं को अल्लाह की बारगाह से पूरा करा के उनके दामन में अता कर देते हैं । बुजुर्गों के दरबारों से एकता और मुहब्बत का सबक दिया जाता है । इन दरबारों में न कोई छोटा होता है और न कोई बड़ा होता है बल्कि इनकी बारगाह में सब यक्सा होते हैं और एक दूसरे से मुहब्बत करते हुए रंग बिरंगा एक गुलशन तैयार करते हैं और यही पैगाम हर जगह देकर एकता और मुहब्बत का वातावरण तैयार करते हैं जो कि मुल्क को मजबूत करने की दिशा में एक कामयाब कदम होता है । जो आज के वक्त की जरूरत भी है । फातिहा ख्वानी व दुआ के बाद लंगर ए मौला अली तकसीम किया गया ।
फातिहा ख्वानी के प्रोग्राम में खलीफा जमील अहमद साबरी, खलीफा सईद साबरी, खलीफा रमज़ान खान साबरी, खलीफा कल्लू भाई साबरी, हाशिम साबरी, कासिम साबरी, सलीम ख़ान, उमेश चंदेल साबरी, अब्दुल सईद अब्बासी, सुलतान खान अब्बासी, खलीफा अब्दुल जब्बार साबरी मुजफ्फरी, खलीफा परवेज आलम साबरी, पप्पी भाई, असलम साबरी, सत्तार साबरी, अनिल दीक्षित साबरी, इरफान साबरी, आदि मौजूद रहे ।
संवाद, फैज़ान उद्दीन नियाज़ी