राशन कार्ड के 8 साल पुराने नियमों में कोई बदलाव नहीं, सिर्फ सत्यापन हो रहा है
लखनऊ। पिछले कई दिनों से पूरे प्रदेश में राशन कार्ड को लेकर बड़ी हलचल मची हुई हुई हैं। लोग इस संचय में हैं कि कहीं उन्हें अपना राशन कार्ड सरेंडर तो नहीं करना पड़ेगा। ऐसी अफवाह का कहा खंडन करते हुए। उत्तर प्रदेश सरकार ने राशन कार्ड सरेंडर करने के संबंध में चल रही अफवाह पर अपना बयान जारी करते हुए राज्य के खाद्य आयुक्त सौरव बाबू ने कहा है कि ‘प्रदेश में राशन कार्ड सरेंडर करने का कोई आदेश जारी नहीं किया गया है। न ही उनके निरस्तीकरण के बारे में कोई निर्देश दिया गया है। नियम 8 साल पुराने लागू हैं। उनमें कोई बदलाव नहीं हुआ है। राशन कार्ड सत्यापन एक सामान्य प्रक्रिया है। यह समय-समय पर चलती है।’
हालांकि सरकार को यह स्पष्ट करने में 24 घंटे से ज्यादा समय लग गए। पिछले 2-3 दिनों में तमाम लोगों ने राशन कार्ड सरेंडर कर दिए हैं। शनिवार को भाजपा सांसद वरुण गांधी ने ही अपनी ही सरकार से पूछा था कि चुनाव से पहले पात्र और चुनाव के बाद अपात्र? वहीं, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी, रिटायर्ड आईएएस सूर्य प्रताप सिंह, आप नेता संजय सिंह ने भी सरकार को घेरा था। अब सरकार ने इन सभी की पोस्ट को फेक करार दिया है।
राज्य के खाद्य आयुक्त सौरव बाबू ने कहा कि सच्चाई यह है कि 7 अक्टूबर, 2014 को पात्र और अपात्र के शासनादेश आज भी लागू हैं। इसमें वर्तमान में कोई बदलाव नहीं किया गया है। उन्होंने यह भी साफ किया कि सरकारी योजना अंतर्गत आवंटित पक्का मकान, बिजली कनेक्शन, एकमात्र शस्त्र लाइसेंस धारक, मोटर साइकिल मालिक, मुर्गी पालन/गौ पालन होने के आधार पर किसी भी कार्डधारक को अपात्र घोषित नहीं किया जा सकता है।
इसी प्रकार राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम-2013 और जारी शासनादेशों में अपात्र कार्ड धारकों से वसूली जैसी कोई व्यवस्था भी निर्धारित नहीं की गई है। साथ ही रिकवरी के बारे में भी न तो शासन से और न ही खाद्य आयुक्त कार्यालय से कोई भी निर्देश जारी किए गए हैं। विभाग हमेशा पात्र कार्ड धारकों को नए राशन कार्ड जारी करता है। 1 अप्रैल, 2020 से अब तक प्रदेश में कुल 29.53 लाख नए राशन कार्ड विभाग ने पात्र लाभार्थियों को जारी किए हैं।
पात्र गृहस्थी राशन कार्ड धारकों को अभी तक प्रत्येक सदस्य के हिसाब से 5 किलो प्रति सदस्य चावल और गेहूं दिया जा रहा है। साथ ही समय-समय पर तेल, नमक, चना, चीनी, दाल आदि भी दी जा रही है। जबकि अंत्योदय राशन कार्ड में एक राशन कार्ड पर 35 किलो राशन दिया जाता है। इसमें परिवार के सदस्यों पर निर्भर नहीं होता है, सभी को 35 किलो राशन मिलता है।