आगरा। (डीवीएनए)शिल्पग्राम में लगे हुनर हाट में बुधवार की शाम बेहद ख़ास रही। ग़ज़ल सम्राट के नाम से मशहूर पंकज उधास ने हुनर हाट के मंच से ऐसे सुर लगाए कि पंडाल में मौजूद हर एक दर्शक उनकी गायकी से मंत्रमुग्ध हो गया। “चांदी जैसा रंग है तेरा सोने जैसे बाल, एक तू ही धनवान है गोरी बाक़ी सब कंगाल” ग़ज़ल ने भरपूर दाद बटोरी। सिलसिला शुरू हुआ तो रफ़्ता-रफ़्ता बुलंदी की ओर बढ़ता चला गया।
“निकलो न बेनक़ाब ज़माना ख़राब है” “थोड़ी थोड़ी पिया करो” और “एक वो भी था ज़माना” को लोगों ने खूब पसंद किया। इस सुरीले सफ़र में बात शुरू तो हुई थी ग़ज़ल गायकी से लेकिन बाद में दर्शकों की फरमाइश पर फिल्मी गीतों की तरफ उन्होंने रुख किया। मोहरा फिल्म का मशहूर गाना “न कजरे की धार न मोतियों का हार” और साजन फिल्म का गाना “जिएं तो जिएं कैसे बिन आपके” ने ऐसा समां बांधा कि लोगों ने हर लाइन पर दाद दी। आखिरी में पंकज उधास ने जब “चिट्ठी आई है” को जब गाया तो पूरा पंडाल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा।
पंकज उधास से पहले सिंगर भूमिका मलिक और रीत मिश्रा ने भी अपनी गायकी का असर छोड़ा और जमकर माहौल बनाया। भूमिका मलिक ने कई शानदार गाने गाए। “घाघरा” “गुलाबी आँखें” “पिया तू अब तो आजा” और “सजना री वारी वारी” पर दर्शक झूमते दिखे। इसके अलावा उन्होंने “काला चश्मा” “बिल्लो रानी” और अन्य तेज़ धुन के गाने गाए और बेहतरीन परफॉर्मेंस दी। लोगों ने भूमिका मलिक की गायकी को भी भरपूर सराहा।
सिंगर रीत मिश्रा ने भी अपनी गायकी से लोगों का खूब मनोरंजन किया। रीत ने भी एक से बढ़के एक कई गाने बेहतरीन अंदाज़ में गाए। “दिलबर मेरे कब तक तुझे” “हम हैं बनारसी बाबू” और “लेकर हम दीवाना दिल” गाकर माहौल को सुरीला बनाने में कोई कमी नहीं छोड़ी। इसके बाद उन्होंने जब “देखा जो तुझे यार दिल में बजी गिटार” और “बचना ए हसीनों लो मैं आ गया” को गाया तो लोग कुर्सियों से उठकर नाचने लगे। “पग घुँघरू बाँध मीरा नाची” के अलावा किशोर कुमार के भी कई गाने गाए।
संवाद:- दानिश उमरी