आगरा: तेलीपाड़ा ताजगंज स्थित दरगाह हजरत लाल शाह बुखारी रह. अलैह का 427वां तीन दिवसीय सालाना उर्स मुबारक 27 मई से लेकर 29 मई तक मनाया जाएगा। । उर्स को लेकर दरगाह कमेटी की पूरी तैयारी हो चुकी हैं। दरगाह के गद्दीनशीन सूफी इकबाल कादरी नक्शबंदी ने बताया कि रिवायत के अनुसार 27 मई को मीलाद शरीफ की रस्म, 28 मई को चादरपोशी, संदल व महफ़िले कव्वाली व 29 मई को कुल शरीफ की रस्म अदा की जाएगी। उर्स के कार्यक्रम संयोजक मोहम्मद अशरफ कादरी ने बताया कि उर्स के दौरान मुल्क में अमन चैन एकता व भाईचारे दुआ की जाएगी। दूरदराज से आने वाले जायरीनों को कोई परेशानी न हो, इसका खास ख्याल रखा जाएगा।
बताते चले कि ताजमहल के निर्माण के समय जब मुगल बादशाह शाहजहां इमारत की नींव रखवा रहे थे तब उस जगह भूत-जिन्न रात में नींव को ध्वस्त कर देते थे। शाहजहां ने इमामो के मशवरे के बाद अरब स्थित बुखारा शहर के पीर हजरत अहमद बुखारी को बुलाने का सुझाव माना। बादशाह के बुलावे पर पीर अपने साथ भाई सैय्यद जलाल बुखारी शाह, सैय्यद अमजद बुखारी शाह और सैय्यद लाल बुखारी शाह और सैकड़ों सहायकों के साथ आगरा आये। चारो पीर बंधुओ ने ताजमहल की नींव परिसर पर पहुँचकर कुरान और कलमों का पाठ किया। इसके बाद बादशाह शाहजहां ने इमारत की नींव रखवाकर ताजमहल का निर्माण कार्य शुरू करवाया। इसके बाद 22 साल बाद ताजमहल बनकर तैयार हुआ।
यहां स्थित हैं दरगाहे
हजरत अहमद शाह बुखारी की दरगाह पूर्वी गेट के पास बनी हैं। जलाल शाह बुखारी की पश्चिमी, अमजद शाह बुखारी की थाना ताजगंज व लाल शाह बुखारी की बिल्लोचपुरा में मजार बनाई गई हैं।