लापरवाही बन सकती है बढ़ी मुसीबत
एनएफएचएस-5 के अनुसार पहले के मुकाबले मासिक धर्म स्वच्छता के साधनों के प्रति बढ़ी जागरुकता
आगरा। मासिक धर्म या पीरियड्स से जुड़ी समाज की विचारधारा को बदलने के उद्देश्य से 28 मई को मेन्स्ट्रुएशन हाइजीन डे मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का सबसे महत्वपूर्ण उद्देश्य मासिक धर्म के बारे में लोगों को जागरुक करना है। मई महीने की 28 तारीख को इसलिए चुना गया, क्योंकि महिलाओं में मासिक धर्म का चक्र 28 दिन का होता है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि इन दिनों में महिलाओं को मासिक धर्म से जुड़ी कई अन्य परेशानियों का भी सामना करना पड़ता है, जैसे मांसपेशियों में दर्द, मितली लगना, बदन दर्द या अनियमित माहवारी। समाज में इसके बारे में बात न होने के चलते महिलाएं अपनी परेशानियां किसी को बताती नहीं हैं और इसके दुष्प्रभाव उन्हें झेलने पड़ते हैं।
बढ़ी है जागरुकता
वर्ष 2015-16 में हुए राष्ट्रीय परिवारिक स्वास्थ्य सर्वे (एनएफएचएस)-4 की अपेक्षा वर्ष 2019-20 में हुए एनएफएचएस-5 में जनपद आगरा में मासिक धर्म स्वच्छता को लेकर जागरुकता बढ़ी है। एनएफएचएस-4 के अनुसार 15-24 साल की महिलाओं में मासिक धर्म के दौरान 58.5 प्रतिशत महिलाएं स्वच्छता के साधनों को अपनाती थीं। एनएफएचएस-5 के अनुसार 76.5 प्रतिशत महिलाएं स्वच्छता के साधनों को अपनाती हैं।
और जागरुक होने की जरूरत
डीईआईसी मैनेजर रमाकांत ने बताया कि दरअसल आज भी महिलाएं पीरियड्स को लेकर खुलकर बात नहीं करतीं और न ही इस दौरान हाईजीन रखने को लेकर जागरूक होती हैं। जबकि मासिक धर्म के दौरान लड़कियों और महिलाओं को साफ-सफाई का खास ध्यान रखना चाहिए। ऐसा न होने पर कई बीमारियों का खतरा बना रहता है। कई बार ऐसा भी देखा गया है कि महिलाओं को इंफेक्शन हो जाता है । कई बार तो यह भी देखा गया है इससे बच्चेदानी के कैंसर का खतरा भी हो जाता है।
हो सकती हैं कई समस्याएं
अर्श काउंसलर रूबी बघेल बताती हैं कि मासिक धर्म के 5 दिन महिलाओं के लिए काफी मुश्किल भरे दिन होते हैं। इन दिनों में तनाव, चिड़चिड़ापन, पेट दर्द, उल्टियां का भी सामना करना पड़ता है। उन्होंने बताया कि महिलाओं को कोई परेशानी हो तो वे नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर डॉक्टर से सलाह लें, गांव इत्यादि में घर पर आने वाली आशा बहन को भी अपनी परेशानी बता सकती हैं, वे डॉक्टर से सलाह दिलाने में मदद करेंगी। इन सभी के प्रति लड़कियों और महिलाओं को जागरूक करने के लिए यह दिन मनाया जाता है।
संवाद:-दानिश उमरी