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शिल्पग्राम में 41 वें हुनर हाट का शानदार समापन

गीत संगीत की महफ़िल से हर शाम बनी सुरमयी

आगरा ।शिल्पग्राम में चल रहे हुनर हाट के 41वाँ पड़ाव पूरा हो गया। 18 मई को शुरू हुआ कौशल कुबेरों का कुभं शानदार सफलता के इतिहास के साथ पूरा हुआ। हुनर हाट को न सिर्फ आगरा के लोग भारी संख्या में आए बल्कि फतेहपुर  सीकरी, बटेश्वर, एटा, इटावा, मैनपुरी, शिकोहाबाद, फिरोज़ाबाद और आस-पास के अन्य ज़िलों और जगहों से बड़ी संख्या में लोग यहाँ पहुँचे। विदेशी सैलानियों की संख्या भी अच्छी-ख़ासी रही। 12 दिन के इस आयोजन में करीब साढ़े सात लाख से अधिक लोग हुनर हाट को देखने पहुंचे। इन लोगों ने करोड़ों रुपए की ख़रीदारी और ऑनलाइन ऑर्डर बुक करके देश भर से आए दस्तकारों, शिल्पकारों, कारीगरों और कलाकारों का हौसला बढ़ाया। 

32 राज्यों से 800 शिल्पकार औऱ दस्तकारों सजाए स्टॉल

हुनर हाट में 32 राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों से करीब 800 से अधिक दस्तकार,शिल्पकार,कारीगर शामिल हुए जिनके 300 से ज़्यादा स्टॉलों पर शानदार स्वदेशी उत्पादन आकर्षण का केंद्र बने रहे। ‘क्राफ़्ट, क्यूज़ीन और कल्चर का संगम’ टैगलाइन वाले हुनर हाट ने शिल्पग्राम में पूरे भारत की तस्वीर पेश की। “एक भारत श्रेष्ठ भारत” की अनूठी झलक दिखाई दी। दैनिक ज़रूरत के छोटे-छोटे सामान से लेकर पीतल की बड़ी और आकर्षक मूर्तियाँ, लकड़ी का खूबसूरत फर्नीचर, भदोही की कार्पेट, बनारसी साड़ियाँ, भागलपुरी सिल्क, कलमकारी, खादी, मिट्टी और चीनी मिट्टी के उपयोगी बर्तन, खूबसूरत हैंडमेड ज्वैलरी, बेंत और बाँस से बना आकर्षक सामान, चमड़े के जूते-चप्पल और बैग और अन्य सामानों से सजे स्टॉल स्वदेशी हुनर की शानदार विरासत की दास्तान बयां कर रहे थे। 

लज़ीज़ व्यंजनों लोगों ने लिया लुत्फ़

क्राफ़्ट के अलावा क्यूज़ीन के स्टॉल भी लोगों की पसंदीदा जगह रहे। स्टेज के दोनों तरफ फूड कोर्ट बनाये गए थे। “मेरा गाँव मेरा देश” और “बावर्चीखाना” नाम के इन फूड कोर्ट में लज़ीज़ पकवान और व्यंजनों की एक विस्तृत रेंज उपलब्ध थी। लोगों ने वेज और नॉन-वेज दोनों तरह के स्वादिष्ट खाने का लुत्फ़ उठाया। बिहार का लिट्टी-चोखा, हरियाणा की रबड़ी-जलेबी, राजस्थान का दाल बाटी चूरमा, पंजाब का कढ़ी-चावल, दिल्ली के छोले-भटूरे, इंदौर का मशहूर पोहा, हैदराबादी बिरयानी, लखनवी कवाब और नया तमाम तरह का वेज और नॉन वेज खाना हुनर हाट कैम्पस में मौजूद था। 

हर दिन सजी गीत संगीत की अनूठी महफ़िल

हर दिन शाम को गीत, संगीत और सांस्कृतिक कार्यक्रम हुए जिसमें बॉलीवुड की दिग्गज हस्तियों से लेकर देश के चोटी के कलाकारों ने शानदार प्रस्तुति दी। मशहूर ग़ज़ल गायक तलत अज़ीज़, पंकज उद्धास, प्लेबैक सिंगर मोहित चौहान, शैलेन्द्र सिंह, अल्ताफ़ राजा, जॉली मुखर्जी, हेमा सरदेसाई, पूर्णिमा श्रेष्ठ, रूप कुमार राठौर, सोनाली राठौर, पंजाबी सिंगर दलेर मेहंदी, दिलबाग सिंह और अन्य गायकों ने अपनी गायकी का हुनर दिखाया। परंपरागत राजस्थानी संगीत भी सुनाई दिया। केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और पद्मश्री उस्ताद अनवर खान की जुगलबंदी भी बेहद ख़ास रही। लोगों ने अर्जुन राम मेघवाल के इस अंदाज़ को पहली बार देखा।

उनकी गायकी के रंग किसी बड़े मंझे हुए गायक की तरह ही थे। उनकी आवाज़ में राजस्थानी लोक गीत और भजन सुन कर लोग आश्चर्यचकित हो गए। मंच पर एक केंद्रीय मंत्री का एक कलाकार के तौर पर आना और लय, सुर-ताल और आलाप से लोगों को मंत्रमुग्ध कर देना.. दर्शकों के लिए ये एक बिल्कुल नया अनुभव था। लोग इस बात पर हैरान थे कि आम तौर पर सार्वजनिक जीवन में नेताओं और मंत्रियों की जो तस्वीर दिखती है, उससे उलट केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल के व्यक्तित्व का एक दूसरा पहलू भी है। दर्शकों ने उनके बदले अंदाज़ को बेहद पसंद किया, सराहा और अपनी तालियों के ज़रिए उन्हें भरपूर दाद दी। 

मनोरंजक का था पूरा इन्तज़ाम


जाने-माने कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव ने भी अपनी कॉमेडी से गहरा असर छोड़ा। इसके अलावा मशहूर रैम्बो इंटरनेशनल सर्कस के तीन शो प्रतिदिन आयोजित किये गए। सर्कस के 25 कलाकारों ने हैरतअंगेज़ करतब दिखा कर लोगों का भरपूर मनोरंजन किया। 

150 सुरक्षा कर्मी औऱ 100 सफाई कर्मियों ने मुश्तैदी की ड्यूटी

व्यवस्थाओं के लिहाज से भी हुनर हाट अन्य मेला और प्रदर्शनी से बहुत अलग दिखाई दिया। साफ-सफाई से लेकर सुरक्षा व्यवस्था, पार्किंग, सिटिंग अरेंजमेंट और व्यवस्थित तरीके से किए गए अन्य तमाम इंतज़ामात हुनर हाट को दूसरों से अलग खड़ा किया। हुनर हाट की चाक-चौबंद व्यवस्था में 150 सुरक्षाकर्मी, 100 से ज़्यादा सफाईकर्मियों की ड्यूटी लगाई गई थी। पूरा हुनर हाट कैम्पस सीसीटीवी कैमरों से लैस था जिनसे चप्पे-चप्पे की निगरानी लगातार की जाती थी। गेट नंबर 3 के पास ही पार्किंग की भी समुचित व्यवस्था की गई है। 

सेल्फ़ी पॉइंट्स बने आकर्षण के केंद्र

सेल्फ़ी पॉइंट्स भी लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बने रहे। अशोक स्तंभ, बैलों की जोड़ी, दिल के आकार की बेंच, कुम्हार के सांकेतिक हाथों के साथ बड़े आकार का मिट्टी का बर्तन, विशालकाय ढोलक, परंपरागत भेषभूषा में महिलाओं की मूर्तियां, लोहे के कबाड़ से बना “घोड़ा” जो कचरे से कौशल का नायाब नमूना था। इन सभी सेल्फ़ी पॉइंट्स पर सेल्फ़ी लेने का ज़बर्दस्त क्रेज़ लोगों में दिखाई दिया। हर दिन बड़ी संख्या में लोगों ने यहाँ सेल्फ़ी लेकर और फोटो खिंचवा कर हुनर हाट से जुड़ी अपनी यादों को सहेजने का काम किया। 

अमृत महोत्सव के पैवेलियन को खूब किया पसंद

हुनर हाट में बने “अमृत महोत्सव पैवेलियन” को भी लोगों ने खूब पसंद किया। “आज़ादी का अमृत महोत्सव” मनाने के क्रम में हुनर हाट में एक ख़ास पैवेलियन बनाया गया था। “हिस्ट्री एंड हीरोज़” नाम से बने इस पैवेलियन में एलईडी स्क्रीन और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण लगाए गए थे। यहाँ लोग आज़ादी की जंग से जुड़ी जानकारी के अलावा शहीदों और शूरवीरों की तस्वीरें और ग्राफिक्स के ज़रिए उनकी कहानियों को पढ़ा जा सकता था। अन्य एतिहासिक घटनाओं से जुड़ी तथ्यात्मक जानकारी भी उपलब्ध कराई गई थी। 

पहली बार हुआ ताजनगरी में आयोजन

आगरा में हुनर हाट का आयोजन पहली बार हुआ लेकिन जिस तरह से आम और ख़ास हर तबके के लोगों ने कार्यक्रम को अपना प्यार दिया वो काबिल-ए-तारीफ है। आम जनता से लेकर तमाम प्रशासनिक और सेना के बड़े अधिकारी सपरिवार हुनर हाट देखने पहुंचे। इस आयोजन की ख़ास बात ये रही कि पूरे हुनर हाट में कहीं कोई टिकट नहीं था। प्रवेश पूरी तरह निःशुल्क था। केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन और केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख़्तार अब्बास नक़वी के नेतृत्व में देश भर में हुनर हाट का आयोजन करता है

। आगरा से पहले 40 अलग अलग शहरों में हुनर हाट आयोजित किया जा चुका है और अब आगरा के बाद कौशल कुबेरों के कारवाँ का ये सफ़र आगे भी जारी रहेगा। मूल मंत्र “वोकल फ़ॉर लोकल” के साथ होने वाला हुनर हाट हुनरमंद दस्तकारों, शिल्पकारों, कारीगरों और कलाकारों को मंच, मौका और मार्किट उपलब्ध कराके एक परफेक्ट प्लेटफॉर्म के तौर पर उनकी कोशिशों में हौसले के पंख लगा रहा है। इसी का परिणाम है कि हुनर हाट अब तक लगभग 10 लाख 50 हजार कौशल कुबेरों को रोजगार और स्वरोजगार दे चुका है।

संवाद:- दानिश उमरी