अज़मेर । पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया की टीम अज़मेर के कार्यकर्ताओं ने आज दरगाह थाने में इकठ्ठा होकर शिकायत दी औऱ मुकदमे दर्ज करने की बात रखी पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया की टीम के महबूब कुरेशी ने बताया कि हिंदू मुस्लिम एकता के सबसे बड़े मरकज महान सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह के लिए महाराणा प्रताप सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष राज्यवर्धन सिंह (कार्यालय बी पी हाउस, रफी मार्ग, नई दिल्ली 110001, मोबाइल 8429399118) ने दिनांक 25 मई 2022 को राजस्थान के मुख्यमंत्री के नाम मनगढ़ंत तथ्य बनाकर पवित्र दरगाह को प्राचीन हिंदू मंदिर बताया। उसने अजमेर दरगाह के दीवारों एवं खिड़कियों पर स्वास्तिक के चिन्ह मिलने एवं हिंदू धर्म से संबंधित अन्य चिन्ह प्राप्त होने की अफवाह वाला पत्र लिखा, साथ ही सोशल मीडिया व अन्य माध्यमों से इन्हें देश भर में प्रसारित किया। राज्यवर्धन सिंह ने अजमेर दरगाह में हजारों समर्थकों के साथ पहुंचने की धमकी भी दी। पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया की टीम को दिनांक 27 मई 2022 को सोशल मीडिया व समाचार चैनल के जरिए इन खबरों का पता चला जिससे मेरी व अजमेर दरगाह में आस्था रखने वाले करोड़ों जायरीनों की धार्मिक भावनाएं आहत हुई। महाराणा प्रताप सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने देश में दंगा भड़काने की नियत से अजमेर दरगाह के फोटो के साथ छेड़छाड़ कर कंप्यूटर व मोबाइल के जरिए झूठे कूट रचित फोटो तैयार कर पूरे देश में प्रसारित किए हिंदू समुदाय के लोगों में पवित्र दरगाह के प्रति नफरत फैलाने व दरगाह को बदनाम करने के उद्देश्य से अजमेर दरगाह को हिंदू मंदिर बता कर मुस्लिम समुदाय के करोड़ों लोगों की आस्था को ठेस पहुंचाई है।
महाराणा प्रताप सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष राज्यवर्धन सिंह परमार एवं इस साजिश में शामिल अन्य सभी दोषियों के विरुद्ध सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने, दंगा भड़काने के उद्देश्य से कंप्यूटर एवं मोबाइल का दुरुपयोग कर कूटरचित दस्तावेज रचने एवं उन्हें सोशल मीडिया व अन्य माध्यमों के जरिए प्रसारित करने, दरगाह के वास्तविक तथ्यों के साथ छेड़छाड़ कर फैलाने, मुस्लिम समुदाय की धार्मिक भावनाओं को आहत करने भ्रम फैला कर लोगों को दरगाह में इकट्ठा करने की धमकी देने वाला संगीन अपराध कारित किया है। अतः इन सभी के खिलाफ उपरोक्त अपराध से संबंधित कठोर धाराओं में मुकदमा दर्ज करें एवं विभिन्न मीडिया के माध्यम से फैलाए गए झूठे चित्रों का वीडियो को तुरंत डिलीट करवाएं।
संवाद। मो नज़ीर क़ादरी