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शहीदी गुरुपर्व पर मीठी छबील के साथ बहेगी कीर्तन की प्रबल धारा


आगरा। शहीदों के सरताज पंचम पातशाही श्री गुरु अर्जुन देव जी जिनका की शहीदी गुरुपर्व 3 जून को पूरे देश विदेश मे श्रद्धा पूर्ण वातावरण मे बनाया जा रहा है इसी कड़ी मे आगरा मे केंद्रीय स्तर पर केंद्रीय संस्था श्री गुरु सिंह सभा माईथान के तत्वाधान मे प्रात 5.30 से अपराह्न 3 बजे तक मनाया जायेगा जिसमे सिंह साहिब ज्ञानी बलविदर सिंह जी ग्रंथी सचखंड श्री दरबार साहिब अमृतसर,भाई अमनदीप सिंह हजूरी रागी श्री दरबार साहिब अमृतसर,ज्ञानी मनजिंदर सिंह मौजी ढाढी जत्था लखीमपुर खीरी विशेष रूप से भाग लेंगे यह जानकारी पत्रकार वार्ता मे प्रधान कंवल दीप सिंह ने दी।


उन्होंने आगे बताया कि उपरोक्त के अतिरिक्त सुखमनी सेवा सभा आगरा,अखंड कीर्तनी जत्था,भाई ओंकार सिंह हेड प्रचारक,भाई हरजोत सिंह,भाई हरजिंदर सिंह पत॔गा हजूरी रागी व भाई मेजर सिंह अपने कीर्तन और कथा से संगत को निहाल करेंगे।
हैड ग्रंथी ज्ञानी कुलविंदर सिंह ने बताया कि इस अवसर संगत के लिए मीठे जल की छबील लगाई जाएगी जिसकी शुरुआत तीसरे गुरु अमरदास जी के समय हुई जब दूर दूर संगत उनके दर्शन के लिए पहुंचती थी तब गुड की छबील की शुरुआत हुई जिससे उनको कोई राहत मिल सके।बाद में गुरु रामदास जी ने दरबार साहिब में के चारो कोनो में मीठे जल की छबील स्थापित की जो आज भी है।

उसके बाद गुरु अर्जुन देव जी जिनकी शहादत ज्येष्ठ के महीने में हुई और जिस प्रकार उन्होंने अपनी शहादत को गुरु का आदेश मानकर बड़ी शांति से कबूल की ।उस वक्त बहुत दूर दूर संगत लाहौर की ओर उमड़ी तब जगह जगह मीठे जल की छबील लगाई गई जो आज तब से परम्परा बन गई और तभी से इस गुरुपर्व पर संगत के लिए मीठे जल की छबील लगाई जाती है।

समन्वयक बंटी ग्रोवर ने बताया कि गुरु जी ने अपनी शहादत 30 मई 1606  में दी थी।उल्लेखित है कि गुरु जी मुगल बादशाह जहांगीर के आदेश पर चंदू दीवान ने 3 दिन तक प्रताड़ित किया गया फिर गर्म तवे पर बैठा कर ऊपर गर्म रेत डाली गई।गुरु जी इसे परमात्मा की रजा मानकर सारे कष्ट चुप चाप सहन करते रहे औरतेरा कीया मीठा लागे, हरि नाम पदार्थ नानक मांगे का गायन करते रहे।बाद में रावी नदी में स्नान करने गए फिर उसे में समा गए।

इस अवसर पर पोस्टर का भी विमोचन किया गया

शाम को कीर्तन दरबार गुरुद्वारा कलगीधर सदर बाजार मे 7 बजे से रात्रि 9.30 बजे तक मनाया जायेगा। प्रेस वार्ता में मुख्य सेवा दार पाली सेठी,देवेंद्र सिंह खालसा,परमात्मा सिंह, बंटी ओबरॉय,वीरेंद्र पाल सिंह,बबलू अर्शी,सुरजीत सिंह छाबड़ा,कुलविंदर सिंह,वीरेंद्र सिंह बीरे,हरपाल सिंह, सन्नी अरोरा, प्रवीन अरोरा,रक्षपाल सिंह,जस्सी।

संवाद:- दानिश उमरी