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ईदगाह मस्जिद के पूर्व प्रधान शमशाद ठेकेदार ने फिर जारी किया आडियो,कहा
जिनके घरों व महफिलों में शराब पिलाई जाती हो वह मस्जिद का प्रधान कैसे बन सकता। : शमशाद ठेकेदार

जालंधर, ईदगाह मस्जिद के पूर्व प्रधान शमशाद ठाकेदार ने आज फिर वाइस आडियो जारी कर मस्जिद के खुद साखता प्रधान पर तरह-तरह के सवाल खड़े करते हुए कहा है कि मस्जिद के पैसे की हेरा फेरी को झूठ बोलकर मुसलमानों को गुमराह किया जा रहा है। आडियो में अनुयायियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, “मैं आपके बीच 22 साल से मस्जिद की सेवा कर रहा हूं। आप सभी ने देखा भी है कि 22 सालों में मैंने कभी मस्जिद का एक पैसा अपने हाथ में नहीं लिया। यह पैसा एस.एस हसन के पास होता था। हालांकि अब हसन के बेटे के पास है।
शहर के सभी लोग यहां तक कि नईम खान, अब्दुल खान ने हसन को चोर तक कहा था, उस पर मस्जिद के पैसे के गबन‌ का आरोप भी लगाया गया था।, लेकिन मैंने कभी विश्वास नहीं किया। अब उनका लड़का कैशियर बना हुआ है। मस्जिद का पैसा तो वह खुद दबाए बैठा है।
मैं ने सिर्फ इसलिए पद से इस्तीफा दिया क्योंकि पुराने इमाम की तनख्वाह इन लोगों ने अपनी जाति दुश्मनी निकालने के लिए रोक रखी है। जिनके घरों और महफिलों में शराब परोसे जाते हो वह मस्जिद का प्रधान कैसे बन सकता है।
ईदगाह कमेटी की ओर से आज जारी बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि ईदगाह मस्जिद में बद निजामी और पैसों की गड़बड़ी के चलते इस्तीफा दिया है। न कि मस्जिद कमेटी या किसी और के दबाव में। उन्होंने कहा कि बिते जुमे की नमाज के बाद पिछले इमाम पर जिस तरह के झूठे आरोप लगाए जा रहे थे वह पूरी तरह गलत था। इमाम साहब ने इस मस्जिद में दस सालों से इमामत हैं, उनका वेतन बकाया है, इसे रोकना गलत है। कुछ लोग अपनी जाति दुश्मनी निकालने के लिए मस्जिद को मोहरा बना रहे हैं। आज कुछ लोग काला कोट पहनकर काले कारनामों को अंजाम दे रहे हैं। जो की शर्म की बात है। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया के जरिए मुझे बदनाम करने की कोशिश की जा रही है जिसे मैं किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करूंगा। उन्होंने कहा कि आज घोषित नई ईदगाह मस्जिद कमेटी को मैं नहीं मानता। आने वाले दिनों में मस्जिद के नमाजी और शहर वासी तय करेंगे कि मस्जिद का जिम्मेदार प्रधान कौन होगा?।

संवाद। मज़हर आलम