सरकार मुसलमानों के विरोध प्रदर्शन के अधिकार का आपराधिकरण करना चाहती है
पुलिस कमीश्नर से मिला कांग्रेस डेलिगेशन
कानपुर, कांग्रेस कार्यालय तिलक हॉल में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में अल्पसंख्यक कांग्रेस प्रदेश चेयरमैन शाहनवाज़ आलम ने कहा कि पुलिस द्वारा एकतरफा कार्यवाई के कारण पुलिस के प्रति अविश्वास और भय का माहौल बना हुआ है। पुलिस द्वारा जारी पोस्टर में भी समुदाय विशेष के ही लोगों की तस्वीरें हैं जबकि सोशल मीडिया पर ऐसे बहुत से वीडियो हैं जहाँ दूसरे समुदाय के लोग पुलिस की मौजूदगी में पत्थरबाजी करते देखे जा सकते हैं। जब तक दोनों तरफ के लोगों के खिलाफ़ कार्यवाई नहीं होगी समाज में प्रशासन के प्रति विश्वास बहाल नहीं हो पायेगा।
शाहनवाज़ आलम ने कहा कि मीडिया के एक हिस्से का इस्तेमाल कर के प्रशासन बुल्डॉज़र चलाने की बात कर लोगों में भय पैदा कर रहा है। आम लोगों में यह धारणा बन रही है कि पुलिस अब नाम हटाने की आड़ में अवैध वसूली भी करेगी। उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा मुसलमानों के विरोध प्रदर्शन के अधिकार का अपराधिकरण करना है ताकि वो भविष्य में भी अपने मुद्दों पर विरोध दर्ज न करा पाएं। इसी मकसद से इस विरोध को प्रशासन दो साल पहले हुए सीएए-एनआरसी विरोधी आंदोलन से जोड़ कर प्रचारित कर रहा है।
इससे पहले कानपुर हिंसा में पुलिस की एकतरफा कार्यवाई पर सवाल उठाते हुए कांग्रेस का एक डेलिगेशन पुलिस कमीश्नर से मिला। नेताओं ने शहर में शांति बहाली के बाबत साकारात्मक माहौल बनाने के लिए पुलिस से दोनों समुदायों के सम्मानित लोगों से संवाद क़ायम करने की मांग की।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के निर्देश पर अल्पसंख्यक कांग्रेस के प्रदेश चेयरमैन शाहनवाज़ आलम, पूर्व विधायक संजीव दरियाबादी, पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष मदन मोहन शुक्ला, महानगर अध्यक्ष नौशाद मंसूरी, अल्पसंख्यक कांग्रेस प्रदेश महासचिव तुफैल खान, अल्पसंख्यक कांग्रेस के प्रदेश सचिव अब्दुल जब्बार आदि ने कमीशनर से मुलाक़ात कर ज्ञापन सौंपा।
संवाद। अज़हर उमरी