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राष्ट्रपति पद के लिए 18 जुलाई को होगा मतदान

नई दिल्ली, चुनाव आयोग ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में राष्ट्रपति चुनाव के मतदान और नतीजे की तारीख़ का एलान कर दिया, राष्ट्रपति चुनाव 18 को और नतीजे का एलान 21 जुलाई को होगा,
गौरतलब है कि मौजूदा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल 24 जुलाई को खत्म हो रहा है. इससे पहले नया राष्ट्रपति चुन लिया जाएगा. 25 जुलाई 1977 को नीलम संजीव रेड्डी ने राष्ट्रपति पद की शपथ ली थी. तब से ही हर साल 25 जुलाई को ही राष्ट्रपति शपथ लेते आ रहे हैं. पिछली बार 17 जुलाई को राष्ट्रपति के चुनाव हुए थे और 20 जुलाई को नतीजे आए थे,
किस तरह होता है राष्ट्रपति का चुनाव
भारत का कोई भी नागरिक कितनी भी बार राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ सकता है. चुनाव लड़ने के लिए कम से कम 35 साल की उम्र होना जरूरी है. लोकसभा सदस्य होने की पात्रता और किसी भी लाभ के पद पर न होने के साथ-साथ उम्मीदवार के पास कम से कम 50 प्रस्तावक और 50 समर्थक विधायक होने चाहिए.शुरुआत में यह संख्या 2-2 थी यानी राष्ट्रपति चुनाव लड़ने के लिए केवल दो अनुमोदक और दो नॉमिनेट करने वाले विधायकों की जरूरत होती थी, इसलिए उस दौर में यह चुनाव लड़ना बेहद आसान था. करीब 20 साल तक इस नियम का दुरुपयोग भी हुआ.
1974 में संविधान संशोधन करके दो-दो विधायकों की अनिवार्यता को हटाकर यह संख्या 10-10 कर दी गई. फिर 1997 में संशोधन करके इस संख्या को बढ़ाकर 50-50 कर दिया गया यानी अब अगर कोई व्यक्ति राष्ट्रपति का चुनाव लड़ना चाहता है तो यह जरूरी कि उसे इस चुनाव में शामिल होने वाले कम से कम 100 विधायक जानते हों.
राष्ट्रपति चुनाव में कौन वोट दे सकता है और कौन नहीं
देश में राष्ट्रपति का चुनाव अप्रत्यक्ष रूप से होता है यानी जनता इसमें वोट नहीं कर सकती है. चुनावी प्रक्रिया में राज्यसभा और विधान परिषद में नामित सदस्य और विधान पार्षद भी शामिल नहीं हो सकते. केवल निर्वाचित राज्यसभा सांसद, लोकसभा सांसद और विधायक ही वोट दे सकते हैं.
अगर किसी राज्य का मुख्यमंत्री विधान परिषद का सदस्य है तो वह भी राष्ट्रपति के निर्वाचन में मतदान नहीं कर सकता है.
राष्ट्रपति चुनाव में एकल हस्तांतरणीय मत यानी सिंगल ट्रांसफरेबल वोट प्रणाली के जरिए मतदान होता है. इसका मतलब यह हुआ कि राज्यसभा, लोकसभा और विधानसभा का एक सदस्य एक ही वोट कर सकता है.
देश के सर्वोच्च नागरिक का चुनाव आम चुनावों की तरह गोपनीय तरीके से होता है. राष्ट्रपति चुनाव में ईवीएम तो नहीं लेकिन बैलेट पेपर का इस्तेमाल होता है.
संवाद , अज़हर उमरी