पोस्टर-पंपलेट से टीबी के प्रति जागरुक करेंग टीबी चैंपियन
-डीटीओ ने आईसी मैटेरियल का किया अनावरण
- आगरा और बरेली के 29 टीबी चैंपियन की दो दिवसीय समीक्षा बैठक हुई संपन्न
आगरा। (डीवीएनए)टीबी चैंपियन क्षय रोग के प्रति जागरूकता लाने के साथ ही टीबी को लेकर व्याप्त भेदभाव और भ्रांतियों को दूर करेंगे। इसके लिए वह पोस्टर, पंपलेट, बैज और टैटू का सहारा लेंगे | शनिवार को आगरा व बरेली के 29 टीबी चैंपियन की दो दिवसीय समीक्षा बैठक संपन्न हो गई। इस अवसर पर जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. संत कुमार ने आईसी मैटेेरियल का अनावरण किया।
डीटीओ ने बताया कि समीक्षा बैठक में टीबी चैंपियंस को बताया गया है कि टीबी मरीजों को वे प्रेरित करें कि वह बीच में दवा न बंद करें। दवा बंद करने से टीबी बिगड़ सकती है यानि एमडीआर का रूप ले लेती है और कई बार एक्सडीआर टीबी भी बन जाती है जिसमें जटिलताएं बढ़ जाती हैं। टीबी की दवा तब तक खानी है जब तक कि चिकित्सक द्वारा बंद करने की सलाह न दी जाए। इसी प्रकार टीबी के प्रत्येक निकटवर्ती व्यक्ति की (जो अत्यंत निकट रहा हो) टीबी जांच आवश्यक है और साथ ही उसे टीबी प्रिंवेटिव थेरेपी के तहत बचाव के लिए दवा खानी है । यह सभी संदेश समुदाय तक पहुंचाने के लिए टीबी चैंपियन से कहा गया है ।
लक्षण दिखे तो कराएं जांच
जिला पीपीएम समन्वयक कमल सिंह ने बताया कि टीबी चैंपियन डीटीसी और टीयू पर पोस्टर लगाएंगे जबकि समाज के प्रभावशाली लोगों के बीच पंपलेट व अन्य आईईसी सामग्री लेकर टीबी के लक्षणों के बारे में बताएंगे । लोगों को प्रेरित किया जाएगा कि टीबी के लक्षण वाले व्यक्तियों को सरकारी अस्पताल में निःशुल्क जांच व इलाज के लिए प्रेरित करें । इस अवसर पर वर्ल्ड विजन इंडिया संस्था के जिला समन्वयक युनुस खान, बरेली के जिला समन्वयक कमरुज्जमा मौजूद रहे।
आईईसी से देंगे ऐसे संदेश
डीटीओ ने बताया कि अगर लगातार दो हफ्ते से खांसी आए, बलगम में खून आए, रात में बुखार के साथ पसीना आए, तेजी से वजन घट रहा हो, भूख न लगे तो नजदीकी डीएमसी या टीयू पर टीबी जांच निःशुल्क करवा सकते हैं। अगर जांच में टीबी की पुष्टि हो तो पूरी तरह ठीक होने तक इलाज चलाना है।
• टीबी एक संक्रामक रोग है जो बैक्टीरिया के कारण होता है और इसका पूरी तरह से इलाज संभव है।
• बालों और नाखूनों को छोड़ कर टीबी शरीर के किसी भी अंग को प्रभावित कर सकता है।
• फेफड़ों की टीबी को पल्मोनरी,जबकि शरीर के अन्य अंगों की टीबी को एक्स्ट्रा पल्मोनरी कहते हैं।
• केवल फेफड़े की टीबी ही संक्रामक है।
• जब टीबी ग्रसित व्यक्ति असुरक्षित तरीके से खांसता या बोलता है तो हवा के माध्यम से दूसरे को संक्रमण होता है।