जिला मुख्यालय पर हस्ताक्षर करके सीएम से लगाई अंको की गुहार
कलेक्ट्रेट पर छात्र छात्राओं ने चलाया हस्ताक्षर अभियान
जिलाधिकारी पीएन सिंह से मुलाकात कर सौंपा मांग पत्र
आगरा। (डीवीएनए) बोर्ड द्वारा हाई स्कूल के छात्र छात्राओं को अंक न देने पर विद्यार्थियों का गुस्सा लगातार बढ़ता जा रहा है। विद्यार्थियों ने चाइल्ड राइट्स एक्टिविस्ट नरेश पारस की अगुवाई में सोमवार को जिला मुख्यालय कलक्ट्रेट पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नाम हस्ताक्षर अभियान चलाकर डीएम प्रभु नारायण सिंह से मुलाकात कर उनके सामने अपनी व्यथा को बताई। हाथों तख्तियां और नारे लगाकर बच्चों ने मुख्यमंत्री से अंकों की मांग की।
छात्राएं बोलीं, सर भविष्य बचा लो
जिले में लगभग डेढ़ हजार बच्चों को अंक नहीं मिले हैं। उन्हें प्रमोटेड लिखकर कोरी मार्कशीट्स थमा दी हैं। लगभग पांच दर्जन छात्र छात्राएं डीएम से मिलने की जिद कर रहे थे लेकिन डीएम कार्यालय से केवल दो बच्चों को बुलाया गया। दिव्या सिंह तथा सुहानी पिप्पल ने नरेश पारस के साथ डीएम प्रभु नारायण सिंह से मुलाकात की। वह डीएम को अपनी व्यथा बताते बताते भावुक हो गई उन्होंने कहा के हाई स्कूल की बिना अंको की मार्कशीट से वह हमेशा के लिए मेरिट सूची से बाहर हो जाएंगी। वह कभी भी महाविद्यालयों में प्रवेश तथा प्रतियोगी परीक्षाओं में मेरिट सूची की पात्रता से वंचित हो जाएंगी। उन्होंने अपनी कोरी मार्कशीट दिखाते हुए कहा कि सर प्लीज हमें अंक दिलवा दीजिए। डीएम ने कार्यवाही करने का आश्वासन दिया।
बोर्ड और स्कूल के बीच पिस रहे बच्चे
नरेश पारस ने जिलाधिकारी को तथ्यों से अवगत कराते हुए कहा कि सत्र 2020 21 में यूपी बोर्ड ने प्रदेश के सभी विद्यालयों से कक्षा 9 तथा हाई स्कूल प्री बोर्ड परीक्षाओं के अंक मांगे थे जिसके आधार पर हाई स्कूल के बच्चों को नंबर दिए गए थे। बोर्ड ने बताया कि जिन स्कूलों से अंक प्राप्त हुए थे उनको अंक दे दिए गए हैं। जिन्होंने अंक नहीं भेजे थे उनको केवल प्रमोट किया गया है। स्कूल संचालकों का कहना है कि उन्होंने बोर्ड को नंबर भेजे थे। जब स्कूलों ने नंबर भेजें और बोर्ड को नहीं मिले तो आखिर नंबर गए कहां ? बोर्ड द्वारा तर्क यह भी दिया जा रहा है कि जिन विद्यालयों ने पूर्णांक 70 में से प्राप्तांक दिए थे उन को समायोजित कर लिया गया है।
जिन्होंने 100 पूर्णांक में से अंक दिए थे उन पर विचार नहीं किया गया। जबकि बोर्ड का आदेश था कि 100 अथवा 70 पूर्णांक में से बच्चों को अंक दिए जा सकते हैं। स्कूलों द्वारा भरे गए अंको को भी बोर्ड के पोर्टल ने सफलतापूर्वक दर्ज कर लिया था। इसके बावजूद भी इन बच्चों को कोरी मार्कशीट थमा दी गई। जिन विद्यालयों ने अंक नहीं भेजे गए थे उनकी सूची भी जारी हुई थी। उस सूची में इन विद्यालयों का नाम नहीं था इसका अर्थ यह है कि इन छात्रों के विद्यालयों ने अंक भेजे थे। गलती किसी की भी हो लेकिन भविष्य बच्चों का खराब हो रहा है।
तेज होगी आंदोलन की धार
जिला मुख्यालय से हस्ताक्षर अभियान की शुरुआत कर दी गई है। यह अभियान अंक मिलने तक लगातार चलता रहेगा। धरना प्रदर्शन भी किए जाएंगे। जिला स्तर पर सुनवाई नहीं हुई तो मुख्यमंत्री आवास पर धरना दिया जाएगा। फिर भी अंक नहीं मिले तो हाई कोर्ट की शरण ली जाएगी। इस दौरान छात्र-छात्राओं में सुहाना सिंह, दिव्या सिंह, चीनी विमल, दिव्या माहौर, अनन्या, प्रिंस, दीपेश पारस, रोहित त्यागी, अर्जुन सिंह, मयंक सूर्यवंशी, अर्जुन बंसल, अभिषेक नीलम, दीपांशु कुमार, गुलशन, प्रशांत कुमार आदि मौजूद रहे।
संवाद:- दानिश उमरी