50 सदस्यीय नेशनल एसेंबली के 30 सासंदों ने एक संयुक्त बयान जारी कर अपनी सरकार से मांग की है कि वो हर तरह से भारत पर दबाव बनाए. पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर सांसदों ने कहा है कि भारत के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए. सोशल मीडिया पर भी प्रवासी भारतीयों के खिलाफ लोगों का गुस्सा फूट रहा है.
सासंदों ने एक संयुक्त बयान जारी कर घटना की निंदा की. सांसदों ने अपने बयान में कहा कि भारत की पुलिस ने उन मुस्लिमों के खिलाफ अत्याचार किए जो पैगंबर पर टिप्पणी को लेकर शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे. उन्होंने मुसलमानों के खिलाफ पुलिसिया कार्रवाई की निंदा की.
कुवैत टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, कुवैत के हजारों सोशल मीडिया कार्यकर्ता मांग कर रहे हैं कि सभी अरब देश, और विशेष रूप से खाड़ी देशों से हिंदुत्व समर्थक भारतीयों को उनके देश भेज दिया जाए. लोग मांग कर रहे हैं कि पैगंबर का अपमान करने और मुसलमानों के शांतिपूर्ण विरोध को लेकर उनके ऊपर कार्रवाई करने के बदले में खाड़ी देशों में रह रहे 80 लाख भारतीयों में से हिंदुत्वादियों को देश में काम न करने दिया जाए.
30 सांसदों ने अपने बयान में कहा, ‘कुवैत नेशनल असेंबली के सदस्य भारत सरकार, उसकी पार्टी और मीडिया अधिकारियों द्वारा पैगंबर, इस्लाम और इस्लाम के पवित्र स्थलों के खिलाफ किए गए अपमान को अस्वीकार करते हैं. बयान में भारतीय मुसलमानों और उनकी संपत्तियों के खिलाफ भारत सरकार की कार्रवाई की भी निंदा की गई और उन्हें सुरक्षा प्रदान करने का आह्वान किया गया.
सांसदों ने कुवैत की सरकार और बाकी देशों की सरकारों से पैगंबर के अपमान और भारतीय मुसलमानों के खिलाफ हमलों को रोकने के लिए राजनयिक, आर्थिक और मीडिया दबाव बढ़ाने का आग्रह किया.