अन्य

कासगंज के विभिन्न भागों में अन्तर्राष्ट्रीय विश्व योग दिवस भव्य रूप में मनाया गया

हजारों लोगो ने किया योग व प्राणायाम का अभ्यास
भारतीय संस्कृति की अमूल्य देन है योग

कासगंजः योग भारतीय संस्कृति एवं परंपरा की एक अमूल्य देन है। योग से हमें मानसिक शांति, आत्म विश्वास, मनोबल, संयम, और सहन शक्ति मिलती है। शारीरिक जटिलताओं से मुक्ति पाने के लिये समुचित जानकारी करके प्रतिदिन विभिन्न प्रकार के योगासन करना एक बेहतरीन उपचार है। प्रतिदिन योगा करके मानव शारीरिक व मानसिक रूप से मजबूत होकर स्वस्थ, प्रसन्नचित्त व निरोग रहता है। मानव जीवन के लिये स्वस्थ शरीर होना अनिवार्य है। शरीर को निरोग और स्वस्थ बनाये रखने के लिये योगा करना अत्यंत आवश्यक है। प्रतिदिन योगा करके विभिन्न बीमारियों और शारीरिक जटिलताओं से बचा जा सकता है। इम्युनिटी पावर बढ़ाने के लिये योगा बहुत महत्वपूर्ण है। जनसामान्य को योगा के प्रति जागरूक कर प्रेरित करने के लिये प्रतिवर्ष अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस 21 जून को मनाया जाता है।

इसी क्रम में आज आजादी के 75वें अमृत महोत्सव पर जिला प्रशासन द्वारा आठवां अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस जनपद में पूर्ण उत्साह और धूमधाम के साथ मनाया गया। जनपद के विभिन्न भागों में योग कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। मुख्य कार्यक्रम स्पोर्टस स्टेडियम सोरों में आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में विधायक सदर देवेन्द्र प्रातप राजपूत, अध्यक्ष जिला पंचायत रत्नेश कश्यप, शासन द्वारा नोडल अधिकारी के रूप में नामित वरिष्ठ आई0ए0एस0 अधिकारी वर्तमान में सीईओ यूपीसीडा के पद पर तैनात मयूर माहेश्वरी की गरीमामयी उपस्थित में जिलाधिकारी हर्षिता माथुर, पुलिस अधीक्षक रोहन प्रमोद बोत्रे, मुख्य विकास अधिकारी तेज प्रताप मिश्र, अपर जिलाधिकारी ए0के0 श्रीवास्तव, जिले के समस्त अधिकारियों, कर्मचारियों, गणमान्य नागरिकों, पत्रकारों, शिक्षक शिक्षिकाओं, छात्र छात्राओं सहित आमजन ने हजारों की संख्या में स्टेडियम परिसर में एक साथ योगाभ्यास किया तथा जनसामान्य को प्रतिदिन योगा करके स्वस्थ और निःरोग रहने का सन्देश दिया।
इस कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्जवलित कर किया गया। अतिथियों का स्वागत आतिथ्य परंपरा के अनुसार जिलाधिकारी ने लाल चन्दन का वृक्ष देकर किया।
आज के विषम परिस्थितियों में जब आदमी की सोच बदल गयी है, खान-पान बदल गया है, रहन-सहन बदल गया है, इस भौतिकता के युग में हम पाश्चात्य संस्कृति को अपनाते जा रहे हैं, जो जीवन के लिए अत्यन्त घातक है, योग दिवस हमे बतलाता है कि व्यक्ति को सूर्योदय के पूर्व उठना चाहिए, नियम, संयम को अपने जीवन में अत्यधिक महत्व देना चाहिए तभी व्यक्ति स्वस्थ्य रह सकता है।
यह एक ऐसा मौका था, जब जनप्रतिनिधि, जिले भर के अधिकारी और आम नागरिकों ने एक साथ योगाभ्यास किया। इसमें जनपद के कुशल योग प्रशिक्षक जे0सी0 चतुर्वेदी ने तथा पंतजलि योग पीठ व गायत्री परिवार के योग प्रशिक्षकों द्वारा योगासन और प्राणायम का अभ्यास उपस्थित साधकों को कराया। साथ ही इन योगासनों के शरीर पर पड़ने वाले प्रभावों और निरोगीकाया के लिए इनके महत्व को भी रेखाकिंत किया।
योगासनों में कॉमन योग प्रोटोकॉल की ग्रीवा शक्ति, शक्ति एवं घुटना शक्ति विकासक क्रियाओं, ताड़ासन, वृक्षासन, पादहस्तासन, अर्ध चक्रासन, भद्रासन, वज्रासन, उष्ट्रासन, उत्तान मंडूकासन, मकरासन, भुजंगासन, शलभासन, सेतुबंधासन, उत्तानपादासन, अर्ध हलासन, पवनमुक्तासन एवं शवासन सहित कपालभाति नाड़ी शोधन प्राणायाम शीतली प्राणायाम भ्रामरी प्राणायाम और ध्यान का अभ्यास कराया। तत्पश्चात राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।
संवाद , नूरुल इस्लाम