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टी.बी. मरीजों की मदद के लिए चैंमपियन का नम्बर जारी

जनपद में टीबी यूनिट पर लगाए जा रहे पोस्टर

पोस्टर में टीबी चैंपियन का नाम और नंबर होंगे दर्ज


आगरा। (डीवीएनए)जंग तो जीती टीबी से, कुछ खो के हमने पाया है। बनके टीबी चैपियंस, अब मदद का जज्बा जागा है। टीबी से स्वस्थ हो चुके 18 टीबी चैंपियंस अब टीबी यूनिट पर पोस्टर चिपकाए जाएंगे। इसमें उनका फोन नंबर भी लिखा जाएगा। जिससे कि टीबी मरीज को परेशानी होने पर वे टीबी चैंपियंस से अपने मन की बात कहकर परेशानी दूर कर सकें।


जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. संत कुमार ने बताया कि टीबी का इलाज संभव है, सही समय पर इसका उपचार करवाया जाए और समय से दवाइयों का सेवन किया जाए तो क्षय रोगी आसानी से स्वस्थ हो सकते हैं। लेकिन समाज में अब भी टीबी को लेकर लोगों में कई प्रकार की भ्रांतियां हैं। इन भ्रांतियों को दूर करने और क्षय रोगियों का मनोबल बढ़ाने के लिए जनपद में टीबी चैंपियन अपना अनुभव साझा कर रहे हैं। वे उन्हें बता रहे हैं कि टीबी का उपचार संभव है। वे क्षय रोगियों और उनके परिवार के सदस्यों को जोखिम मूल्यांकन और उपचार साक्षरता बढ़ा रहे हैं और टीबी को देश के खत्म करने में अपना योगदान दे रहे हैं।


जिला पीपीएम समन्वयक कमल सिंह ने बताया कि टीबी यूनिट पर उस क्षेत्र के पोस्टर को लगाकर टीबी चैंपियंस का नंबर और नाम लिखा जाएगा। उस नंबर टीबी चैंपियंस फोन करके दवा सहित टीबी के बारे में जानकारी सहित अन्य बातों के बारे में जानकारी ले सकते हैं। इससे टीबी मरीजों को हौंसला मिलेगा और उन्हें स्वस्थ होने में सहायता मिलेगी। टीबी चैंपियन रश्मि ने बताया कि वे खुद टीबी मरीज रह चुकी हैं और अब वे स्वस्थ होने के बाद टीबी चैंपियन के रूप में सक्रिय टीबी मरीजों की मदद कर रही हैं। वे कहती हैं कि उन्हें अपने अनुभव के कारण टीबी मरीजों की काउंसलिंग करने में काफी सहायता होती है।

टीबी चैंपियन ब्रजमोहन ने बताया कि उन्हें जब टीबी होने का पता चला था, तब वे काफी हताश हो गए थे। इसलिए वे समझते हैं कि टीबी मरीजों को काउंसलिंग की काफी जरुरत होती है। मैं अब टीबी मरीजों की काउंसलिंग कर रहा हूं तो मुझे काफी अच्छा लगता है।

संवाद:- दानिश उमरी