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तनावरहित शिक्षक ही रचनात्मक शिक्षण कर सकता है -शशांक तिवारी

छात्र में जिज्ञासा पैदा करना आवश्यक है- अजय शर्मा

आगरा सरस्वती विद्या मंदिर कमला नगर आगरा में आयोजित नवीन आचार्य विकास वर्ग में ब्रज प्रदेश के शैक्षिक प्रमुख श्री अशोक शर्मा ने कहा कि शिक्षक को प्रतिभाशाली भाबुक,आराध्य, आकर्षक ,इमानदार, ऊर्जावान व सम्मान करने योग्य होना चाहिए। शिक्षक को हमेशा पाठ योजना की तैयारी करके ही कक्षा में जाना चाहिए। छात्रों के प्रश्न पूछने की क्षमता जगाना चाहिए। स्नेह प्रेम सम्मान छात्र के प्रति रखना अति आवश्यक वर्ग के उप प्राचार्य श्री शशांक तिवारी ने कहा कि शिक्षक को तनाव रहित रोचक एवं बच्चों की अनुकूल शिक्षण करना चाहिए उन्होंने आगे बताया कि तनाव दो प्रकार के होते हैं तीव्र तनाव और चिर तनाव तीव्र तनाव मानव दुनिया भर के तनाव का मुख्य रूप है। तनाव अत्यंत घातक है यह लंबे समय तक रहता है तो स्मृति हानि भी हो सकती है इसको दूर करने के लिए व्यायाम ,ध्यान ,प्रकृति, समय प्रबंधन ,संगीत में समय देना चाहिए कार्यक्रम में श्री विद्या परिषद की क्षेत्रीय मंत्री श्रीमती विद्योत्तमा जी ने सर्व समावेशी शिक्षा पर व्याख्यान दिया। उन्होंने कहा कि शिक्षा ऐसी हो जो सबके लिए समान हो व्यवस्थाएं भी बिना किसी भेदभाव के हो हर छात्र शिक्षक के लिए सम्माननीय होना चाहिए दिव्यांग छात्रों को भी समान महत्व दिया जाना चाहिए। छात्रों को बहुभाषी और सभी धर्मों की धार्मिक शिक्षा दी जानी चाहिए। राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित पूर्व प्राचार्य अजय शर्मा ने कहा कि शिक्षा के पांच स्तंभ है छात्र ,आचार्य ,प्रबंध तंत्र, संगठन व अभिभावक। विद्यालय के सभी अवयवों का निरीक्षण अभिभावक ही करता है अतः अभिभावक प्रथम निरीक्षक होता है अभिभावक संपर्क विद्या भारती की अभिनव योजना है इसके द्वारा सर्वांगीण विकास, संगठनात्मक विकास व पारिवारिक विकास होता है अभिभावकों को सक्रिय रखने के लिए गोष्ठी ,बैठक ,वंदना में आमंत्रण ,विभिन्न आयोजनों में निमंत्रण आदि करते रहना चाहिए। अभिभावक संपर्क के दौरान रखी जाने वाली सावधानियों पर भी गंभीर चिंतन किया। वर्ग के निदेशक श्री प्रमोद वर्मा ने बताया कि आचार्य दैनंदिनी आचार्य का दर्पण है व्यवहार बताने में सहायक है । इसी तरह छात्र दैनंदिनी छात्र का दर्पण होती है हमें जयंतिया और उत्सव अवश्य मनाने चाहिए शैक्षिक यात्रा भी अत्यंत आवश्यक है ।कार्यक्रम में सरस्वती विद्या मंदिर के प्राचार्य श्री कृष्ण कांत द्विवेदी ने भी सोशल मीडिया के महत्व को समझाया

संवाद। फैज़ान उद्दीन