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दरगाह ख्वाजा साहब है अमन का स्थान नापाक मंसूबे नहीं होंगे कामयाब: दरगाह कमेटी

अजमेर । महान सूफी संत हजरत ख्वाजा ग़रीब नवाज़ रह. की दरगाह शरीफ़ पिछली आठ सदीयों से अमन, चैन और मोहब्बत का गहवारा रही है। हर दौर और स्थिति में दरगाह शरीफ से केवल शांति का ही पैगाम दिया गया है। लेकिन पिछले दिनों कुछ व्यक्तियों द्वारा स्वयं की लोकप्रियता के लिए दरगाह शरीफ़ का नाम गलत तरह से उपयोग में लिया गया, जिससे न सिर्फ ख्वाजा साहब की अमन, चैन, शांति, दोस्ती, मोहब्बत जैसी शिक्षाओं का अपमान हुआ वहीं देश दुनिया में आस्ताना शरीफ़ की गरीमा को भी ठेस पहुंची है।

ऐसे में दरगाह कमेटी तमाम ख्वाजा साहब के अनुयायियों से अपील करती है कि वे ख्वाजा साहब की दरगाह हमेशा की तरह श्रृद्धा और आस्था के साथ आए। यह दरगाह अमन का स्थान है जो दिलों को जोड़ने का काम करता है। यहां सभी धर्मो, सम्प्रदायों एवं व्यक्तियों का सम्मान किया जाता है। साथ ही जो व्यक्ति अपनी हिंसक सोच के कारण किसी भी धर्म या आस्था के केन्द्र को बदनाम करते हैं उनकी हम पूरी तरह से निंदा करते हैं।

दोनों अंजुमन (सैय्यदज़ादगान और शेखज़ादगान) से कि सहयोग की अपील: नाज़िम कार्यालय द्वारा दोनों अंजुमन के सचिव को पत्र प्रस्तुत करते हुए सहयोग की अपील की गई कि वह स्वयं एवं अपने समुदाय को लोगों में भी पैगामी दिया जाए कि ऐसे मुश्किल समय में कोई ऐसा बयान, प्रचार या घटना से बचे जिससे ख्वाजा साहब की शिक्षाओं और संस्था की गरीमा को ठेस पहुंचे।

संवाद। मो नज़ीर क़ादरी