राजनीति

एएमयू का बजट नहीं बढ़ा तो होगा आंदोलन- शाहनवाज़ आलम

एएमयू का बजट सौ करोड़ करने के लिए अल्पसंख्यक कांग्रेस ने हर ज़िले से भेजा शिक्षा मंत्री को ज्ञापन

फ़र्ज़ी डिग्री वाले पीएम दूसरों को भी पढ़ने नहीं देना चाहते- शाहनवाज़ आलम

लखनऊ। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविधालय का बजट 62 करोड़ से घटा कर 9 करोड़ करने के खिलाफ़ अल्पसंख्यक कांग्रेस की ज़िला और शहर इकाइयों ने प्रदेश भर से शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को 4 सूत्रीय ज्ञापन भेजा।

कांग्रेस मुख्यालय से जारी विज्ञप्ति में अल्पसंख्यक कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष शाहनवाज़ आलम ने बताया की ग़ाज़ियाबाद, हापुड़, आगरा, अलीगढ़, रामपुर, मुरादाबाद, संभल, सहारनपुर, मेरठ, मुरादाबाद, पीलीभीत, बरेली, शाहजहाँपुर, बदायूं, बाराबंकी, आजमगढ़, झांसी, हमीरपुर, श्रावस्ती, सिद्धार्थनगर, शामली, इलाहाबाद, उन्नाव, मऊ, ग़ाज़ीपुर, बनारस, चंदौली, भदोही, फतेहपुर समेत हर ज़िले से ज्ञापन भेज कर एएमयू का बजट 100 करोड़ करने की मांग की गयी। उन्होंने कहा कि एक साज़िश के तहत मोदी सरकार विश्वविद्यालयों को कमज़ोर कर देश में तार्किक और वैज्ञानिक सोच को कमज़ोर कर रही है ताकि भाजपा को मंदबुद्धि कार्यकर्ता मिलते रहें। उन्होंने कहा कि जब पीएम और सीएम कम शिक्षित होते हैं तो वो दूसरों को भी पढ़ने नहीं देना चाहते।

शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यह देश का दुर्भाग्य है कि जो अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय देश के अंदर सरकारी विश्वविद्यालयों की सूची में चौथे स्थान पर हो और ओवर ऑल अकादमिक रेटिंग में 10 वें नंबर पर हो उसका बजट सरकार पिछले 3 सालों में 62 करोड़ से घटा कर 9 करोड़ कर रही है। जबकि इसे और बढ़ा कर उच्च अकादमिक लक्ष्यों को हासिल करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए था।

शाहनवाज़ आलम ने कहा कि भाजपा और संघ की आँख में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय शुरू से ही चुभता रहा है। इसलिए उसे बदनाम करने या नाम बदलने की घटिया मानसिकता से सरकार उस पर हमलावर रहती है। उन्होंने कहा कि चूंकि एएमयू एक विश्वविख्यात शैक्षणिक केंद्र है इसलिए संघ उस पर न तो ताला लगा सकता है और न बाबरी मस्जिद की तरह ढहा सकता है। इसलिए उसे आर्थिक तौर पर कमज़ोर करने के लिए सरकार बजट घटा रही है।

शाहनवाज़ आलम ने कहा कि अगर एएमयू का बजट नहीं बढ़ाया गया तो अल्पसंख्यक कांग्रेस इसके लिए पूरे प्रदेश में अभियान और आंदोलन चलायेगी।

संवाद। अज़हर उमरी