राजनीति

गरीबों को मिलने वाली सुविधाओं को खत्म करने का माहौल बना रहे हैं मोदी- शाहनवाज़ आलम

गंभीर आर्थिक संकट को स्वीकार करने के बजाए गरीबों को ही दोषी ठहरा रही है सरकार

लखनऊ। केंद्र सरकार अब गरीबों को मिलने वाले खाद्य और स्वास्थ्य सुविधाओं को खत्म करने का माहौल बना रही है। इसीलिए मोदी जी अब इसे मुफ़्त की रेवड़ी कहकर विकास में बाधा बता रहे हैं। जबकि खुद भाजपा चुनावों में ऐसे ही वादों से वोट ले कर जीतती रही है।

ये बातें अल्पसंख्यक कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष शाहनवाज़ आलम ने स्पीक अप कार्यक्रम के 54 वीं कड़ी में कहीं। गौरतलब है कि कल बुंदेलखण्ड एक्स्प्रेस वे के उद्घाटन के अवसर पर प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि मुफ्त में रेवड़ी बाँट कर वोट बटोरने का कल्चर लाया जा रहा है।

शाहनवाज़ आलम ने कहा कि विधान सभा चुनाव से पहले भाजपा ने जो वादे किये थे उसे मोदी जी को पहले देख लेना चाहिए था। जिसमें कहा गया था कि किसानों को सींचाई के लिए मुफ़्त बिजली दी जाएगी। उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को होली और दिवाली में दो मुफ़्त सिलेंडर दिया जाएगा। मेधावी छात्राओं को रानी लक्ष्मीबाई योजना के तहत मुफ़्त स्कूटी दी जाएगी, 60 साल से ज़्यादा उम्र के लोगों को रोडवेज में मुफ़्त में यात्रा की सुविधा दी जाएगी। स्वामी विवेकानंद युवा सशक्तिकरण योजना के तहत 2 करोड़ टैबलेट और स्मार्ट फोन बाँटा जाएगा। वहीं सब को 15 लाख रूपये देने वाला उनका वादा तो सदी की सबसे बड़ी रेवड़ी थी।

शाहनवाज़ आलम ने कहा कि मोदी जी यूँ ही यू टर्न नहीं ले रहे है। विकास दर माईनस में होने, गेहूं के निर्यात पर पाबंदी लगाने का नाटक कर आटा का निर्यात जारी रखने से पैदा हुए खाद्यान्न संकट, देश के सरकारी बैंकों में जमा धन को अपने मित्रों को देने के लिए आगामी मॉनसून सत्र में बैंकिंग कानून संशोधन विधेयक लाने के बाद उत्पन्न होने वाले आर्थिक संकट को देखते हुए केंद्र सरकार कल्याणकारी योजनाओं से हाथ खीचने के लिए माहौल बना रही है। सरकार को यह भी डर है कि कहीं श्रीलंका जैसे हालात न हो जाएं इसलिए भी प्रधान मंत्री लोगों को सरकारी योजनाओं के भरोसे न रहने और निजी सेक्टर से ज़रूरत की चीज़ों की खरीदारी के लिए तैयार रहने का संकेत दे रहे हैं। यह अपने उद्योगपति मित्रों को देश बेचने से पैदा हो रहे आर्थिक संकट के लिए गरिबों को दोष देने की कोशिश है।

संवाद। अज़हर उमरी