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विवि का प्री पीएचडी का ओरियंटेंशन प्रोग्राम का हुआ आगाज़

आगरा। (डीवीएनए) डॉक्टर भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय में प्री पीएच.डी. का ओरियंटेशन प्रोग्राम विश्वविद्यालय के सिविल लाइंस स्थित संस्कृति भवन ललित कला संस्थान के ऑडिटोरियम में किया गया जिसमें सभी विषयों के शोधार्थियों को दो सत्रों में आमंत्रित किया गया था कार्यक्रम का प्रारंभ मां सरस्वती तथा भगवान गणेश की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर सरस्वती वंदना का पाठ करने के साथ किया गया तथा ललित का संस्थान के शिक्षक पंडित देवाशीष गांगुली तथा संगीत के छात्र छात्राओं ने विश्वविद्यालय के कुल गीत से इस ओरियंटेशन प्रोग्राम का प्रारंभ किया।

इस ओरियंटेशन प्रोग्राम मे विश्वविद्यालय की डीन रिसर्च प्रोफ़ेसर विनीता सिंह ने सभी अतिथियों का परिचय कराया तथा स्वागत उद्बोधन दिया इस अवसर पर एसोसिएट डीन प्रोफेसर बी पी सिंह जी ने पूरा विवरण बताया कि कोर्स वर्क में किस प्रकार से उपस्थिति की अनिवार्यता रहेगी 75 परसेंट से कम होने पर कोर्स वर्क की परीक्षा में नहीं बैठने दिया जाएगा पिछले सत्रों में भी 80 के 100 शोधार्थियों को उपस्थिति के कारण रोका गया कोर्स वर्क क्वालीफाई करना होगा, क्वालीफाई न करने पर पुनः परीक्षा देनी होगी, विश्वविद्यालय के क्षेत्र में अनेक महाविद्यालय रिसर्च सेंटर के रूप में काम कर रहे हैं।

प्रोफेसर बी पी सिंह जी ने बताया कि प्रोफेसर के अंडर में 8 शीटे, एसोसिएट प्रोफेसर के अंडर में 6 शीटे तथा असिस्टेंट प्रोफेसर के अंडर में 4 शीटे दी जाएंगी सभी रिसर्च स्कॉलर की अटेंडेंस 18 तारीख से प्रारंभ होगी प्रतिदिन 2 घंटे की क्लास भी लगेगी आरडीसी ही सुपरवाइजर तय करती है सिनॉप्सिस को अथवा टॉपिक को मॉडिफाई करने का काम भी आरडीसी का है, प्रत्येक 6 माह के बाद अपनी प्रोग्रेस रिपोर्ट बनानी होगी जो लगातार 3 साल तक बनानी है , प्रत्येक रिसर्च पेपर में विश्वविद्यालय का नाम अवश्य लिखा जाए अन्यथा उसकी काउंटिंग आपके रिसर्च पेपर के रूप में नहीं की जाएगी।

इस अवसर पर गेस्ट ऑफ ऑनर के रूप में नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी भोपाल से पधारे प्रोफेसर टी के मोहंती जी ने कहा कि हमारे देश में 15 से 55 वर्ष की आबादी ज्यादा है हमारे देश की आमदनी भी ज्यादा है पावर ऑफ नॉलेज हमें ज्यादा करनी होगी भारत में ज्ञान ही सभ्यता है वेद उपनिषद यह सब – सा विद्या या विमुक्तए , अंधेरे से प्रकाश की ओर,असत्य से सत्य की ओर, मृत्यु लोक से अमृत्युलोक की ओर जाने की बात करते हैं लक्ष्य ऐसा ही होना चाहिए विज्ञान अनेक प्रकार के होते हैं।

साइंस सिध्दांत है, कानों से सुनी हुई सभी बातें अच्छी हो उनके लिए उसको हृदय से सुनना होगा, मुख्य अतिथि के रूप में महाराजा सूरजमल बृज विश्वविद्यालय भरतपुर के कुलपति प्रोफेसर राजेश धाकरे जी ने बताया कि पहली सीख टॉपिक बहुत बड़ा नहीं होना चाहिए, 2009 से पहले की रिसर्च में कोर्स वर्क का प्रावधान नहीं था अब 7 स्टेप में आपका टेस्ट होगा विश्वविद्यालय का क्षेत्र कम हुआ है हो सकता है कुछ कॉलेजों में रिसर्च सेंटर ना हो अच्छा लिटरेचर सिलेक्ट करना होगा।

सेमिनार की प्रेजेंटेशन की प्रैक्टिस करते रहिए लाइब्रेरी की किसी भी बुक का पीपीटी प्रेजेंटेशन बनाइए और उसकी भी प्रैक्टिस करते रहिए प्रोफेसर राजेश धाकरे जी ने बताया कि प्री पीएचडी ओरियंटेशन के प्रोग्राम में मिले तो छात्रों ने गूगल बना दिया आप भी इमानदारी से सर्च कीजिए सुपरवाइजर से संबंध अच्छे रखिए अपनी नौकरी की चिंता करिए अपना वर्क ईमानदारी से करते रहिए इस अवसर पर उपकुलपति प्रोफेसर अजय तनेजा जी ने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि आप लोग हमारे ब्रांड एंबेस्डर हैं गुड कम्युनिकेशन के साथ स्किल होनी चाहिए यूजीसी की नई गाइडलाइन के अनुसार पीएचडी भी होना आवश्यक है।

स्किल्स करते रहिए ह्यूमन बीइंग के लिए रिसर्च करते रहिए, रिसर्च ने अमोनिया फर्टिलाइजर बनाएं जिससे हम लोगों को खाने की किल्लत नहीं हुई हमारे देश में अकाल जैसी कोई समस्या नहीं आई आप भी इसी प्रकार की रिसर्च करिए जो मानवता के काम आए , प्रोफेसर विनीता सिंह ने सभी छात्रों को संबोधित करते हुए अपने पीएचडी कैसे करनी है के संबंध में पूर्ण जानकारी दी तथा किसी भी समस्या के लिए बात करने की बात कही।

इस अवसर पर एसोसिएट डीन रिसर्च प्रोफेसर मोहम्मद अरशद ने इस ओरियंटेशन प्रोग्राम का संचालन किया तथा सभी को आभार व्यक्त किया एसोसिएट डीन रिसर्च डॉ राजीव वर्मा ने सभी का धन्यवाद ज्ञापन किया अतिथियों का आभार व्यक्त किया इस अवसर पर सहायक कुलसचिव अनूप केशरवानी अधीक्षक रिसर्च श्री अजय कुलश्रेष्ठ सीनियर असिस्टेंट डॉक्टर नीलम शर्मा फिजिक्स डिपार्टमेंट के सभी शोधार्थी शिक्षक ललित कला संस्थान के शिक्षक और छात्र छात्राओं ने सहयोग प्रदान किया।

संवाद:- दानिश उमरी